गिरीश मालवीय
बीजेपी नेताओं का भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार नहीं हैं बाकी सारी पार्टियों में भ्रष्टाचारी भरे पड़े हैं. स्मृति ईरानी ने कल प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दूसरी पार्टियों के नेताओं पर आरोप लगाए लेकिन जैसे ही भाजपा से जुड़े भ्रष्टाचार की बात आती हैं, उनकी जुबान पर ताला लटक जाता हैं, यहां तक कि मुख्य मीडिया भी खामोश रह जाता है.
कोरोना काल में हुए बीजेपी सरकार के घोटाले खुलने शुरू हो गए हैं. कल खबर आई थी कि असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा की पत्नी का नाम पीपीई किट घोटाले में सामने आया है. उन पर आरोप है कि जब उनके पति प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री थे, तब उन्होंने महामारी के दौरान पीपीई किट की आपातकालिन आपुर्ति अपनी सहूलियतों को ध्यान में रखते हुए करवाई थी.
‘द वायर’ में प्रकाशित एक खबर में बताया गया है कि पीपीई किट का अनुबंध हेमंत बिस्वा सरमा की पत्नी रिंकी सरमा को देने हेतु विधिवत रूप से किसी भी प्रकार की निविदा जारी नहीं की गई थी और मनमाने ढंग से मुख्यमंत्री की पत्नी की कंपनी को यह अनुबंध सौंप दिया गया था.
कल मित्र सौमित्र रॉय ने भी अपनी सोशल मीडिया पेज पर बताया कि एक ‘आरटीआई से मिली जानकारी में पता चला है कि हिमंता ने अपनी पत्नी रिनिकी भुइयां सरमा की फर्म जेसीबी इंडस्ट्रीज को तुरंत पीपीई किट उपलब्ध कराने का ठेका दिया था, जबकि यह कंपनी उस समय केवल सैनिटरी नैपकिन ही बनाती थी. हिमंता उस समय असम के स्वास्थ्य मंत्री थे.
‘हिमंता की पत्नी की कंपनी जेसीबी न सिर्फ आर्डर पूरा करने में नाकाम रही, बल्कि बाद में कंपनी से सप्लाई हुए 1485 पीपीई किट्स को कंपनी के CSR में दिखा दिया. यही नहीं, रिश्तेदार की कंपनी से महंगे दाम में सामान मंगवाकर सरकारी ख़ज़ाने को चूना भी लगाया.’
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि पीपीई किट और कोरोना खरीद घोटाले का यह पहला मामला नहीं है. 2020 में हिमाचल प्रदेश में PPE किट घोटाले की ऑडियो क्लिप वायरल हुई थी और इस मामले में अपने से जुडे नेता का नाम आने के बाद तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष को इस्तीफा देना पड़ा था.
उत्तर प्रदेश में भी कोरोना बीमारी के घर-घर सर्वे के लिए सरकार ने सर्वे के लिए दो पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मल स्कैनर खरीदने के आदेश दिए थे, उसे ज़िलों में तय कीमत से पांच-पांच गुना ज्यादा दाम पर खरीद लिया गया. ये आरोप खुद बीजेपी के विधायक और पदाधिकारी लगाए थे.
एक बार यदि ढंग से पूरे देश में केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा कोराना काल में हुई आपात कालीन खरीद की सारी फ़ाइल खोली जाए तो वर्तमान में देश की सबसे भ्रष्ट पार्टी का नाम आपको पता चल जाएगा.
कोरोना टीकाकरण के नाम पर मौत का खेल
मशहूर गायक केके का कोलकाता में लाइव परफार्म करते हुए निधन हो गया. बताया जा रहा है कि कॉन्सर्ट के बाद 53 साल के केके बेहोश हो गए. उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां रात 10.30 बजे के बाद कलकत्ता मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMRI) ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
हम सब देख रहे हैं कि बड़े पैमाने पर युवाओं में अब हार्ट अटैक के केस बढ़ रहे हैं. यह हम सभी को दिख रहा है लेकिन मानने को कोई तैयार नहीं है. केके भी अच्छे खासे खासे फिट थे. मौत से पहले उन्होंने 2 घण्टे तक लगातार परफॉर्म किया था.
