Home ब्लॉग आभा का पन्ना ठरकी भारत : आखिर महिलाओं के सेंटीमेंट्स हैं कि नहीं…?

ठरकी भारत : आखिर महिलाओं के सेंटीमेंट्स हैं कि नहीं…?

2 second read
0
0
809
आभा शुक्ला

जैसा कि हमेशा कहती आई हूं कि भारतीय समाज एक चोचला प्रधान समाज है, वैसा ही एक चोचला और हुआ है. दिल्ली मेट्रो में कोई लड़की ब्रा पैंटी से भी छोटे कपड़े पहन कर सफर करने निकल गई…! बस फिर क्या था…, उस लड़की के कपड़े देश की सबसे बड़ी समस्या बन गए…! बुद्धिजीवी वर्ग दो खेमों में बंट गया…! पत्रकार पहुंचने लगे लड़की का इंटरव्यू लेने…! देखते-देखते लड़की अखंड भारत के दिमाग पर छा गई….!

मुझे ये समझ नहीं आता कि ऐसे मसलों को तवज्जो ही क्यों देना…? सड़क पर नंगी घूमती कितनी विक्षिप्त महिलाएं दिखती हैं…, बिलकुल नंगी….! कभी कोई भांड पत्रकार नहीं जाता उनका इंटरव्यू करने….! उनको इलाज मुहैया कराने…! कभी कोई बुद्धिजीवी बात नहीं करता उनपर….! क्यों..? वो ग्लैमरस नहीं हैं इसलिए….? इधर उधर नंगी पड़ी लाशों की खबर रोज आती है. रोज दिखती हैं नंगी घूमती मानसिक विक्षिप्त महिलाएं. तब नहीं मन करता क्या बात करने का….? मतलब ठरकपन डीएनए में है क्या…?

उनको नजरंदाज करते हो न…..तो मेट्रो वाली लड़की को भी नजरंदाज करिए….! मेट्रो वाली क्यों मैटर करती है आपके लिए….? या तो ठेका लीजिए तो हर स्त्री का लीजिए….वरना सिर्फ अपनी मां, पत्नी, बेटी का ही लेकर रखिए…., क्या जरूरत है….!

और फिर अगर नग्नता की परिभाषा ही गढ़नी है तो स्त्री पुरुष के लिए एक परिभाषा गढ़िए. नग्नता निषेध करनी है तो सबके लिए करिए. ये नागा बाबा लोग, चढ्ढी पहन कर शान से घूमते अंकल लोग, लंगोट पहनकर घूमते बाबा लोग, बिना बनियान के निप्पल खोले बॉडी दिखाते भईया लोग, इनको काहे का प्रिविलेज भाई….! सबसे पहले इनको जेल भेजिए. अश्लीलता फैला रखे हैं समाज में….! वो बात अलग है कि कोई स्त्री उनका बलात्कार नहीं करती, पर नग्नता तो नग्नता है न….! कल से बालों वाली छाती, सिक्स पैक एब्स वाली बॉडी दिखनी नहीं चाहिए हमको भी….!

आखिर महिलाओं के सेंटीमेंट्स हैं कि नहीं…..? बताइए….!

Read Also –

हिन्दुत्ववादी पितृसत्तात्मक व्यवस्था में ‘सरयू में सम्भोग’ पर बबाल क्यों ?
गालियां और कु-संस्कृति : हम बहुत खतरनाक समय में जी रहे हैं
किसान आन्दोलन पर मशहूर पॉप स्टार रियेना और नशेड़ी कंगना
राम के नहीं बख़्तावर के चेले हैं ये

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In आभा का पन्ना

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…