सोशल मीडिया पर गालीबाज गुंडों को फॉलो करने वाले प्रधानमंत्री, जो भाजपा के प्रचारमंत्री बन गये हैं, सोशल मीडिया की निर्बंध स्वतंत्रता पर एक बार फिर अपना गलाफाड़ भाषण ज्ञान झाड़ा है. हत्यारों, बलात्कारियों, भ्रष्टाचारियों, साम्प्रदायिक दंगाई जब लोगों को अपना ज्ञान झाड़ने लगें, तब समाज को जरूर सोचना चाहिए क्योंकि समाज के जागरूक हिस्से की ओर से मिल रही चुनौतियां उनके परेशानी का सबब बनने लगा होगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने सीधे-सीधे देश के मुख्य समाचार एजेंसियों, न्यूज चैनलों आदि को या तो खरीद लिया है अथवा उसे डरा-धमका रखा है, जिस कारण देश का चौथा खंभा कहलाने वाला हमारे देश की पत्रकारिता आज दुनिया भर में कलंकित हो चुका है. डरा हुआ भ्रष्ट मीडिया आज मोदी और भाजपा का भोंपू बनकर रह गया है, फर्जी न्यूज और अफवाह फैलाने का सबसे बड़ा औजार.
वक्त के ऐसे दौर में सच्ची समाचारों और आम जनता की अवाज को उठाने का सबसे बड़ा प्लेटफार्म बनकर उभरा है सोशल मीडिया, जिसे नियंत्रित करने के लिए मोदी सरकार ने अथक प्रयत्न किया है, परन्तु इंटरनेट की निर्बंध स्वतंत्रता पर पहरा बिठाना अब तक मोदी सरकार के औकात से बाहर ही साबित हुआ है. आज जब सारे मुख्य धारा की मीडिया या तो बिक चुके हैं, दलाल बन गये हैं या डरा दिये गये हैं तब सोशल मीडिया ही आम जनता की सच्ची आवाज बनकर उभरा है और सच्चे पत्रकारों के सच्ची बातों को सहारा देने का भी एक सशक्त माध्यम बन गया है. यही कारण है कि अब सच्चे और ईमानदार पत्रकार भी जब मुख्य धारा की मीडिया से मक्खी की तरह निकाल फेंके जाते हैं, तब वे अपना बचाव सोशल मीडिया के ही माध्यम से करते हैं.
आये दिन मोदी और भाजपा सरकार के पाखंडों और जनविरोधी नीतियों का सबसे सटीक विश्लेषण सोशल मीडिया पर ही होता है. यही कारण है मोदी सरकार सोशल मीडिया की निष्पक्षता और बेलाग टिपण्णी से खौफजदा हो गई है. यही कारण है कि सोशल मीडिया की ताकत को कमजोर और बदनाम करने के लिए मोदी सरकार के प्रत्यक्ष निगरानी में देश के खजाने से हजारों करोड़ रूपये पानी की तरह बहा कर सोशल मीडिया पर गुंडों की फौज को बिठा दिया, जो चुन-चुनकर सोशल मीडिया पर मौजूद बुद्धिजीवियों को निशाना बनाना शुरू किया और गंदी गालियों के अतिरिक्त जान से मारने तक की धमकी देन लगा. पुलिसों की मदद से उन विरोध करने वाले लोगों को उठाया जाने लगा. परन्तु गुंडों और हत्यारों की यह फौज और उसके सरगना सोशल मीडिया को बदनाम करने की मुहिम में खुद ही बदनाम हो गये और इस कठघरों में खुद मोदी आ खड़ा हुआ.
आज देश के सामने यह कोई छिपी हुई बात नहीं है कि दंगाई-हत्यारे मोदी प्रधानमंत्री बनकर देश को दुनिया भर में बदनाम कर दिया है. देश की अर्थव्यवस्था को रसातल में पहुंचा आई यह झूठा-मक्कार और गुंडों की सरकार ने देश में केवल असामाजिक कामों को ही बढाया है. ऋण की भार से मरते किसान, बेरोजगार नौजवान, बलत्कृत होती छोटी-छोटी बच्चियां, गौरक्षा के नाम पर मारे जाते गरीब-असहाय लोग, अपनी ही जमीन से बेदखल होते आदिवासी और क्रूर पुलिस के हाथों मारे जाते उनके बेटे-बेटियों की ब्यथा-कथा आज आये दिन की बात हो गई है, जिसे मोदी सरकार खुद बढ़ावा दे रही है और बजाप्ता इस काम में उसके मंत्री-विधायक की हिस्सेदारी होती है. ऐसे में उसके खरीदे या डराये जा चुके दलाल मीडिया भला क्यों कर सवाल उठाये ?
ऐसे ही वक्त में जब सोशल मीडिया पर लोगों की मुखर आवाज गूंजने लगी है तब गैर-जिम्मेदार मोदी लोगों को जिम्मेदारी का नसीहत दे रहे हैं, जो यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि मोदी सोशल मीडिया के माध्यम से उठ रहे सवालों से खौफजदा है. वह देश के जागरूक जनता से डरा हुआ है और अब उसे सीधे-सीधे धमका रहा है. सोशल मीडिया पर बिठाये मोदी के गुंडा की जमात जब असफल हो गया तब मोदी खुद हाथ और आंखें नचाते हुए सामने आ गया है.
यह कहना नहीं होगा है कि मोदी प्रधानमंत्री के पद, मर्यादा और ताकत का इस्तेमाल गुंडों, बलात्कारियों, दंगाइयों के हिफाजत में कर रहा है ताकि देश की न्यायप्रिय जनता डरकर सवाल उठाना बंद कर दें और खुद को उसके गुंडों के सामने डाल दें ताकि वह गुंडा उनके धन-आबरू को बेरोकटोक लूट सके. परन्तु वीर धरा वसुंधरा इतनी निर्बल नहीं है कि मामूली गुंडों और उसके सरगना के सामने खुद को बिछा दें.
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