Home कविताएं जो ना पूछे आपको, पूछो ना उसके बाप को

जो ना पूछे आपको, पूछो ना उसके बाप को

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खाद के लिए भीखमंगों की तरह
लाइन मे लगा दिया किसानों को
ये इनकी कुन्ठा है इससे ये खुश होते हैं
बीज के लिए भी लाईन मे लगा करोगे
फसल बेचने के लिए भी लाईन मे
रुको थोडा डीजल भी राशन पर मिला करेगा
तुम्हारे साथ ऐसा ही होना चाहिए
क्योन्कि किसान तो बार्डर पर बैठ कर
अपने हक के लिए लड़ रहा है
आप तो जाट हो गुज्जर हो अहीर हो
सैणी हो काम्बोज हो मीणा हो
और फिर आप हिन्दू मुस्लिम हो
आप जाट नान जाट हो
आप यादव और नान यादव हो
आप सिख नान सिख हो
कहने को बहुत कुछ है

आप को चाहिए
पाकिस्तान, मुस्लिम, जाट पर डिबेट
रोजगार, सेहत, शिक्षा, सुरक्षा
किस चिडिया का नाम है
जो आपके बीच मे से पढ़ कर शहर चले गए
या अफसर लग गए
बाकी तो आपका नाश चाहते ही हैं
पर ये जो मेरे जैसे आप के बीच में से गए हैं
कुछ को छोड़ कर ये भी आप के शुभ चिन्तक नहीं हैं
जो ना पूछे आपको, पूछो ना उसके बाप को

  • जगमल चहल

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