Home कविताएं क्या आप सोचते हो ?

क्या आप सोचते हो ?

0 second read
0
0
427

क्या आप सोचते हो ?
क्या आप सोच को लिख सकते हो ?
यदि हांं
तो लिखो
जो आप सोचते हो.

सच को सच लिखो
बावजूद इसके कि
यदि आपने सच लिखा तो
आपकी खैर नहीं
फिर भी, लिखो
लिखना जरूरी है.

क्या आप बोलते हो ?
क्या आप सच बोलते हो ?
तो बोलो
यह भी सच है आपने बोला तो
आपकी खैर नहीं
फिर भी, बोलो
जिंदा हो तो बोलना जरूरी है.

आप की सोच, आपकी आवाज
आपकी लेखनी और आपका अंदाज
धीरे-धीरे मर रहा है
इससे पहले की यह
मर जाए पूरी तरह
एक अन्तिम कोशिश करो
जिंदा हो तो जीने के लिए.

  • खजान पांडेय

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
  • विष्णु नागर की दो कविताएं

    1. अफवाह यह अफवाह है कि नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री हैं अमित शाह गृहमंत्री आरएसएस हि…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…