Home गेस्ट ब्लॉग हाथरस गैंगरेप : जिन्होंने झुठ फैलाया वैसे सभी नरपिशाचों को मर जाना चाहिए

हाथरस गैंगरेप : जिन्होंने झुठ फैलाया वैसे सभी नरपिशाचों को मर जाना चाहिए

3 second read
0
0
431

हाथरस गैंगरेप : जिन्होंने झुठ फैलाया वैसे सभी नरपिशाचों को मर जाना चाहिए

वे सभी लोग जिन्होंने झुठ फैलाया, यूपी की पुलिस, प्रशासन, देश के वैसे मीडिया संस्थान जिन्होंने बेटी के रेप के बावजूद एजेंडा चलाया. वैसे सभी नरपिशाचों को मर जाना चाहिए. उन्हें अपना चेहरा खुद से ख़ालिख से पोत लेना चाहिए. उन्हें बाहर नहीं निकलना चाहिए. उन्हें ग्लानि में गल जाना चाहिए. उन्हें सबक दिया जाना चाहिए. उन्हें तमाचा रसीद देना चाहिए. उन्हें सरेआम सामाजिक बहिष्कार करना चाहिए.

उन्हें बताना चाहिए कि रेपिस्ट से कम गुनाहगार तुम नहीं हो. ये लोग सच में समाज में जहर हैं. आसपास भी ऐसे लोग हैं तो उन्हें समझाइए और न माने तो सबक सिखाइए.

रेप की घटना को जातीय रूप देकर मोड़ने की कोशिश की गयी. बेटी के शव को जला दिया गया. परिवार वालों को यातना दी गयी. रेपिस्ट को बचाने के लिए उसके जाति के लोग खड़े हो गए. क्या-क्या नहीं हुआ. सब आप सबने देखा था. कलेजा होगा तो पसीज गए होंगे. याद कीजिए वह मंजर.

एक बात तो इस देश में साफ हो गया है. बेटी के रेप की बात हो तो उसको अलग रूप दिया जाएगा, किसान की बात हो तो किसान को देशद्रोही कहा जाएगा, संसद के सत्र की बात हो तो कोरोना को बहाना बनाया जाएगा और भी न जाने हर पल इस देश में कितना झूठ और नफरत फैलाया जा रहा है.

अब जब हाथरस गैंगरेप मामले की जांच कर रही सीबीआई टीम ने चारों आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दिया है, सीबीआई ने साफ कहा है कि हाथरस पीड़िता की गैंगरेप के बाद हत्या हुई थी. ऐसे में क्या उनलोगों को सजा नहीं मिलनी चाहिए जिन्होंने दर्द के समय प्रोपेगैंडा फैलाया ?

मेरे साथियों, आपको विश्वास नहीं होगा इस देश के भीतर अभी नफरत और झूठ फैलाने का इतना बड़ा तंत्र विकसित किया जा चुका है कि मिनटों में आपके दिमाग की सोच को बदल दिया जा सकता है. आप नफरत की बाढ़ में जो नफरत फॉरवर्ड करने लगते हैं यह सब उसी साजिश और षड्यंत्र का हिस्सा है.

न्याय और सच के लिए लड़िए. लड़ना होगा. ऐसे लोगों को सबक सिखाइए. समझाइए.

  • संजय मेहता

Read Also –

हाथरस : इससे पहले कि अंधेरे में जलती लाश दिन के उजाले में उड़ती लाशों का कारण बन जाये
हाथरस : संघ मानता है, पढ़े-लिखे होना सबसे बड़ा अपराध है
हाथरस : कानून-व्यवस्था शक्तिशाली जमातों के चंगुल में
महिला, समाजवाद और सेक्स

[प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे…]

ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

कामरेडस जोसेफ (दर्शन पाल) एवं संजीत (अर्जुन प्रसाद सिंह) भाकपा (माओवादी) से बर्खास्त

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पंजाब और बिहार के अपने कामरेडसद्वय जोसेफ (दर्शन पाल…