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हाथरस गैंगरेप : जिन्होंने झुठ फैलाया वैसे सभी नरपिशाचों को मर जाना चाहिए

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हाथरस गैंगरेप : जिन्होंने झुठ फैलाया वैसे सभी नरपिशाचों को मर जाना चाहिए

वे सभी लोग जिन्होंने झुठ फैलाया, यूपी की पुलिस, प्रशासन, देश के वैसे मीडिया संस्थान जिन्होंने बेटी के रेप के बावजूद एजेंडा चलाया. वैसे सभी नरपिशाचों को मर जाना चाहिए. उन्हें अपना चेहरा खुद से ख़ालिख से पोत लेना चाहिए. उन्हें बाहर नहीं निकलना चाहिए. उन्हें ग्लानि में गल जाना चाहिए. उन्हें सबक दिया जाना चाहिए. उन्हें तमाचा रसीद देना चाहिए. उन्हें सरेआम सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए.

उन्हें बताना चाहिए कि रेपिस्ट से कम गुनाहगार तुम नहीं हो. ये लोग सच में समाज में जहर हैं. आसपास भी ऐसे लोग हैं तो उन्हें समझाइए और न माने तो सबक सिखाइए.

रेप की घटना को जातीय रूप देकर मोड़ने की कोशिश की गयी. बेटी के शव को जला दिया गया. परिवार वालों को यातना दी गयी. रेपिस्ट को बचाने के लिए उसके जाति के लोग खड़े हो गए. क्या-क्या नहीं हुआ. सब आप सबने देखा था. कलेजा होगा तो पसीज गए होंगे. याद कीजिए वह मंजर.

एक बात तो इस देश में साफ हो गया है. बेटी के रेप की बात हो तो उसको अलग रूप दिया जाएगा, किसान की बात हो तो किसान को देशद्रोही कहा जाएगा, संसद के सत्र की बात हो तो कोरोना को बहाना बनाया जाएगा और भी न जाने हर पल इस देश में कितना झूठ और नफरत फैलाया जा रहा है.

अब जब हाथरस गैंगरेप मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है, सीबीआई ने साफ कहा है कि हाथरस पीड़िता की गैंगरेप के बाद हत्या हुई थी. ऐसे में क्या उनलोगों को सजा नहीं मिलनी चाहिए जिन्होंने दर्द के समय प्रोपेगैंडा फैलाया ?

मेरे साथियों, आपको विश्वास नहीं होगा इस देश के भीतर अभी नफरत और झूठ फैलाने का इतना बड़ा तंत्र विकसित किया जा चुका है कि मिनटों में आपके दिमाग की सोच को बदल दिया जा सकता है. आप नफरत की बाढ़ में जो नफरत फॉरवर्ड करने लगते हैं यह सब उसी साजिश और षड्यंत्र का हिस्सा है.

न्याय और सच के लिए लड़िए. लड़ना होगा. ऐसे लोगों को सबक सिखाइए. समझाइए.

  • संजय मेहता

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ROHIT SHARMA

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