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इस लौंडे को पहचानिए !

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इस लौंडे को पहचानिए !
इस लौंडे को पहचानिए !
इस लौंडे को पहचानिए !
आभा शुक्ला

इस लौंडे को पहचानिए ! इसका नाम सुनील साव है. ये बिहार मुंगेर का रहने वाला है. महज़ 19 साल की उम्र में व्हाट्सएप जुनिवर्सिटी से नफ़रत की पढ़ाई की डिग्री हासिल कर एक देशी तमंचा लेकर बिहार से बंगाल रामनवमी में दंगा करने चला आया.

बदकिस्मती से तमंचे के साथ सीसीटीवी में क़ैद हो गया और आज बंगाल की पुलिस उसे बिहार से उठा कर बंगाल ले जा रही है, क्योंकि वो दंगा करने के बाद बिहार भाग आया था.

असल में 2014 के बाद से देश का माहौल हिन्दू विरोधी है. यदि सत्ता के लिये सबसे ज्यादा किसी का अहित किया जा रहा है तो वो हिन्दू का ही है…

एक पहलू खान या तबरेज अंसारी की हत्या के लिये जिन 50 लड़कों को खूनी और दंगाई बनाया जा रहा है, आगे उनका भविष्य शून्य है…

नशा ऐसा है कि गांव कस्बे का 16-17 का लड़का भी युवा नेता है… जगह-जगह छोटे-छोटे संगठन तैयार हो रहे हैं … और एक अल्पशिक्षित कम उम्र के लड़के हो संगठन का प्रदेश महामंत्री, प्रदेश सचिव बनाया जा रहा है…

उसकी उम्र, कम शिक्षा और धर्म की गरमी उसको कैबिनेट मन्त्री जैसा महसूस करा देती है… उसका काम ही होता है 24 घन्टे नफरत फैलाना …

ऐसे बच्चे या तो मां बाप की सुनते नहीं, या फिर लफंट्टे होते हैं… सांसद जी के साथ एक फोटो खिंचाने के चक्कर में किसी भी हद तक गिर जाते हैं…

ऐसे में जरुरत है कि आप ये समझें कि आपके बच्चे कहां जा रहे हैं…? आपकी पीढियां बर्बाद कर दी जा रही हैं… और धर्म का इन्जेक्शन लगातार लगाया जा रहा है, ताकि आप अपने बच्चों की बर्बादी का दर्द भी न महसूस कर सकें…

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