Home ब्लॉग आभा का पन्ना ठरकी भारत : आखिर महिलाओं के सेंटीमेंट्स हैं कि नहीं…?

ठरकी भारत : आखिर महिलाओं के सेंटीमेंट्स हैं कि नहीं…?

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आभा शुक्ला

जैसा कि हमेशा कहती आई हूं कि भारतीय समाज एक चोचला प्रधान समाज है, वैसा ही एक चोचला और हुआ है. दिल्ली मेट्रो में कोई लड़की ब्रा पैंटी से भी छोटे कपड़े पहन कर सफर करने निकल गई…! बस फिर क्या था…, उस लड़की के कपड़े देश की सबसे बड़ी समस्या बन गए…! बुद्धिजीवी वर्ग दो खेमों में बंट गया…! पत्रकार पहुंचने लगे लड़की का इंटरव्यू लेने…! देखते-देखते लड़की अखंड भारत के दिमाग पर छा गई….!

मुझे ये समझ नहीं आता कि ऐसे मसलों को तवज्जो ही क्यों देना…? सड़क पर नंगी घूमती कितनी विक्षिप्त महिलाएं दिखती हैं…, बिलकुल नंगी….! कभी कोई भांड पत्रकार नहीं जाता उनका इंटरव्यू करने….! उनको इलाज मुहैया कराने…! कभी कोई बुद्धिजीवी बात नहीं करता उनपर….! क्यों..? वो ग्लैमरस नहीं हैं इसलिए….? इधर उधर नंगी पड़ी लाशों की खबर रोज आती है. रोज दिखती हैं नंगी घूमती मानसिक विक्षिप्त महिलाएं. तब नहीं मन करता क्या बात करने का….? मतलब ठरकपन डीएनए में है क्या…?

उनको नजरंदाज करते हो न…..तो मेट्रो वाली लड़की को भी नजरंदाज करिए….! मेट्रो वाली क्यों मैटर करती है आपके लिए….? या तो ठेका लीजिए तो हर स्त्री का लीजिए….वरना सिर्फ अपनी मां, पत्नी, बेटी का ही लेकर रखिए…., क्या जरूरत है….!

और फिर अगर नग्नता की परिभाषा ही गढ़नी है तो स्त्री पुरुष के लिए एक परिभाषा गढ़िए. नग्नता निषेध करनी है तो सबके लिए करिए. ये नागा बाबा लोग, चढ्ढी पहन कर शान से घूमते अंकल लोग, लंगोट पहनकर घूमते बाबा लोग, बिना बनियान के निप्पल खोले बॉडी दिखाते भईया लोग, इनको काहे का प्रिविलेज भाई….! सबसे पहले इनको जेल भेजिए. अश्लीलता फैला रखे हैं समाज में….! वो बात अलग है कि कोई स्त्री उनका बलात्कार नहीं करती, पर नग्नता तो नग्नता है न….! कल से बालों वाली छाती, सिक्स पैक एब्स वाली बॉडी दिखनी नहीं चाहिए हमको भी….!

आखिर महिलाओं के सेंटीमेंट्स हैं कि नहीं…..? बताइए….!

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ROHIT SHARMA

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