मेरे हाथों में पड़ी
मेरे कुत्ते की जीन पर
खिंचाव बढ़ता जा रहा है
मेरे कुत्ते को
इस दौड़ में शामिल होने पर
एतराज़ है
वह घर लौटना चाहता है
उस तरफ़
दौड़ के प्रायोजकों के माथे पर
चिंता की लकीरें हैं
एक सक्षम प्रतियोगी की अनुपस्थिति में
दौड़ का रंग कहीं फीका न पड़ जाए
वैसे तो इस दौड़ में
हरेक नस्ल, रंग
और देश के कुत्ते
पहले से ही शामिल हैं
फिर भी
एक सक्षम कुत्ते का न होना
बहुत फ़र्क़ डाल देता है
शायद ये कुत्ता
पागल हो गया है
ये कुत्ता दौड़ में शामिल
नहीं होने की
अजीबोग़रीब वजहें बता रहा है
कह रहा है कि
जीतने की प्रबल संभावनाओं के वावजूद
किसी भी पुरस्कार के प्रति
उसकी विरक्ति
उसे कुतदौड़ में शामिल नहीं होने
दे रहा है
मैंने भी समझाया उसे कि देखो
पुरस्कार ही जीवन का लक्ष्य है
साधु सन्यासी
नेता अभिनेता
लेखक कवि
विद्यार्थी अभिभावक
गायक नायक
सभी तो पुरस्कार के लिए ही जी रहे हैं
लेकिन कुत्ता तो कुत्ता ठहरा
वफ़ादारी की मिसाल
न वो मुझसे बेवफ़ाई कर पाता है
और न ही अपने ज़मीर से
मैंने उसे फिर समझाया कि
देखो, अगर तुम इस कुतदौड़ में
नहीं भाग लोगे तो वे तुम्हें पागल समझेंगे
फिर मैंने उसे सुकरात से ब्रुनो तक
और दाभोलकर से पंसारे तक
गांधी से बूसी बुसिया की माता तक का
विभिन्न उदाहरणों से समझाने की कोशिश की
लेकिन सब बेकार
अंत में
थक हार कर मैं उसके पीछे पीछे
अपने घर आ गया
और अपने सोफ़े पर निढाल हो गया
शाम के धुंधलके में
उनींदी आंखों में
मुझे साफ़ दिखाई दे रहा था
शहर के बाहर
किसी आयुध फ़ैक्ट्री में ढल रही थी
एक पागल कुत्ते को मारने के लिए
एक और गोली
- सुब्रतो चटर्जी
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