आभा शुक्ला
हर इनकाउंटर में कुछ चीजें समान होती हैं –
- अक्सर अपराधी मोटरसाइकिल पर भागा मिलता है.
- मोटरसाइकिल बिना नंबर की होती है.
- हमेशा पुलिस मोटरसाइकिल रोकती है परन्तु अपराधी पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की कोशिश करता है.
- उसका इनकाउंटर सुनसान जगह झाड़ी के आसपास होता है.
- इस इनकाउंटर में अपराधी पुलिस पर गोली चलाता है मगर गोली पुलिस को नहीं लगती.
- और सबसे महत्वपूर्ण, अपराधी मरने के बावजूद हाथ में मजबूती से हथियार पकड़े रहता है.
- मर जाता है पर हथियार नहीं छोड़ता.
भाई अब स्क्रिप्ट दूसरी लाओ.. हर बार वही स्क्रिप्ट झेली नहीं जाती हमसे…!
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सरकार और पुलिस से बड़ा आतंकवादी कोई नहीं
एनकाउंटर कभी न्याय का मापदंड नहीं होता….
आज आप जो साएनाइड की फ़सल बो रहे हैं न…वो एक दिन आपको ही काटनी होगी…!
जनता के सामने सारे रास्ते बंद मत करो, ऐसे ही माहौल में विद्रोह की जमीन तैयार होती है !
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