Home गेस्ट ब्लॉग हिंदुस्तान की कहानी : मतिबर रहमान के शंकर भगवान

हिंदुस्तान की कहानी : मतिबर रहमान के शंकर भगवान

6 second read
0
0
479

हिंदुस्तान की कहानी : मतिबर रहमान के शंकर भगवान

भारत के पूर्वोत्तर का राज्य असम. वही असम जहां से हमारी सरकार ने हिंदू-मुस्लिम छांटना शुरू किया है. यहां गुवाहाटी में एक गांव है रंगमहल. गांव में भगवान शिव का एक मंदिर है. बताते हैं कि मंदिर 500 साल पुराना है. इस मंदिर की खास बात है कि इसे अभी हिंदू-मुस्लिम में बांटा नहीं जा सका है, इसलिए बाबा भूतनाथ का यह दरबार सबके लिए खुलता है.

मंदिर की देखभाल करते हैं मतिबर रहमान. यह हम में से किसी के लिए अनूठी बात हो तो हो, मतिबर रहमान साब के लिए तो यह उनके पुरखों की विरासत है. उनकी कई पीढ़ियां इस मंदिर की देखभाल में गुजरी हैं. यह परिवार अल्लाह से साथ भगवान शिव की अराधना भी करता है और ऐसा यह परिवार अकेला नहीं है, तमाम हैं.

क्या हिंदू, क्या मुस्लिम, सब एक साथ इस मंदिर में आते हैं. हिंदू पूजा करते हैं और मुसलमान दुआ मांगते हैं. सबको यह भी यकीन है कि यहां दुआएं/प्रार्थनाएं कबूल होती हैं. रहमान साब सुबह उठते हैं तो नमाज अदा करके मंदिर पहुंचना और मंदिर की साफ-सफाई करना उनकी रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा है.

रहमान साब के पिता, उनके पिता और उनके पिता भी यह काम करते थे और गांव वालों को इस बात में कोई संदेह नहीं है कि रहमान के बाद उनका बेटा यह काम संभालेगा. रहमान साब का कहना है कि भगवान शिव हमारे लिए हमारे पुरखे की तरह हैं. उनका परिवार भगवान भूतनाथ को नाना कहता है.

भारत में यह कोई अकेला मंदिर नहीं है जहां हिंदू-मुस्लिम दोनों जाते हों। ऐसे सैकड़ों हैं. मुसलमानों के खिलाफ जहर उगलने के लिए मशहूर योगी जिस मंदिर के महंत बने हैं, गुरु गोरखनाथ के समय से ही उस मंदिर से हिंदू से ज्यादा मुसलमान जुड़े हैं. यहां तक कि इस मंदिर के आर्किटेक्ट भी निसार अहमद रहे हैं. यहां के चिकित्सालय से लेकर गोशाला और कोष तक की कमान मुसलमानों के हाथ में रही है और अब भी है। यह मंदिर मुस्लिम फकीरों/संतों के लिए जाना जाता है.

बचपन में अपने गांव में देखा था कि मोहर्रम के दौरान हिंदू औरतें वहां जाकर मन्नत मांगती थी. कई का विश्वास था कि मन्नत पूरी होती है. हमें बताने की कोशिश की गई कि यह स्वाभाविक नहीं है, लेकिन जब मैं अपनी आंखों से अपना हिंदुस्तान देख सकता हूं तो देख रहा हूं कि यही असली हिंदुस्तान है. हिंदू को मुसलमान से अलग कर दो तो यहां सिर्फ श्मशान बचेगा.

बंटवारा और सरहद इस दुनिया की बुराई है. लोगों का बस चले तो चांद, सूरज, हवा और पानी भी हिंदू-मुसलमान में बांट लें, लेकिन आप बंटवारा न करें, आपस में न लड़ें तो ईश्वर अल्लाह को कोई फर्क नहीं पड़ता और दुनिया थोड़ी ज्यादा खूबसूरत लगती है. धर्म के नाम पर लड़ना मध्युगीन और वहशी प्रवृत्ति है.

उस भारत का सम्मान कीजिए जहां कोई मुसलमान गड़रिया अमरनाथ में भगवान शंकर की गुफा खोजता है और वह गुफा हिंदुओं की आस्था का केंद्र बन जाती है तो मंदिर एक चौथाई चढ़ावा उस मुस्लिम परिवार के वंशजों को मिलता है.

यह भारत में ही संभव है कि एक गांव के हिंदू-मुसलमानों की पीढ़ियों की खोज कीजिए तो पता चलता है कि सबके पुरखे एक ही आंगन में खेले थे.

  • कृष्णकांत

Read Also –

हिंदू आंगन में मुस्लिम बारात
हिंदू पिता के मुस्लिम बेटे
हिन्दू-मुस्लिम एकता के जबर्दस्त हिमायती अमर शहीद अशफाक और बिस्मिल का देशवासियों के नाम अंतिम संदेश

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…