कांग्रेस मुक्त भारत के नारे के साथ पूर्ण बहुमत से सत्ता संभालने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जिसने कांग्रेस को विपक्ष का दर्जा तक देने से इंकार कर दिया है, अब कांग्रेस को बेहिसाब याद कर रहे हैं. देश के अधिकांश राज्यों सहित देश की सत्ता सुख भोग रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी नाकामियों या यों कहें अपने कुकृत्य का ठीकरा फोड़ने के लिए अदद सिर की तलाश कमजोर पड़ी कांग्रेस में पूरी हुई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मोतिहारी में चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी कार्यक्रम के समापन पर विपक्ष पर निशाना साधते हुए यह आरोप लगाया है कि “एनडीए सरकार गरीबों के लिए काम कर रही है, लेकिन विपक्ष ऐसा होने देना नहीं चाहता. विपक्ष को लगता है कि यदि गरीब मजबूत हो गया तो फिर उसके सामने झूठ बोलना मुश्किल हो जाएगा इसलिए उनके विरोधी जन-जन को जोड़ने के बजाय उसे तोड़ने में जुटे हैं.”
देश में नोटबंदी जैसे महाघोटाले को जबरन रातों-रात अंजाम देने वाले, जीएसटी जैसी व्यापार विरोधी नीतियों को आधी रात से जबरदस्ती लागू करने वाले नरेन्द्र मोदी, पूरी पृथ्वी का उपग्रह की तरह चक्कर लगाने के बाद जब माल्या, छोटा मोदी सहित तकरीबन 2300 कॉरपोरेट जगत के करोड़पतियों द्वारा हजारों करोड़ रुपए देश के बैंकों से लेकर विदेश भगाने का आरोप झेल रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चार साल के बाद भी अपनी एक भी उपलब्धि गिना पाने की हालत में नहीं हैंं.
देश भर में हत्या, बलात्कार, साम्प्रदायिक दंगे, दलितों-आदिवासियों पर हमले, आरक्षण को खत्म करने, व्यवसायियों को बर्बाद कर देने, किसानों को मरने पर मजबूर कर उसका उपहास करने, शिक्षा को बेचने की बस्तुओं में तब्दीली को प्रोत्साहित करने, सरकारी संपत्ति को कौडिय़ों के दाम पर निजी हाथों में बेच देना, आम युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खत्म कर थैलीशाहों और सवर्णों हेतु सुनिश्चित करना आदि जैसे कृत्यों का जिम्मेदार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ देश भर की जनता उठ खड़ी हुई है.
ऐसे में अपनी नाकामियों और जनता के विरोध से चौतरफा घिरे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी नाकामियों का ठिकरा नेहरू, गांधी, कांग्रेस पर फोड़ने की असफल कोशिश के बाद देश में नौटंकी का नया अध्याय शुरू कर दिये हैं – धरना और उपवास का.
‘धरना देने वाले जंगल जाये’ का घोषणा करने वाले मोदी जब धरना और उपवास का नौटंकी करते हैं तब वह खुद को उपहास का ही पात्र बनाते हैं. आज वह जिस विपक्ष की तलाश में उपवास की नौटंकी कर रहे हैं, असल में वह विपक्ष इस देश उत्पीड़ित जनता है, जो मोदी सरकार के कुकृत्यों के खिलाफ उठ खड़ी हुई है.