संयुक्त किसान मोर्चा के घटक संगठन ‘ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन’ (AIKKMS) ने मोदी सरकार द्वारा जारी अंतरिम बजट को ग्रामीण गरीबों तथा किसानों के साथ एक धोखा करार देते हुए 16 फरवरी को होगा ग्रामीण भारत बन्द और देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है.
‘ऑल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन’ (AIKKMS) के प्रदेश अध्यक्ष अनूप सिंह मातनहेल ने अपने एक बयान में कहा कि भाजपा सरकार का अंतरिम बजट ग्रामीण गरीबों तथा किसानों के साथ एक धोखा है. इसमें रोजगार का सवाल सिरे.से गायब है. किसान-हितों, खेती व सिंचाई की अनदेखी की गई है.
यूरिया खाद की सब्सिडी में 7.5 फीसदी की कटौती से लागत खर्च बढ़ेगा. मनरेगा पर जरूरी ध्यान नहीं दिया. एमएसपी की गारंटी और फसल बीमा को किसान हितैषी बनाने पर पुनः वादाखिलाफी की है. किसानों तथा भूमिहीन ग्रामीण गरीबों को कर्ज मुक्त करने की कोई चर्चा नहीं है. विकसित भारत का झुनझुना दिखाने और विकास के नाम पर कागजी घोड़े दौड़ाने की यह एक निरर्थक कसरत भर है.
पब्लिक सेक्टर, सहकारी समितियों और लघु उद्योगों को मजबूत करने की बजाय कॉर्पोरेट घरानों को फसल कटाई के बाद के कार्यों को अपने हाथ में लेने की अनुमति देने की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं क्योंकि यह उन तीन काले कृषि कानूनों को पिछले दरवाजे से प्रवेश देने, लागू करने के समान है. जबकि मोदी सरकार को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष के दबाव के कारण इन्हें रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा था.
रेलवे यात्रा को सुरक्षित बनाने, नई सवारी गाड़ियां चलाने और कोविड दौर में बंद की गई ट्रेनों को बहाल करने के लिए कुछ नहीं किया. बुजुर्गों की यात्रा रियायत बहाल नहीं की. मेल एक्सप्रेस गाड़ियों में जनरल तथा स्लीपर क्लास के कोचों की संख्या घटाने तथा एसी क्लास के कोचों की संख्या बढ़ाना गरीब जनता के साथ बेहूदा मजाक है.
हालांकि मोदी सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को एमएसपी @C2 + 50% लागू करने का लिखित आश्वासन दिया था, लेकिन इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है और इस बजट में भी इसकी घोषणा नहीं की गई है. यह किसानों तथा आम जनता के साथ घोर विश्वासघात है. यद्यपि रोजगार बहुत गंभीर मुद्दा बन गया है, रोजगार के लिए देश के युवा दर दर की ठोकरें खा रहे हैं, बजट में रोजगार सृजन पर एक शब्द भी नहीं है.
मजदूरों को न्यूनतम वेतन और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का आश्वासन, कर्ज माफी और मूल्य वृद्धि, महंगाई को कम करने के लिए कोई पर्याप्त आबंटन नहीं है. इसमें मनरेगा के लिए राशि बढ़ाने, साल में 200 दिन काम देने और ₹600 दैनिक दिहाड़ी निर्धारण करने का कोई उल्लेख तक नहीं है.
2 करोड़ युवाओं को प्रतिवर्ष रोजगार देने तथा विदेशों से काला धन लाकर नागरिकों के खाते में 15-15 लाख रुपए डालने जैसा ही, किसानों की आय 2022 तक दोगुनी करने का वायदा भी जुमला ही सिद्ध हुआ.
इस संदर्भ में किसान विरोधी, मजदूर विरोधी बजट के खिलाफ, संगठन, सभी किसानों से 3 फरवरी 24 को गांव स्तर पर कॉर्पोरेट समर्थक बजट की प्रतियां जलाने की अपील करता है और प्रदेश के लोगों से 16 फरवरी 2024 को ग्रामीण भारत बंद एवं औद्योगिक/ सेक्टोरल हड़ताल सफल बनाने का आह्वान करता है.
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