Home कविताएं मैंने आपको जाने तो नहीं कहा…

मैंने आपको जाने तो नहीं कहा…

0 second read
0
0
811
मैंने आपको जाने तो नहीं कहा...
मैंने आपको जाने तो नहीं कहा…

मैंने आपको जाने तो नहीं कहा था
बस इतना भर कहा कि
आप मेरे पास रहो
मेरे पहलू में बैठो
बातें करो मेरे साथ
जैसे बरसते हुए बादल
बातें करते हैं ज़मीन से
और जब अपना सबकुछ लुटा कर
निःस्व हो जाओ
खो जाओ कहीं खलाओं में

मैंने आपको जाने तो नहीं कहा था…

बारिश नदी भी है
और नाव भी
मैंने कहा उससे

जब थक जाऊंगा मैं
पतवार थामे हुए
क्या तुम थाम लोगे पतवार
या कर दोगे मुझे नदी के हवाले ?

उसका उत्तर उसके मौन में था
जिसे पढ़ने की कोशिश में
मैं आ गया हूं उससे बहुत दूर…

  • सुब्रतो चटर्जी

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
Pratibha Ek Diary G Pay
Pratibha Ek Diary G Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
  • शातिर हत्यारे

    हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…
  • प्रहसन

    प्रहसन देख कर लौटते हुए सभी खुश थे किसी ने राजा में विदूषक देखा था किसी ने विदूषक में हत्य…
  • पार्वती योनि

    ऐसा क्या किया था शिव तुमने ? रची थी कौन-सी लीला ? ? ? जो इतना विख्यात हो गया तुम्हारा लिंग…
Load More In कविताएं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

शातिर हत्यारे

हत्यारे हमारे जीवन में बहुत दूर से नहीं आते हैं हमारे आसपास ही होते हैं आत्महत्या के लिए ज…