पिछले कई महीनों से अनेक मित्र सोशल मीडिया पर बता रहे हैं कि उनके आसपास कम उम्र के लोगो मे कार्डियक अरेस्ट के केसेस बढ़े हैं, कई लोगों की मृत्यु भी हुई है. यह कोई ढका छुपा तथ्य नहीं है कि रक्त का थक्का जमने और हार्ट अटैक में सीधा संबंध होता है और पनीर टिक्का खाने के बाद यह सब देखने में आ रहा है.
यूरोप मे तो दवा नियामक द्वारा ‘ए स्ट्रा जे ने का’ नाम के पनीर टिक्का का रक्त के थक्का जमने (क्लॉटिंग) के बीच संबंध बताएं जाने के बाद कई देशों ने इसका इस्तेमाल सीमित कर दिया था लेकिन भारत में धड़ल्ले वहीं पनीर टिक्का ‘को वि शी ल्ड’ के नाम से इस्तेमाल किया गया.
ब्रिटेन में 30 से कम उम्र वालों को ‘ए स्ट्रा जे ने का’ लगाए जाने से रोक दिया गया, इटली और स्पेन जैसे देशो में 60 साल से ऊपर वालों के लिए ही इसका उपयोग किया गया. ऑस्ट्रेलिया ने अपने यहां 50 साल से कम उम्र वालों को यह टीका न लेने की सलाह दी. पर भारत मे किसी की नहीं सुनी गयी और पनीर टिक्का के एडवर्स इफेक्ट पर कोई बात ही नहीं की गई. नतीजे आपके सामने है.
सोशल मीडिया पर व्यक्त पीड़ा
गिरीश कुमार –
अभी विगत माह अप्रैल की तीस तारीख को मेरे चचेरे भाई (उम्र 38 वर्ष) का भी कार्डियक अटैक से मौत हो गया. रात के तीन बजे पानी मांगा और फिर बेहोश हो गया. अस्पताल पहुंचने पर मृत घोषित कर दिया गया जबकि उसे हार्ट से संबंधित कोई मामला नहीं था.
राहुल चौहान –
सरकार समझ जाती है जब फार्मा कंपनी समझाती है कि 20 वर्ष का टेस्टिंग पीरियड की बजाय पेंडेमिक में 1 साल का ही टेस्टिंग ठीक है. कुछ कोलेट्रल डैमेज होंगा (सरकार इससे खुब परिचित है क्योंकि खुद ही ये करती रहती है). अब जो लोग मर रहे है वो कोलेटरल डेमेज की आहुति है, जो बच गए वो खैर मनाए.
अनिता मिश्रा –
हमारे पड़ोस के 32 साल के व्यवसायी भी 4 दिन पहले इसी तरह अचानक कार्डियक अरेस्ट से नहीं रहे.
जय सिंह –
बहुत ज्यादा युवाओं में हार्टअटैक और ब्रेनहैमरेज के केस हो रहे हैं. मेरे तमाम परिचितों की डेथ हुई है इस बीच, इन्हीं कारणों से.
दीप मोहन नेगी –
मैंने अपनी न्याय पंचायत में जिसकी आबादी 20,000 के आसपास होगी, पचासों केस देख चुका हूं जिनकी मौत का कारण कार्डियक अटैक था. सबसे यही फकीरे की जहरीली पनीर टिक्की खा रखी थी. मैं अक्सर लोगों के बीच इसकी चर्चा करता रहता हूं.
अभिषेक कुमार –
खुद भी जूझ रहा हूं. 2 जुलाई को पत्नी को पहला वैक्सीन दिलवाया और 17 जुलाई को ब्रेथ लेसनेस के चलते हॉस्पीटल में एडमिट कराना पड़ा.
अरशद रसीद –
पहली डोज लगाने के कुछ दिनों बाद चक्कर से आने लगे. लगातार कई दिनों तक बीपी चेक करने पर भी नॉर्मल ही आ रहा था, और शुगर लेवल भी बिल्कुल ठीक ठाक. जबकि मुझे अपनी पूरी लाइफ में आजतक चक्कर आने जैसा कुछ भी नहीं हुआ था, जिसके बाद मैंने तय किया कि अब अगली डोज नहीं लगवाऊंगा और मैंने नहीं लगाया. वैसे मुसलमानों को वैक्सीन के संबंध में शुरू से ही शंका थी, लिहाजा ज्यादतरों ने कोई भी वैक्सीन नहीं लगवाई हैं.
राजेन्द्र सिंह –
पोस्ट कोविड ये मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिसने भी दो डोज लिए इसके साईड इफेक्ट्स पर चर्चा न हो रही. हाथों में सूजन आना, बेहोश हो जाना, एलर्जी त्वचा रोग, हाथ पैर सुन्न होना, अटैक जैसे ये मामले एकाएक बढ़ते जा रहे.
