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24 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में होगा संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों का संयुक्त सम्मेलन

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दो दिन पहले 12 अगस्त को किसान संघर्ष समिति की 308वीं किसान पंचायत संपन्न हुई, जिसमें देशभर के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इन शामिल प्रतिनिधियों में नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री और सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर, नर्मदा बचाओ संरक्षण समिति की अध्यक्ष गीता मीणा, पंजाब से जय किसान आंदोलन की महासचिव रविंदर कौर पाल, किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष हरजीत सिंह, जम्हूरी किसान सभा के अध्यक्ष सतनाम सिंह, भाकियू, कादियान के प्रदेश अध्यक्ष गुरनाम सिंह भिकी शामिल थे.

इनके अलावे भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के प्रवक्ता तेजवीर सिंह, रीवा से संकिमो के संयोजक एड शिवसिंह, अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश महासचिव प्रहलाददास वैरागी, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव, किसान जागृति संगठन के अध्यक्ष इरफ़ान जाफरी, संकिमो सिवनी के संरक्षक धरमदास वासनिक, शहीद राघवेंद्र सिंह किसंस के अध्यक्ष इंद्रजीत सिंह शंखू, भारतीय किसान श्रमिक जनशक्ति युनियन, सागर के प्रदेश अध्यक्ष संदीप ठाकुर, किसान संघर्ष समिति के सचिव भागवत परिहार शामिल रहे, जिसका संचालन प्रदेश उपाध्यक्ष एड आराधना भार्गव ने किया.

किसान पंचायत को संबोधित करते हुए विभिन्न राज्यों के किसान नेताओं ने कहा कि किसानों की सबसे बड़ी समस्या उपज का उचित मूल्य का नहीं मिलना है. केंद्र सरकार जो एमएसपी तय करती है, उस पर कहीं भी सभी 23 फसलों की पूरी खरीद नहीं होती है. जिस उद्देश्य से सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा लेकर आई थी, उसका लाभ किसानों को न मिलते हुए बीमा कंपनियों को मिलता है.

पंजाब हरियाणा के किसान नेताओं ने कहा कि अतिवृष्टि से बाढ़ के कारण कई किसानों की फसलें पूरी तरह मिट्टी में दबकर नष्ट हो गई है लेकिन सरकार ने कोई मदद नहीं की लेकिन किसान संगठनों द्वारा सभी प्रभावित किसानों की पूरजोर मदद की जा रही है. उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों ने आंदोलन करके सूरजमुखी की एमएसपी पर खरीद करने को सरकार को मजबूर किया है. किसान पंचायत में सभी संगठनों की ओर से हरियाणा के किसान संगठनों को बधाई दी और कहा कि यह किसानों की एकजुटता का परिणाम है.

मध्य प्रदेश के किसान संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि किसानों को यूरिया खाद के साथ नैनो यूरिया जबरदस्ती खरीदने को मजबूर किया जा रहा है, जिससे किसानों पर अतिरिक्त भार पड़ रहा है. प्रदेश में यूरिया खाद की कमी आ रही है लेकिन सरकार पर्याप्त खाद उपलब्ध नहीं करा रही है. खाद की कमी से किसानों की फसलें प्रभावित हो रही हैं.

वहीं, बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. जगह जगह खंबे गिर रहे हैं, तार जमीन छू रहे हैं, जिससे जन धन की क्षति हो रही है. किसान नेताओं ने कहा कि छुट्टा पशु और जंगली पशु किसानों की फसलों को चट कर रहे हैं लेकिन प्रशासन न तो रोकथाम का कोई प्रबंध करता है, न फसल बीमा दिलाता है.

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ. सुनीलम ने देश के सभी जन संगठनों से गांधी के विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए जेपी-विनोबा द्वारा सर्व सेवा संघ के लिए खरीदी गई 13 एकड़ जमीन पर मोदी-योगी सरकार द्वारा अवैध कब्जा कर परिसर की इमारत को ध्वस्त करने की कार्यवाही के खिलाफ 14 अगस्त को ज्ञापन सौंपने की अपील करते हुए कहा कि गांधी, जेपी, विनोबा और लोहिया से जुड़े संगठनों और व्यक्तियों द्वारा सर्व सेवा संघ पर की गई कार्यवाही के विरोधस्वरूप 9 और 10 अगस्त को जन प्रतिरोध सभा आयोजित की गई थी लेकिन मोदी योगी सरकार ने सुनवाई करने की बजाय परिसर पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त कर दिया है.

डॉ. सुनीलम ने बताया कि 24 अगस्त को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 10 हजार किसानों श्रमिकों का संयुक्त किसान मोर्चा और केंद्रीय श्रमिक संगठनों द्वारा राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है, जिसमे सभी किसान संगठनों के पांच किसान प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है ।

डॉ. सुनीलम ने मध्यप्रदेश के किसान संगठनों से 17 अगस्त को नर्मदा पुरम संभाग का मुलतापी में किसान सम्मेलन, 19 अगस्त को जबलपुर संभाग का माचागोरा बांध, छिंदवाड़ा में किसान सम्मेलन सम्मेलन, 22 सितंबर को रीवा में प्रदेश का किसान सम्मेलन और 2 -3-4 अक्टूबर को भोपाल में 3 दिवसीय किसान महापंचायत में बड़ी संख्या में किसानो से भोपाल पहुंचने की अपील की है. किसान पंचायत में पारित प्रस्तावों के ज्ञापन पत्र केंद्रीय कृषि मंत्री एवं मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजे गए हैं.

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