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एफिल टावर

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एफिल टावर शहर के
किसी कोने से देखा जा सकता है
मैं उसकी बगल में हूं
मैं किसी एंगल से
दिख नहीं रहा हूं
अगल बगल बहुत भीड़ है
मैं उन्हें नहीं जानता
न वे मुझे जानते हैं

मधुमक्खी के इस छत्तानुमा शहर में
मै एक मजदूर मधुमक्खी हूं
जिसका एक ही काम है
ऐय्यास और आराम तलब रानी के लिए
पराग संग्रह करना
और कल परसों तक मर जाना

मैं चाहता हूं, तुम
मेरे अक्षरों की आवाज़ बनो
क्योंकि मैं भी इस महल का एक भिखारी हूं
उस फूटपाथ पर बसे भिखारियों की तरह
जब तक चुपचाप था
मैं भी उनके विश्वासपात्रों में से एक था
लेकिन यहां पुलिस पहुंचने के पहले
मैं अपना ठिकाना बदल चुका था

खेल मंत्री इन दिनों खेल को
बहुत बढ़ावा दे रहे हैं
कोई शतरंज तो कोई
सांप सीढ़ी में अपनी अपनी
प्रतिभा निखार रहा है
इस तरह
सेहत का ध्यान रखना अच्छा है

मैं तब भी नामित नहीं था
जैसे आज नामित नहीं हूं
मैं प्रतिस्पर्द्धा से बाहर हूं
मेरे शो केस में कोई मेडल नहीं है
हां, उन्हें मेरी कुछ किताबों से एतराज़ ज़रुर था
जिसे वर्दी वाले ज़ब्त कर ले गये

कल की तुलना में
मेरे सीने का दर्द
आज कुछ कम है
मैं बहुत अंतर्मुखी हूं
किसी से कह नहीं सकता, आप
मेरे लिए दुआ करो

आह, मैं गमले के पौधों में
पानी देना भूल गया
वे निरीह क्या सोच रहे होंगे
मैं उसे क्या कहूं जो धरती पर
आंख मूंद कर जीते हैं
और कभी कभी तो
ब्रस करना तक भूल जाते हैं
सामने चाय की प्याली ठंडी पड़ी रह जाती है

अच्छा है आप
ऑस्टिन, हेमिंग्वे, सोल्झेनित्सीन
और कॉफ्का की मिलावट में हो
ऐसे भी प्रकृति में कोई भी
शुद्धता असंतुलन का नियामक है

  • राम प्रसाद यादव

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ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

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