आभा शुक्ला
केरला स्टोरी फिल्म देख कर वो लोग भी आंखें खुलने की बात कह रहे हैं जिनकी आंखें कभी ‘शुद्र द राइजिंग’, ‘बैंडिट क्वीन’, ‘चिंगारी’, ‘लज्जा’, ‘पिंक’ और ‘मुल्क’ देखकर नहीं खुली…
जाने स्त्री विमर्श पर कितनी फिल्में आई और चली गई पर औरत का सम्मान करना नहीं सीख पाए…! बलात्कार, छेड़छाड़ जैसे मुद्दे पर मातृ, पिंक, छपाक, जागो जैसी कितनी फिल्में आई और चली गई…, किसी को याद भी नहीं है…
बागवान देखकर भी वृद्धाश्रम बंद नहीं हुए…, लज्जा देखकर भी अग्निपरीक्षा पर सवाल नहीं उठे…, अक्षय कुमार वाली जॉली एलएलबी देखकर भी फेक एनकाउंटर पर सवाल उठाना नहीं आया…, चिंगारी देखकर भी धर्म के पुरोधाओं की सच्चाई नहीं भांपी…, अब केरला स्टोरी देखकर एकदम से आंखें खुल गई…! अभी आश्रम सीरीज जब आई थी तब आंखें पाकिस्तान चली गई थीं तुम्हारी…
अरे जाओ बे…! फिल्में देखकर तुम कितना सबक लेते हो पता है हमें…! जब ये सब फिल्में बन रही थी तब कोमा में नहीं थे तुम…? तब आंखों के ढक्कन नहीं खुले तुम्हारे…? अब खुल गए…!
भाग निर्लज्ज कहीं के…..
#मन_की_भड़ास
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