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किसान विरोधी कानून : ज़मीन की कुर्की होगी या नहीं ?

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किसान विरोधी कानून : ज़मीन की कुर्की होगी या नहीं ?

मोदी सरकार द्वारा लाया गया नया कृषि कानून को आप अंग्रेजों द्वारा 1938 में लाये गये कृषि कानून का जीरोक्स कॉपी है.

मारियो पूजो ने एक बार लिखा था कि ‘A lawyer with his briefcase can steal more than a hundred men with guns.’ मतलब एक वकील अपने ब्रीफ़केस के सहारे सौ बंदूकधारियों से ज्यादा बड़ी चोरी कर सकता है.’ क्या कॉन्ट्रक्ट फार्मिंग के कानूनी तीरों की जद में इस बार किसान भी आये हैं ?

जब मंत्री कहते हैं कि ‘कॉन्ट्रक्ट फार्मिंग के कानून में कहीं नहीं लिखा कि ज़मीन कुर्क होगी’ तो वो सच्चा झूठ बोलते हैं. कानून में एक जगह लिखा है ‘ज़मीन की कुर्की नहीं होगी.’ वहीं दूसरी जगह अध्याय 3 (विवादों के निपटारे) में कंपनी को किसान से पैसे लेने का मैकेनिज्म सेट किया गया है तो वहीं सेक्शन 14 का सबसेक्शन 7 कहता है कि ‘कंपनी पैसे की रिकवरी रिकवरी लैंड रेवेनुए एरियर के तहत होगी.’

अब अगर SDM मोहदय जिन्हें इस बिल में सिविल कोर्ट के जज के अधिकार भी दे दिए गये हैं, इस सब सेक्शन के तहत फैसला दे तो इसका मतलब है पैसे की जब्ती लैंड रेवेनुए की धाराओं के अनुरूप होगी. और उस कानून में ज़मीन की कुर्की होती है.

इसे कुछ कुछ ऐसे समझ सकते है कि किसानों के कानून में कहीं नहीं लिखा कि आपको कत्ल पर सजा-ए-मौत हो सकती है पर आपने जो क़त्ल किया उसका फैसला एक दूसरे कानून IPC 302 के अनूरूप होगा. अब 302 के तहत सजा-ए-मौत हो गयी तो मंत्री ने तो सच ही कहा कि कानून में कुर्की का कहीं नहीं लिखा, पर जिस कानून के तहत रिकवरी होगी उसके लिए कमेंट में मैंने स्क्रीन शॉट लगाया है, जिसमें कुर्की होती है.

मंत्री जी, अगर कुर्की करने की नीयत नहीं है तो ये कुर्की करने वाला 14(7) लिखा ही क्यों है कानून में ? और अब कुर्की होगी या नहीं होगी, ये देश के हजारों SDM सेक्शन 15 के तहत फैसला देंगे या सेक्शन 14(7) के तहत ? लैंड रेवेनुए की कौन-सी धाराएं अप्पलाई करेंगे ? ये SDM महोदय जाने या कंपनियांं.

अंत में, किसानों क्या आप जानते हैं कानूनों को उलझा-उलझा कर लिखने के कारण एक बड़े इंग्लिश कानूनी जानकर Sir Ivor Jennings ने भारत को ‘वकीलों का स्वर्ग’ कहा है. हम इन्हीं शातिर कानूनी दांव-पेंचों के कारण दुनिया भर के सर्वाधिक लिटिगेशन दर वाले देशों में शुमार भी हैं.

  • महक सिंह तरार

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