झूठे वादों की पोटली लेकर सत्ता में आने वाले मसखरा मोदी सरकार के 15 लाख रुपये देश के लोगों को मिलने वाले पैसे भले ही जुमले बन गये हैं परन्तु दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने हर परिवार को लगभग 7 साल रूपये का सीधा फायदा पहुंचा रही है.
दिल्ली सरकार अपने गवर्नेंस माॅडल के जरिये दिल्ली में रहने वाले परिवार को 1.5 लाख रूपये प्रतिवर्ष का सीधा लाभ पहुंचा रही है, लेकिन कैसे आईये इसे समझते हैं –
1 आज औसतन हर परिवार में 2 बच्चे ऐसे होते हैं जो स्कूल जाते हैं. यदि ये बच्चे सुविधाओं के नाम पर किसी सामान्य प्राईवेट स्कूल में प्रवेश लेते हैं तो हर बच्चे की औसतन फीस 3,000 रूपये हर महीने के हिसाब से 2 बच्चों पर 6,000 रूपये प्रतिमाह का खर्च होता है यानि साल के लगभग 72,000 रूपये और इसके अतिरिक्त प्राईवेट स्कूलों के विभिन्न खर्चे अलग.
जबकि दिल्ली सरकारे ने सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों से बेहतर बनाया है और शिक्षा, किताबें और सुविधायें बिल्कुल मुफ्त है, यानि परिवार अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाकर हर साल 75,000 रूपये बचा सकता है और अब सरकारी स्कूलों में शिक्षा का माहौल निजी स्कूलों से बेहतर है.
2 एक परिवार में औसतन 4 सदस्य माने जायें तो महीने में एक सदस्य को मेडिकल चेकअप और ईलाज की आवश्यकता पड़ती है. जांच, दवा, चेकअप आदि मिलाकर छोटे से छोटे इलाज में 2,000 रूपये का खर्च आता है. अब मोहल्ला क्लीनिक में ये सब बिल्कुल मुफ्त है, अर्थात्, हर साल कम से कम 25,000 रूपये की सीधी बचत.
3. बिजली के बिल पूरे देश में लगातार बेतहाशा बढ़े हैं लेकिन दिल्ली में इसके उलट बिजली की दरें घटी हैं. एक परिवार औसतन महीने में 400 यूनिट बिजली की खपत करता है. पूरे देश के हिसाब से औसत निकालें तो इसका बिल 3,300 रूपये के आस-पास आयेगा. जबकि दिल्ली में ये बिल आम आदमी पार्टी की सरकार में 1300 रूपये का आता है, जो अब और कम हो जायेगा और काटौती पर जुर्माना भी मिलेगा, यानि कम से कम 2,000 रूपये प्रतिमाह और 24,000 रूपये प्रतिवर्ष की बचत.
4. पहले दिल्ली में रहने वाले परिवारों को पानी के भारी बिलों का बोझ चुकाना पड़ता था, जो औसतन कम से कम 1,000 रूपये महीना तक का बोझ चुकाना पड़ता था. अब दिल्ली में हर परिवार को 20,000 लीटर पानी हर महीने बिल्कुल मुफ्त मिलता है, अर्थात्, 12,000 रूपये प्रतिवर्ष की सीधी बचत.
5. इसके अलावा डोरस्टेप डिलीवरी आॅफ सर्विसेज शुरू होने पर एक परिवार को कम से कम सालाना 5 से 10 हजार रूपये तक की सीधी बचत होगी क्योंकि पहले इन सेवाओं के चक्कर लगाने में छुट्टी लेने में और भ्रष्टाचार में बड़ी राशि खर्च होती थी.
इस प्रकार दिल्ली सरकार जनता के टैक्स के पैसे का लाभ सीधे जनता तक पहुंचा रही है और अपने पूरे 5 साल के कार्यकाल में हर परिवार को कम से कम 7 लाख रूपये की सीधी बचत दे रही है.
वहीं केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार औद्योगिक घरानों को फायदा पहुंचा रही है. एक आंकड़े के अनुसार मोदी के इन चार सालों में तकरीबन 2300 करोड़पतियों ने देश के बैंकों से हजारों करोड़ रुपये कर्ज के नाम पर लेकर देश छोड़कर भाग गये. भागने वाले इन करोड़पतियों से कमीशन लेकर मोदी सरकार इन लुटेरे भगोड़ों को न केवल विदेशों में सेटल कर रहे हैं, वरन् उसकी सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहे हैं. कहा जाता है कि अंग्रेजी हुकूमत ने 200 साल के शासनकाल में देश को जितना नहीं लूटा, मोदी सरकार के महज चार साल के शासनकाल में उससे ज्यादा देश को लूट लिया और विदेश भेज दिया.
वहीं देश हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए देश के किसानों, व्यापारियों, आम आदमी की जमापूंजी में सेंध लगा रही भाजपा अब हर देशवासियों से 15 लाख रुपये वसूलने पर आमादा है और इसके लिए जुगत भिड़ा है. देशवासियों को खाते में 15 लाख रुपये देने का वादा असल में देशवासियों से 15 लाख रुपये वसूल करने की कार्रवाई थी, जिसे मोदी सरकार अंजाम दे रही है.
देश के सामने बेइमान और सर्वाधिक भ्रष्ट भाजपा सरकार और उसके गुर्गों के काले कारनामे जहां हर क्षण आम जनता को मौत और जलालत में भेज रही है वहीं एक चौथाई ताकत हासिल करने वाली दिल्ली सरकार अपनी ईमानदारी के बदौलत एक लंबी लकीर खींच रही है, जिसके सामने नरेन्द्र मोदी की मसखरी सरकार बौनी नजर आ रही है.
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