अभिनंदन शर्मा –
लोग समझ ही नहीं पा रहे हैं कि मौत हार्ट अटैक से नहीं हुई है. हार्ट अटैक फिट लोगों में भी खूब आ रहा है, बालिका वधू के लीड एक्टर तो बिलकुल फिट थे. लोग समझ रहे हैं कि कारण हार्ट अटैक है पर असल कारण पनीर टिक्का है.
आदित्य राजगीर –
अपना निजी अनुभव शेयर कर रहा हूं. पिछले साल अगस्त 2021 में मेरे खून में खराब कोलेस्ट्राल का स्तर एकदम सामान्य था लेकिन दिसम्बर 2021 और जनवरी 2022 में वैकसीन लेने के बाद और फिर नियमित ब्लड टेस्ट कराने पर पता चला कि खून में खराब कोलेस्ट्राल का स्तर एकदम से तीन गुना बढ़ गया है जबकि मेरा भोजन लगभग सामान्य है. कोई जंक फूड, नानवेज, Alcohol मैं नहीं लेता. बिलकुल समझ में ही नहीं आ रहा है.
अहमद कलीम –
अभी लास्ट वीक मेरे एक दोस्त को डेथ हो गई. घर से बिल्कुल सही गया था. अपनी दुकान खोली, सीने में दर्द हुआ, जलन की शिकायत हुई, दुकान के बाहर आया और गिर गया. बताने वाले ने जो मौके पर था, बताया कि पास के लिंटर पर उसे लिटाया. 3 हिचकी आई और मुश्किल से 2 से 3 मिनट में खेल तमाम हो गया. कहने वालों ने कहा था ये टिक्का 2 साल के अंदर से ही अपना असर दिखायेगा. हर बॉडी पर इस tikke कर अलग असर है लेकिन लोग ऊपर वाले की मर्जी कहकर बात हो टाल रहे हैं.
अनिल जैन –
दूसरी लहर में 50 लाख से ज्यादा मौतों के लिए एक्सपायर हो चुका पनीर टिक्का का इस्तेमाल ही जिम्मेदार है. ऐसा अपने आसपास के कई लोगों का ये वाला पनीर खाने के तुरंत बाद फूड प्वाइजनिंग का शिकार होने के आधार पर कह रहा हूं.
विजय वर्मा –
मेरे पिताजी को कोविशिल्ड वेक्सीन लगाने के 5-6 वे दिन बाद हार्ट अटैक आया था. वर्तमान में बाईपास करा ली है. प्रभु कृपा से स्वस्थ हैं. मैंने कई लोगों को देखा है जिन्हें वेक्सीन लगने के बाद हार्ट अटैक आया.. कई परलोक सिधार गए.
मौसम वर्मा –
Jab subko paneer tika lag gaya tab court ne iski aaniwaryta khatm ki.sub mile hue hai.
मेवाड़ मनीष सैनिक –
वैक्सीन के बाद हर युवा के सीने में दर्द हमेशा रहता है, जैसे कुछ चूभ रहा हो.
राकेश भारद्वाज –
मालवीय जी, लोग समझ नहीं पा रहें हैं. कोविड वैक्सीन का टीका लगवाने के बाद बहुत से युवाओं को तीन चार दिन के बाद ब्रैन हेमरेज, कार्डियो अटैक हों रहा है.
मेरे युवा पुत्र के साथ भी ऐसा ही हुआ, जबकि किसी भी तरह की कोई बीमारी से ग्रसित नहीं था. 21 फरवरी के सुबह चचेरी बहन की डोली विदा करते ही ब्रेन हेमरेज हुआ. 15 मिनट में अस्पताल पहुंच गए थे. मुश्किल से दो घंटे के अन्दर ही अन्दर कार्डियक अटैक और सब कुछ खत्म.
UPSC दो बार पास आउट मेरा जवान बेटा इस महा मक्कार सरकार के परोसे जा रहे ज़हर का शिकार हों गया.
ना जाने कितने बच्चे शिकार हों चुके हैं और भविष्य में होंगे.
इस सरकार ने हर तरफ़ लूट पाट अफरा तफरी मचा कर रख दी है.
ये सरकार साक्षात् यमराज का रुप लेकर जानता को लील रही है और जानता लाचार, विवश तमाशा देख रही है.
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