आभा शुक्ला
दुनिया में एकमात्र संबंध ऐसा है जिसमें न जाति देखी जाती है न धर्म, न अमीर, न गरीब, न ऊंच न नीच…और वो संबंध है – ‘अवैध संबंध.’
बुरी लगने को बात बुरी लग सकती है…पर मेरा कहना शत प्रतिशत सत्य है. जिन जातियों के हाथ का छुआ पानी नहीं पीना चाहते उन जातियों की सुंदर कन्याएं अगर सोने के लिए मिलें तो हाथ का छुआ पानी तो दूर, पैर के तलवे भी चाट लेंगे लड़की के…! जिस धर्म के लोगों से बेपनाह नफरत हो, बंद कमरे में उस धर्म की लड़की के चरणों में बिछ जायेंगे…!
जाति पांति, धर्म अधर्म, छुआछूत ये सब तो समाज में दिखाने और रौब गांठने की चीजें हैं…! भीतर से हम सब कितने दोगली मानसिकता के हैं ये तो हम जानते ही हैं…!
#आज_बहुतों_की_भावनाएं_आहत_होंगी !
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