
सुब्रतो चटर्जी
सभी कह रहे हैं कि ट्रंप ने मोदी को बेइज्जत किया है. मैं नहीं मानता, क्योंकि मोदी की कोई इज़्ज़त है ही नहीं. बेइज़्ज़ती भारत की भी नहीं हुई है, क्योंकि मोदी को चुनने वाले देश की कोई इज़्ज़त वैसे भी नहीं होती है. दूसरी बात, 140 करोड़ लोगों में से 80 करोड़ सरकार द्वारा घोषित भिखारी और 20 करोड़ अघोषित भिखारियों के देश की कोई इज़्ज़त नहीं होती है.
यह आत्मावलोकन का समय है, आत्मश्लाघा का नहीं. दो कौड़ी के राजनीतिक विश्लेषक लोगों की बातों पर मत जाइए, अपना दिमाग़ लगाइए और सोचिए कि इस विशाल देश में हमने अपनी सामाजिक और राजनीतिक चेतना को मार कर कैसे दुनिया के सबसे भ्रष्ट क्रिमिनल लोगों को चुना है, जिसके एवज़ में हमारे ही भाई बहनों को मध्ययुगीन ग़ुलामों की तरह जंजीरों में जकड़ कर भारत भेजा जा रहा है.
लोग पूछ रहे हैं कि मोदी क्यों चुप हैं ? सवाल ये है कि एक भ्रष्ट क्रिमिनल किस नैतिक साहस से देश के बारे कुछ सोचेगा या बोलेगा. अदानी को अमरीकी कोर्ट से बचाना है. अंबानी को अमरीका में ठेका दिलवाना है. अब कुत्ता अपने मालिक लोगों की चिंता छोड़ कर जनता के बारे सोचे ! गदहा समझा है क्या इसे ? सभी कह रहे हैं कि मोदी अमेरिका से ख़ाली हाथ लौटे. मैं नहीं मानता. पूरे देश के विनिमय में अपने चोर बाप को बचा लेना किसी ऐतिहासिक उपलब्धि से कम है क्या ?
सुना है कि मस्क अपने कुत्ते पर अदानी के कुत्ते से दोस्ती के लिए दवाब बना रहा है अंबानी के मुक़ाबले स्टारलिंक को उतारने के लिए, लेकिन आठ करोड़ का टिकट खरीद कर अंबानी मस्क के कुत्ते को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है. पूंजीपतियों के चक्कर में पूरी राजनीति कुत्ते और हड्डी के खेल में बदल गया है.
इधर छः डेमोक्रेटिक कुत्ते अदानी को बचाने के लिए मस्क के कुत्ते को चिठ्ठी लिख रहा है. मौक़ा देख कर मस्क का कुत्ता, जो कि अंबाडानी के कुत्ते से कहीं ज़्यादा हृष्ट पुष्ट है, अपने कमज़ोर सहोदर को दबा कर अपने घर का कबाड़ सोने के भाव बेचने की तैयारी में है. अब अदानी के कुत्ते के सामने भीषण धर्म संकट उपस्थित हो गया है, अपने मालिक को जेल से बचाएं या अपने देश का सौदा करें ?
अब चूंकि कुत्ते के लिए मालिक ही सर्वोपरि होता है, इसलिए देश जाए भांड में. पहले खुद बचेगा तब न देश की चिंता करेगा ! जो मालिक अमेरिका में जाकर 6 डेमोक्रेटिक सांसदों और एक रिपब्लिकन प्रेसिडेंट को अपना कुत्ता बना सकता है, उसके लिए इस मरियल कुत्ते को दो लात मार कर भगा देना कौन सी बड़ी बात है. अदानी यह एक पल में भूल जाएगा कि उसके कुत्ते ने अब तक कितनी सेवा उसकी की है !
उधर मस्क का कुत्ता अपने मालिक को समझा रहा है कि एक बार अंबाडानी के मरियल कुत्ते का चूतिया काटने दो, फिर तो उसके मालिकों को समझ ही लेंगे. कुत्ता घसीटी के इस खेल में देश और जनता कहीं नहीं है. जो कुत्तों के पक्ष में हैं, वे निर्लज्ज भक्त हैं और जो उनके विरुद्ध हैं वही सच्चे देशभक्त हैं. आपका चुनाव ही आपका चरित्र है.
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