गिरीश मालवीय
अडानी-होल्सिम सीमेंट (अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी) सौदे में कल एक कमाल की बात सामने आई है कि इस 82 हज़ार करोड़ के सौदे में सरकार को कोई टैक्स का भुगतान नहीं किया जाएगा. कम से कम होल्सिम का तो यही कहना है. कल होल्सिम के सीईओ जान जेनिश ने अडानी के साथ सौदे के बाद निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘हमारे विश्लेषण के अनुसार यह एक Tax Free लेन-देन है.’
सौदे पर लागू किसी टैक्स के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, ‘कोई जटिलता पैदा होगी, ऐसा नहीं लगता. हम मानते हैं कि हमें 6.4 अरब स्विस फ़्रैंक शुद्ध आय के रूप में मिलेंगे.’ यानी अंबुजा सीमेंट और एसीसी में अपनी हिस्सेदारी अदानी समूह को बेचने के 6.4 अरब डॉलर के सौदे में स्विट्जरलैंड का होल्सिम समूह किसी भी नुकसान या कर के लिए उत्तरदायी नहीं है.
आप यदि देश में कोई भी बड़ी से बड़ी या छोटी-सी चीज खरीदते या बेचते हैं तो आपको सरकार को कर के रूप में एक राशि चुकाना पड़ता है, चाहें वह बिस्कुट का पैकेट हो या कोई बड़ा मकान या शेयर्स की खरीदी बिक्री, सब पर टैक्स लगता है. लेकिन यहां कुल 82 हज़ार करोड़ का सौदा हो रहा है !
बेचने वाले ने टैक्स के बारे में पूछे जाने पर साफ़ इनकार कर दिया है कि हम तो कोई कर नहीं दे रहे हैं. यानी दूसरे शब्दों में खरीदने वाला जाने ! वो तो शुक्र मनाइए कि विदेश में इतनी स्वतंत्रता है कि होलसिम के सीईओ से पत्रकारों ने पूछ भी लिया. यहां के पत्रकार तो ऐसे घुन्ने बने बैठे हैं कि न कोई मोदी सरकार से और न कोई अडानी से ही यह पूछ रहा हैं कि इस सौदे में सरकार को टैक्स के रूप कितनी रकम मिल रही है ?
जब 2018 में वॉलमार्ट और फ्लिपकार्ट में 1600 करोड़ डॉलर (1 लाख करोड़ रु. से ज्यादा) में डील हुई थी तो फ्लिपकार्ट में हिस्सेदारी खरीदने में अमेरिकी कंपनी वॉलमार्ट ने भारत सरकार को 7,439 करोड़ रुपये का टैक्स दिया था. कर अधिकारियों ने उस वक्त कहा था कि वॉलमार्ट को अभी भी टैक्स देना है. यह बहुत कम रकम है पर यहां भी 82 हज़ार करोड़ की डील है. अडानी तो नहीं बता रहे तो सरकार ही बताए कि उसे इस डील में कितनी रकम टैक्स के रूप में मिलने वाली है ?
लेकिन किस्सा यही खत्म नहीं हुआ है. एक और मजे की बात सुनिए. कल होल्सिम के सीईओ जान जेनिश ने इस लेन-देन को लेकर एक महत्वपूर्ण बात और बताई कि बिक्री के बाद अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी पर सीसीआई द्वारा लगाए गए जुर्माने के लिए नया मालिक जिम्मेदार होगा. उन्होंने कहा, ‘हमने कंपनी बेच दी है. हमारी तरफ से कोई क्षतिपूर्ति नहीं होगी.’
दरअसल 2016 में प्रतिस्पर्धा आयोग ने कुल 11 सीमेंट कंपनियों पर 6,300 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. 6,300 करोड़ रुपये के जुर्माने में से अंबुजा सीमेंट्स पर 1,164 करोड़ रुपये और एसीसी पर 1,148 करोड़ रुपये बकाया हैं. दोनों कंपनियों ने अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष जुर्माने को चुनौती दी थी. फिलहाल यह मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. यानी अब इससे भी होल्सिम इनकार कर रहा है कि हम तो कोई पुराना जुर्माना नहीं देंगे, नया मालिक जाने ? और आप तो जानते ही है कि अडानी मोदी के कितने खासमखास है तो बिल्ली के गले घंटी कौन बांधेगा ?
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