पं. किशन गोलछा जैन, ज्योतिष, वास्तु और तंत्र-मंत्र-यन्त्र विशेषज्ञ
देश की असहिष्णुता एक बार फिर साफ दिखायी पड़ने लगी है. हिटलर ने जैसे अपनी तानाशाही यहूदियों पर थोपकर अपने समाज में कट्टरता कायम की, वैसे ही मोदी-शाह ने आज भारत की फिजा में सांप्रदायिकता का जहर घोल दिया है. आज बहुसंख्यक हिन्दू कट्टरतम रूप में स्थापित हो चुका है और न सिर्फ वो अल्पसंख्यकों को प्रताड़ित करता है बल्कि खुलेआम धमकियां भी दे रहा है कि दूसरे धर्म वालों को भारत में रहना है तो बहुसंख्यकों की मनमानी सहनी पड़ेगी, नहीं तो अंजाम यहूदियों की तरह भुगतना पड़ेगा. आज आप बहुसंख्यकों के खिलाफ कुछ नहीं कह सकते, भले ही वे कितना भी अत्याचार करे या आंतक फैलाये क्योंकि ऐसा करेंगे तो ये अपराध होगा और उन्हें बिना किसी सुनवाई-सफाई के देशद्रोही साबित कर दिया जायेगा लेकिन ये स्थितियां देश को अंदर ही अंदर खौलता ज्वालामुखी बना चुका है और जिस दिन फटेगा, भारत का विनाश होगा और भारत टूटकर बिखर जायेगा !
मोदी-शाह को ये नहीं भूलना चाहिये कि संविधान सबको आजादी के साथ-साथ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और बराबरी का हक भी देता है. अगर बहुसंख्यकों को कुछ भी करने और कहने की आजादी है तो वही आजादी अल्पसंख्यकों को भी है क्योंकि अल्पसंख्यकों ने अगर प्रतिकार किया तो निश्चित ही गृहयुद्ध होगा और देश टुकड़े-टुकड़े होकर बिखर जायेगा.
आरएसएस और मोदी-शाह को बधाई कि उनकी लगायी आग भड़क चुकी है और देश गृहयुद्ध की तरफ बढ़ता जा रहा है.
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