कृष्णकांत
भारत की संसद के अंदर भारत के प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि ‘कांग्रेस का डीएनए विभाजनकारी है.’ वे अपने इस बयान को अंग्रेजों के जमाने से भी जोड़ रहे हैं. वे सही कह रहे हैं. लाला लाजपत राय ने साइमन कमीशन के विरोध में सिर पर लाठी खाई और मर गए. पीएम मोदी के मुताबिक, उनका डीएनए खराब था.
लाल-बाल-पाल की तिकड़ी का भी डीएनए खराब रहा होगा. गोपाल कृष्ण गोखले, दादा भाई नैरोजी, रवींद्र नाथ घोष, मदन मोहन मालवीय, रास बिहारी घोस, मोती लाल नेहरू, चितरंजन दास, अबुल कलाम आजाद, महात्मा गांधी, सरोजिनी नायडू, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सुभाष चंद्र बोस, जेबी कृपलानी, पुरुषोत्तम दास टंडन… इन सबका डीएनए खराब रहा होगा, विभाजनकारी रहा होगा.
सैकड़ों कांग्रेसी नेता, लाखों कांग्रेसी कार्यकर्ता शहीद हुए, उन सबका डीएनए खराब रहा होगा. प्रधानमंत्री रहते हुए लाल बहादुर शास्त्री का देहावसान हुआ, प्रधानमंत्री रहते हुए इंदिरा गांधी की हत्या हुई, प्रधानमंत्री रह चुके राजीव गांधी की हत्या हुई, इन सबका डीएनए खराब रहा होगा या मोदी के मुताबिक, विभाजनकारी था.
डीएनए तो बस अंग्रेजों के जासूस संघियों का सौ प्रतिशत शुद्ध है. जब पूरा देश अंग्रेजी साम्राज्य के विरुद्ध लड़ रहा था, तब ये कायर अंग्रेजों के लिए जासूसी कर रहे थे और भारतीय क्रांतिकारियों को फंसा रहे थे, ये तो अपने ही डीएनए को असली बताएंगे. ये तो अपनी गद्दारी को भी राष्ट्रवाद कहते हैं. आज़ादी को नकारने वाले, तिरंगे को नकारने वाले, संविधान को नकारने वाले ही आज असली राष्ट्रवादी हैं. यह सौ साल पुराना फर्जीवाड़ा है.
जब आजादी की लड़ाई चल रही थी तब वे हमारे क्रांतिकारियों का विरोध कर रहे थे. वे आजादी के आंदोलनों का बहिष्कार कर रहे थे. अंग्रेजों के लिए क्रांतिकारियों के खिलाफ जासूसी कर रहे थे. बाद में जहर फैलाकर गांधी की हत्या करवाई और आज आजाद भारत की संसद में खड़े होकर स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत पर हमला बोल रहे हैं.
भगवान ने मुंह दिया है, जनता ने ओहदा दिया है तो बोलने से पहले कुछ नहीं सोच रहे हैं. कह रहे हैं कि कांग्रेस का डीएनए विभाजनकारी है. यह बात वही व्यक्ति कह रहा है जो कुछ दिन पहले भाषण दे रहा था कि व्यक्ति किस धर्म का है ये कपड़ों से पहचाना जा सकता है.
मुझे लगता है कि अंग्रेजों से हम लड़े, लेकिन वह दौर फिर भी इससे अच्छा था. ये अंग्रेजों के जासूस उससे भी खतरनाक हैं. ये गांधी जयंती पर गांधी को फूल माला चढ़ाते हैं और फिर ट्विटर पर ‘गोडसे अमर रहे’ ट्रेंड करवाते हैं.
अगर आप लाला लाजपत राय, गांधी, भगत सिंह, अशफाक, बिस्मिल, राजगुरु, सुखदेव जैसे लोगों को अपना हीरो मानते हैं तो समझिए आपका भी डीएनए खराब है. मोदी जी ठीक कह रहे हैं. जिस देश ने उन्हें प्रधानमंत्री चुना है, उसे देश की विरासत का, उस देश के लोगों का, उस देश के पुरखों का, उस देश के शहीदों का, उस देश की जनता का डीएनए खराब है.
यह घिनौनी गाली भारत के प्रधानमंत्री के रूप में भारतीय जनता को तोहफा है.
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें]