गिरीश मालवीय
अडानी समूह पर ‘कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े घोटाले’ का आरोप लगाया गया है. इसके बाद से अडानी के शेयर लगातार गिर रहे हैं. दुनिया की जानी मानी फॉरेंसिक फाइनेशियल रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने ‘अडानी ग्रुप: हाउ द वर्ल्ड्स थर्ड रिचेस्ट मैन इज पुलिंग द लार्जेस्ट कॉन इन कॉर्पोरेट हिस्ट्री’ नाम से अपनी एक रिपोर्ट जारी की है. रिपोर्ट में दावा किया गया कि अडानी ग्रुप की 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियां 85 फीसदी से अधिक ओवरवैल्यूज हैं. इस रिपोर्ट के आने के बाद अडानी समूह के शेयर लाल निशान पर पहुंच गए. शेयरों में 10 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली.
रिपोर्ट की शुरुआत करते हुऐ हिंडनबर्ग कहता है कि आज हम अपनी 2 साल की जांच के निष्कर्षों को प्रकट करते हैं. इस बात का सबूत पेश करते हैं कि किस बेशर्मी से 17.8 ट्रिलियन रुपये (218 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का अडानी समूह पिछले दो दशकों से स्टॉक की हेरफेर में और एकाउंटिंग फ्रॉड की योजना में लगा हुआ है. हिंडन बर्ग का कहना है कि अदानी ग्रुप की प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर ‘पर्याप्त ऋण’ हैं, जिसने पूरे समूह को ‘अनिश्चित वित्तीय स्थिति’ पर डाल दिया है.
यह पहली बार नहीं है कि अंतर्राष्ट्रीय वित्त से जुड़ी किसी संस्था ने ऐसी रिपोर्ट दी हो. 2022 में फिच ग्रुप की क्रेडिटसाइट्स ने भी अडानी ग्रुप को लेकर चिंता जताई थी. इस रिपोर्ट में हिंडनबर्ग का कहना है कि उन्होंने 38 कथित मॉरीशस स्थित शेल कंपनियों की पहचान की है, जिनका नियंत्रण गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी के साथ-साथ साइप्रस, संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर और कई कैरिबियाई द्वीपों में स्थित इसी तरह की कई अन्य कंपनियों से है.
अनुसंधान फर्म ने अपनी विस्तृत रिपोर्ट मय सुबूतों के साथ पेश की है. रिपोर्ट के अंतिम हिस्से के अंत में अदानी के लिए उन्होंने एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 88 प्रश्न पूछे हैं, जैसे –
- गौतम अडानी के बहनोई समीर वोरा को हीरा व्यापार घोटाले का हिस्सा होने के आरोपों के बावजूद अडानी ऑस्ट्रेलिया डिवीजन का कार्यकारी निदेशक क्यों नामित किया गया ?
- गौतम अडानी के छोटे भाई, राजेश अडानी को अडानी समूह में प्रबंध निदेशक के रूप में काम करने के लिए पदोन्नत क्यों किया गया, जबकि उन पर सीमा शुल्क कर चोरी, जाली आयात दस्तावेज और अवैध कोयला आयात के आरोप लगाए गए थे ?
इन आरोपों के जवाब में कल शाम को अडानी समुह ने वही घिसा पिटा जवाब पेश किया है कि रिपोर्ट जारी करने से पहले हमसे तो पूछा ही नहीं और ये हमारे खिलाफ साजिश है वगैरा वगैरा… लेकिन यदि अडानी समुह में वास्तव में दम है तो रिपोर्ट के अंत में उठाए 88 प्रश्नों के विस्तार पूर्वक जवाब दे. इतने बड़े खुलासे के बाद अडानी का बचना मुश्किल नज़र आ रहा है.
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तो यह है असलियत गौतम अडानी के अमीरी का
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