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सासाराम में मिला सम्राट अशोक का लघु शिलालेख

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सासाराम में मिला सम्राट अशोक का लघु शिलालेख
सासाराम में मिला सम्राट अशोक का लघु शिलालेख
मनीष सिंह

सासाराम में मिला सम्राट अशोक का लघु शिलालेख. जैसा देख सकते हैं, यह देवनागरी संस्कृत में लिखा हुआ है.

वामपन्थी इतिहासकार जेम्स प्रिंसेप ने अशोक के शिलालेखों को पढ़ा. दरअसल यह उनका षड्यंत्र था. जिस रात कुछ दक्षिनपंथी इतिहासकार पढ़ने वाले थे, उसके ठीक पहले जेम्स ने मुगलों की मदद से स्क्रिप्ट चुराकर खुद पढ़ ली.

इतिहास में हमेशा दक्षिणपंथी इतिहासकारों के साथ इस तरह के अत्याचार होते रहे हैं. दरअसल राणा प्रताप का साथ देने के कारण अकबर इनसे खखुआ गया था, और उसने खुद को जिताने वाले वामपन्थी इतिहासकारों को तमाम सुविधाएं मुहैया करवाई.

यही कारण है कि जहां तहां पांडवों तथा रामजी के द्वारा आश्रय के लिए बनाई गई गुफाओं में बौद्ध अवशेष प्लांट कर दिए गए. फिर वामपंथियों ने उन्हें आसानी से स्तूप, विहार आदि का अवशेष घोषित कर दिए.

इसी तरह जगह-जगह गड़ी भीम की लाठी को अशोक का स्तम्भ करार दे दिया गया. हालांकि यह सम्भव है कि अशोक खुद एक माओवादी रहा हो. इस पर एक अलग शोध की आवश्यकता है.

बहरहाल, अंग्रेजों और कार्ल मार्क्स की मिलीभगत के कारण आज आलम यह है कि भारत में जो इतिहासकार है, वह शर्तिया वामपन्थी है.

यह कैसी विडंबना है कि जो दक्षिणपंथी हल्दीघाटी जीतने के बाद, राणाजी के संग जश्न मनाने के लिए 20 साल घास की रोटी खाते रहे, उनके त्याग को भारत के इतिहास में कोई स्थान न मिला.

इसलिए एक भी इतिहासकार दक्षिणपंथी नही हुआ. किसी ने पुष्पक विमान के अवशेष न खोजे, देवो के नाभिकीय तकनीक का वर्णन नहीं किया. गणेशजी के हेड ट्रांसप्लांट का सबूत इतनी खुदाइयों में नहीं मिल सका, यह बेहद शर्म की बात है.

परन्तु आज 1100 साल बाद दिल्ली की गद्दी पर एक हिन्दू राजा बैठा है. अब कहीं दक्षिणपंथी इतिहासकार नामक नॉन एग्जिस्टेंट ब्रीड को संरक्षण प्राप्त हुआ है.

इस तरह क्रम में राष्ट्रवादी इतिहास लिखने के लिए व्हाट्सप पर मेगा-कॉम्पटीशन चल रहा है. प्रथम राउंड में यह संस्कृत का शिलालेख अनुवाद हेतु आया है.

मुझे समझ नहीं आ रहा. आप लोग मदद करें. देश के इतिहास को बदलने में आपकी मदद के लिए आपको क्रेडिट देकर मेंशन किया जाएगा.

सासाराम में मिलें लघु शिलालेख को पढ़ते राजेन्द्र सिंह –

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2 Comments

  1. Rahul Kumar

    October 18, 2023 at 1:48 pm

    आप अभी अपना स्तर बढ़ाइए, ताकि लोग आपको हल्का में न लें।

    Reply

    • ROHIT SHARMA

      October 19, 2023 at 3:19 am

      सच को आंच की क्या जरूरत. इस लेख में ऐसा क्या है जो आपको समझ नहीं आ रहा है ?

      Reply

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