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मनुष्यता

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मनुष्यता
मनुष्यता

मनुष्य के
लिए
भूख
जितनी जरूरी है

उतना ही
जरूरी है
अवसर की
समानता

उतनी ही
ज़रूरी है
प्रत्येक की
गरिमा

उतनी ही
जरूरी है
प्रत्येक के बीच
समानता

उतनी है
जरूरी है
प्रत्येक की
स्वतंत्रता

उतनी ही ज़रूरी है
संसाधन बंटवारा में
प्रत्येक के बीच
एकरूपता

उतनी ही
जरूरी है
सबके बीच
मनुष्यता

यह कोई
जागरण नहीं
प्रत्येक की मौलिक
जरूरत है

  • बुद्धिलाल पाल

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