आभा शुक्ला
कुदरत ने बड़ा खूबसूरत दिल दिया है भारतीय मुसलमानों को….! दिन भर गाली खाते हैं लेकिन सारी अच्छाई का ठेका अपने कन्धों पर उठाए हैं….!
लॉकडाउन में मजदूरों के विस्थापन के समय खाने की पैकेट और पानी के बोतल बांट रहे थे….और फिर से कोरोनाकाल में लोगों की जिंदगी बचाने मस्जिदों को कोविड सेंटर में बदल रहे थे….!
जहांगीरपुरा मस्जिद, मुग़लपुरा (वडोदरा गुजरात) की मस्जिद को मुसलमानों द्वारा कोविड सेंटर बना दिया गया है….! अगर किसी के पास एक भी मंदिर को कोविड सेंटर में बदलने की सूचना है तो मुझे भी बताएं….!
दिल भर आया….! क्या आदमी हो भाई….! माफ करना हमें, हममें तुम्हारे जितनी मानवता नहीं है…!
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20 साल बाद कोर्ट ने ये तो मान लिया कि ये 127 लोग सिमी के सदस्य नहीं हैं…लेकिन जो अपमान समाज में इन लोगों ने 20 साल तक सहा…., 6 महीने लगातार सुबह-शाम थाने में बुलाकर स्टेटमेंट लिखाये गये…, पड़ोसी हंसे…., देशद्रोही होने की तोहमतें दीं…, क्या वो कोर्ट लौटा सकता है…?
इन 20 सालों में कुछ देशविरोधी गतिविधियों में शामिल होने का ठप्पा लिये लिये ही मर गये होंगे….! कितनी जलालत सही होगी इनके परिवार ने…..! और आप समझ सकते हैं कि पुलिस ने इनके साथ क्या क्या नहीं किया होगा…!
देश में कांग्रेस रही या भाजपा पर मुसलमानों की नियति नहीं बदली…! अब 2014 के बाद से तो उनका सांस लेना भी देशविरोधी गतिविधि हो गई…! और होनी भी चाहिए क्योंकि जिन्ना को छोड़कर गांधी को चुनने का…, पाकिस्तान को छोड़कर भारत को चुनने का गुनाह हुआ है उनसे….! अब मुल्क से वफादारी की सजा तो मिलेगी ही….!
ये 127 लोग मुट्ठी भर हैं जिन्हें न्याय मिल गया….! कश्मीर की जेलों मे न जाने कितने नौजवान सड़ रहे हैं आतंकी होने के संदेह में, जिन्होंने बच्चे से लेकर बड़े होने तक अपनी औलाद का मुंह भी नहीं देखा…., जो अपने मां बाप के जनाजे को कंधा नहीं दे सके…., जिनकी पत्नी ने अपने शौहर के जिन्दा होते हुये भी बेवा की तरह अपनी जिन्दगी गुजार दी….!
और इन सबकी जिम्मेदार कांग्रेस भी उतनी ही है जितनी की भाजपा….
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यूपी के शाहजहांपुर में पश्चिम बंगाल से आए कुछ मुसलमानों को हिरासत में लिया गया है…! उनका गुनाह ये है कि उन्होंने रेलवे स्टेशन पर नमाज़ पढ़ी…! पुलिस का कहना है कि नमाज़ पढ़ कर मुसलमानों ने ‘शांति भंग’ की है…!
ईश्वर को याद करने से शांति भंग होती है…? अभी जब गणेश महोत्सव में रोड पर गणेश जी के बड़े-बड़े पंडाल लगे थे जोकि भयानक जाम और कानफोड़ू शोर का सबब बनते थे, तब शांति भंग नहीं होती थी…?
अभी नवरात्रि शुरू होने दीजिए, देखिएगा मंदिरों के बाहर की शांति भंग….! अब तो आया है टाइम शांति भंग और ध्वनि प्रदूषण का..! दशहरे के मेले की आड़ में होने वाली छेड़छाड़ और शांति भंग की घटनाओं पर करके दिखायेगा गिरफ्तारी….? इसके बाद आने दीजिए दिवाली…! एकदम से दमा और सांस के मरीजों का जीना दूभर हो जायेगा, तब करके दिखाइयेगा एक भी गिरफ्तारी…? खुला चैलेंज है यूपी पुलिस को…! चलिए एफआईआर मैं लिखा दूंगी, करिए आप गिरफ्तारी…!
जो लोग पूरे साल शांति भंग करते हैं, मूर्तियों का विसर्जन कर जल प्रदूषण फैलाते हैं, लाउडस्पीकर से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, पटाखों से वायु प्रदूषण फैलाते हैं, उनको आपत्ति है शांतिपूर्ण तरीके से एक कोने में बैठकर नमाज पढ़कर ईश्वर को याद करने वालों से…!
कुछ तो शर्म करिए….।
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भयानक मनोरोग – ‘इस्लामोफोबिया.’ गिरीडीह में तीन हिन्दू लड़के अरेस्ट हुए हैं…! मस्जिद के अंदर पेशाब करने के मामले में…!
दो सगे भाई हैं, एक चाचा का लड़का है उनके …! मल्टीनेशनल कम्पनी में काम करते हैं…! MBA और होटल मैनजमेंट किया है …! इसको कहते हैं जहालत …!
लाखों रुपए लगाकर मां बाप ने पढ़ाया लिखाया होगा…! लड़कों ने सब पढ़ाई लिखाई पर पलीता लगा दिया…! हमको तो इन लड़कों के मां बाप पर तरस आ रहा है…! बेचारों की मनोस्थिति क्या होगी इस समय ये खबर सुनकर…?
मस्जिद में पेशाब करके लड़कों ने क्या हासिल कर लिया…?
- इस्लाम का नाम खत्म कर दिया दुनिया से…?
- भारत को हिंदू राष्ट्र बना दिया….?
- भारत से मुसलमान को बाहर कर दिया….?
- मुसलमानों को सड़क पर ला दिया….?
- पैगंबर मोहम्मद साहब का अस्तित्व मिटा दिया…?
क्या कर लिया…? कुछ नहीं…!
कुछ नहीं कर पाए किसी का … फिर मिला क्या ये करके….?
- रुपया…?
- पद…?
- बंगला…?
- गाड़ी…?
नहीं जी, कुछ नहीं मिला…! जब कुछ नहीं मिल रहा हो और फिर भी आप बचकानी हरकतें करते रहो तो ये मनोरोग की स्थिति होती है…! आज भारत के बहुसंख्यक समाज का एक बड़ा हिस्सा इसी मनोरोग से पीड़ित है…! इसको ‘इस्लामोफोबिया’ कह सकते हैं आप…!
आप चाहें तो मेरी बात को हंसी में टाल सकते हैं… पर लिखकर ले लीजिए… ये मनोरोग है और भयानक मनोरोग है …!
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क्या आपको पता है कि कोविड की तरह इस्लामोफोबिया भी एक भयंकर महामारी है जिस पर किसी का ध्यान नहीं जाता…!
ये ऐसा मनोरोग है जो मेरा देश खा गया….! जीडीपी खा गया…! संविधान खा गया….! लॉ एंड आर्डर खा गया…! उद्योग धन्धे खा गया….! किसानों की आय खा गया….! बैंकों को खा गया….! नौकरियां खा गया….! अब मुर्दों के कफन तक खा गया….! सैकडों जाने खा गया…!
इतना सब खा गया ये इस्लामोफोबिया लेकिन इसके रोगियों को इसका एहसास तक नहीं…! उनको बस मुल्ला और मस्जिद ही दिखता है….! मनोवैज्ञानिक क्या कर रहे हैं…?
इस्लामोफोबिया की दवा या वैक्सीन ईजाद क्यों नहीं कर रहे….? ये आज एक गंभीर मानसिक विकार है….! बड़ी संख्या में लोग इसके शिकार हैं….! खासकर युवा….! बड़ी गम्भीर स्थिति है….!
मुझे लगता है कि इसको राष्ट्रीय स्वास्थ मिशन के अंतर्गत लाना चाहिए….! CHC और PHC स्तर पर एक मनोचिकित्सक तैनात करना चाहिए…जिसको इस्लामोफोबिया का पूर्व प्रशिक्षण दिया गया हो…!
