जब भी भाजपा भारत के किसी भी राज्य में सत्ता में आती है तब उसकी सबसे बड़ी कोशिश इतिहास को बदलने की होती है. आज जब वह देश के अधिकांश राज्यों सहित केन्द्र की सत्ता पर भी विराजमान है, तब एक ओर जहां वह देश का संविधान बदलने की बात करता है, तो वहीं वह शिक्षण संस्थानों के माध्यमों से इतिहास में बदलाव लाने की कोशिश करती है. उसकी यह कोशिश का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि भाजपा के मातृसंस्था आर.एस.एस. का देश में गद्दारी का इतिहास रहा है, जिसे मिटाने की जी-तोड़ कोशिश में लगा रहता है. मौजूदा प्रकरण राजस्थान की भाजपा सरकार के द्वारा बाल गंगाधर तिलक, जिनसे एक वक्त भगत सिंह सरीखे देशभक्त काफी निकट थे, को ‘आतंकवाद का जनक’ बताने को लेकर है.
राजस्थान में 8वीं कक्षा की किताब में प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को ‘आतंकवाद का जनक’ बता दिया गया. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के निजी विद्यालयों में 8वीं कक्षा की एक संदर्भ पुस्तक में स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक को फादर ऑफ टेररिज्म लिखा गया है. राजस्थान राज्य पाठ्यक्रम बोर्ड किताबों को हिन्दी में प्रकाशित करता है, इसलिये बोर्ड से मान्यता प्राप्त अंग्रेजी माध्यम के विद्यालयों के लिए मथुरा के एक प्रकाशक द्वारा प्रकाशित संदर्भ पुस्तक को इस्तेमाल में लाया जाता है. पुस्तक के पेज संख्या 267 पर 22वें अध्याय में तिलक के बारे में लिखा गया है कि ‘उन्होंने राष्ट्रीय आंदोलन का रास्ता दिखाया था, इसलिये उन्हें ‘आतंकवाद का जनक’ (फादर ऑफ टेररिज्म) कहा जाता है.’
दरअसल भाजपा और उसके मातृसंस्था आरएसएस का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की दलाली का इतिहास रहा है. इतना ही नहीं आरएसएस जैसी संस्था ने अंग्रेजी की दलाली में स्वतंत्रता सेनानियों की न केवल जासूसी ही करवाई वरन् अंग्रेजों के कोर्ट में क्रांतिकारियों के खिलाफ गवाही दिलवा कर उन्हें जेल अथवा फांसी पर लटकवा दिया. अब जब वह देश की सत्ता पर विराजमान हो गया है तब वह अपनी गद्दारी भरी इतिहास को देश की जनता से छुपाना चाहता है. यही कारण है कि वह देश के इतिहास से अपने शर्मनाक हरकतों को बदलने के लिए इतिहास की पाठ्यक्रमों में बदलाव लाकर अपने काले चेहरे को छुपाने का कृत्य कर रहा है.
न केवल बाला गंगाधर तिलक को ही, वरन् वह विभिन्न माध्यमों से अमर शहीद भगत सिंह, गांधी, नेहरू आदि के खिलाफ अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं. जिन्ना के खिलाफ तो भाजपाई अभी देश भर में अभियान चला रहे हैं.उनके खिलाफ देश में दुश्प्रचार चलाते रहते हैं. देश के संविधान के निर्माता बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर के खिलाफ तो और ज्यादा दुश्प्रचार चला रहे हैं. देश भर में जगह-जगह उनके खिलाफ दुश्प्रचार चला रहे हैं. असल में कांग्रेस द्वारा स्वाधीनता प्राप्ति और बाबा साहेब द्वारा निर्मित देश के संविधान आरएसएस के ब्राह्मणवादी हिन्दुत्व विचारों के आड़े आता है, जो मनुस्मृति को देश के संविधान की जगह लागू करना चाहता है, जिसमें घोर जातिवादी व्यवस्था का गुणगान है.
बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर का खिलाफत करते एक जातिवादी समूह के लोग
अभी तक प्रधानमंत्री मोदी बेहद ही अश्लील गाली-गलौज करने वाले को ही अपने ट्वीटर अकांउट पर फाॅलो करते थे परन्तु 6 मई, 2018 को प्रधानमंत्री मोदी जब एक बेहद ही महिला विरोधी और साम्प्रदायिक कार्टूनिस्ट की अपनी ट्विीट के माध्यम से तारीफों के पुल बांधते हैं, तब उपरोक्त तथ्य पूरी तरह स्पष्ट हो जाती है. बकौल मोदी, “बहुत ही बढ़िया भाव प्रदर्शन क्षितिज, धन्यवाद. आप बेहद प्रतिभाशाली कलाकार हैं.” प्रधानमंत्री मोदी इस ट्वीट के माध्यम से एक कार्टूनिस्ट क्षितिज बाजपेई का शुक्रिया कर रहे थे जो नियमित रूप से अपने ट्विटर टाइमलाइन पर अश्लील महिला विरोधी और साम्प्रदायिक कार्टून पोस्ट करते रहते हैं. 5 मई को मंगलुरु में प्रधानमंत्री मोदी की रैली हुई थी, उसी रैली का एक स्केच बनाने के बाद प्रधानमंत्री ने बाजपेई के कलात्मक कौशल की तारीफ की.
Read Also –
नस्लीयराष्ट्रवाद : बहुदलीय संविधानवाद से एकदलीय सर्व-सत्तावाद की ओर
आरएसएस की पाठशाला से : गुरूजी उवाच – 1