जीवन के उद्देश्य बदल गए हैं….! आदमी सब्जी वाले से लेकर हर व्यक्ति पर शक करता है…..! हर जगह रस्सी का सांप है….! मुझे इस्लामोफोबिया के मरीजों से खुद डर लगता है, और दया भी आती है…! पता नही कब कहां किसे नुकसान पहुंचा दें और खुद को भी पहुंचा लें….!
स्वास्थ और परिवार कल्याण मंत्रालय को चाहिए कि इस रोग की गंभीरता को समझे…..और आप सब भी ऐसे मरीजों से सहानुभूति रखें….!
मज़ाक की बात नहीं ये. एक बहुत विकृत मानसिक स्थिति है…! जो खासकर युवाओं की सोचने समझने की शक्ति को खत्म कर देती है.
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तीनो खबरें धर्मांतरण से सम्बंधित हैं…. तीनों को ध्यान से पढिए….!
एक खबर बताती है कि सतरंगी सपनों और पैसे के लालच में आकर लड़कों ने इस्लाम क़ुबूल किया….! सपने भी उनके…, लालच भी उनका… और गुनाह मौलाना का….! मतलब पैसे के लालच में हत्या आप करो, पर गुनाहगार पड़ोसी को माना जाये….!
दूसरी खबर बताती है कि एक लड़की जो घोर आस्तिक थी …., रोज मन्दिर जाती थी…., उच्च शिक्षित थी…, ने अंग्रेजी भाषा में कुरान पढ़ी और मुसलमान बनने का निर्णय लिया….! इस सम्बंध में उसने पहले एसडीएम से सार्टिफिकेट प्राप्त किया, इसके बाद मौलाना जहांगीर से…..लेकिन न लडकी दोषी, न वो एसडीएम दोषी, अकेले मौलाना दोषी….!
तीसरी खबर बताती है कि छाया और अन्जली नाम की दो लड़कियों ने निकाह से पहले धर्म परिवर्तन कर मुस्लिम लड़कों से निकाह किया….! उनसे धर्म छुपाकर शादी नहीं की गई…..फिर जब 3 साल बाद दोनों के रिश्ते में दरार आयी तो लड़कों पर धर्मांतरण कराने का केस कर दिया….!
कोई पैसे के लालच में धर्म परिवर्तन कर रहा है तो कोई निकाह के लिये…., पर अपराधी सिर्फ मौलाना को बनाया जा रहा है….! कितनी विकट स्थिति है ये….! मुस्लिम संगठनों, शहर काजियों, वफ्फ बोर्ड की इस। पर चुप्पी मुझे बेहद खल रही है और निराशाजनक लग रही है….!
क्या सब अपना ईमान फासिस्टों के आगे गिरवी रख दिये हैं….?
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हिन्दुओं का अहित : 2014_के बाद से देश का माहौल हिन्दू विरोधी है….यदि सत्ता के लिये सबसे ज्यादा किसी का अहित किया जा रहा है तो वो हिन्दू का ही है…!
एक पहलू खान या तबरेज अंसारी की हत्या के लिये जिन 50 लड़कों को खूनी और दंगाई बनाया जा रहा है, आगे उनका भविष्य शून्य है….!
नशा ऐसा है कि गांव कस्बे का 16-17 का लड़का भी युवा नेता है…! जगह जगह छोटे छोटे संगठन तैयार हो रहे हैं ….. और एक अल्पशिक्षित कम उम्र के लड़के को संगठन का प्रदेश महामंत्री, प्रदेश सचिव बनाया जा रहा है….! उसकी उम्र, कम शिक्षा, और धर्म की गरमी उसको कैबिनेट मन्त्री जैसा महसूस करा देती है…! उसका काम ही होता है 24 घन्टे नफरत फैलाना….!
ऐसे बच्चे या तो मां बाप की सुनते नहीं, या फिर लफट्टे होते हैं…! सांसद जी के साथ एक फोटो खिंचाने के चक्कर में किसी भी हद तक गिर जाते हैं….!!
ऐसे में जरुरत है कि आप ये समझें कि आपके बच्चे कहां जा रहे हैं….! आपकी पीढियां बर्बाद कर दी जा रही हैं….. और धर्म का इन्जेक्शन लगातार लगाया जा रहा है, ताकि आप अपने बच्चों की बर्बादी का दर्द भी न महसूस कर सकें….!
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