दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का आक्षेप जानने से पहले कुछ हाइलाइट्स –
- 12 दिसंबर 2022, मुंबई में 65 वर्षीय पिता ने अपनी 16 वर्षीय बेटी को बनाया प्रेगनेंट
- 23 फरवरी 2022, गुना (मध्य प्रदेश) में अपनी 14 वर्षीय बेटी से बलात्कार करने में असफल पिता ने की बेटी की हत्या. डेडबाडी से किया बलात्कार.
- दिसंबर 2022, में छात्रा ने कहा – पिता, चाचा ने किया बलात्कार, दादा ने भी की अश्लील हरकतें !
- 29 अप्रैल 2019, पीलीभीत उत्तर प्रदेश में बेटी से किया बलात्कार, पत्नी ने कराया गिरफ्तार
- 18 दिसंबर 2018, नोएडा दिल्ली, अपनी 13 वर्षीय बेटी से किया पिता ने बलात्कार
- 1 मार्च 2023, हरिद्वार में अपनी नाबालिग बेटी से किया पिता ने बलात्कार
- 29 फरवरी 2020, चंपावत उत्तराखंड, में पिता ने किया 15 वर्षीय नाबालिग बेटी से बलात्कार फिर बेटे ने भी किया बहन से ….. आतंकित बेटी अपनी 12 वर्षीय छोटी बहन को लेकर फरार. टनकपुर में रीड्स संस्था ने कराई कार्रवाई, बाप बेटे को 20-20 साल की सजा
- चार दिन पहले 8 मार्च 2023 को सहारनपुर उत्तर प्रदेश में पिता ने अपनी पत्नी के सामने ही अपनी 8 वर्षीय बेटी को बनाया अपनी हवस का शिकार, गिरफ्तार…..!
ये वो घटनाएं हैं जो गाहे-बगाहे मीडिया में आ जाती हैं. गांव देहात की लड़कियां या रसूखदार परिवारों से बेइज्जती के नाम पर ऐसी अनगिनत करतूतों का तो पता ही नहीं चलने दिया जाता. महिला घरेलू हिंसा के 30 फीसदी मामलों में लड़कियां अपने घर की चारदीवारी में यौन हिंसाओं का शिकार हैं. अविवाहित व नाबालिग लड़कियों द्वारा आत्महत्याओं में बहुत से मामले घरेलू यौन हिंसा जिम्मेदार है, जिस पर परिवार के लोग लड़की पर बदचलन या मनमानी करने जैसे आरोप लगा कर इज्जतदार बने रहते हैं.
बहरहाल, दिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष स्वाति मालवाल ने एक सार्वजनिक समारोह में अपने पिता अशोक मालीवाल पर 1992-93 में अपने 9 वर्ष की उम्र में बलात्कार करने का आरोप लगाया है. मैडम स्वाति ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि उस वक्त वह चौथी कक्षा में पढ़ती थी, अशोक मालीवाल जबरन नन्हीं स्वाति को बालों से घसीटकर दीवारों में सिर पटकाकर उससे बलात्कार किया करता था और यह एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ.
स्वाति मालीवाल को दिल्ली आम आदमी पार्टी सरकार के दौरान 2015 में दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. हालांकि स्वाति के महिला आयोग अध्यक्ष बनने पर भाई-भतीजावाद का मामला तूल पकड़ गया था. विरोधियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नजदीकी रिश्तेदार की वजह से स्वाति को महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है. विपक्ष ने व्यंग्य करते हुए स्वाति मालीवाल को ‘स्वाति मालामाल’ करार दिया.
स्वाति ने आम आदमी पार्टी नेता नवीन जयहिंद से शादी की और 2020 में दोनों का तलाक हो गया था. खैर, 38 वर्षीय स्वाति मालीवाल का जीवन बहुत शानदार जानदार संघर्षों से भरा है. उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में जन्मी स्वाति ने बी-टेक की पढ़ाई की है. उन्होंने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले बच्चों की दारुण ज़िंदगी के लिए शिक्षा स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए 2006 में अपनी इंजीनियरिंग की नौकरी से इस्तीफा दे दिया.
2006 में ही महिलाओं से जुड़े मुद्दों को उठाने वाले संगठन ‘पब्लिक काज रिसर्च फाउंडेशन’ से जुड़ी. 2008 में बिहार बाढ़ प्रभावितों के उचित पुनर्वास व मुवावजे के लिए तीन महीने तक संघर्षरत रहीं. 2012 में अन्ना हजारे नेतृत्व वाले भ्रष्टाचार निवारण लोकपाल नियुक्त आंदोलन का हिस्सा बनीं, जिसमें किरण बेदी, प्रशांत भूषण, एन. संतोष हेगड़े जैसे हस्तियां शामिल थी.
इसी दौरान स्वाति को इस आंदोलन का मुख्य नेतृत्व संभालने की जिम्मेदारी भी दी गई. इन सभी कार्यकर्ताओं में स्वाति सबसे कम उम्र की सामाजिक कार्यकर्ता थी. मैडम स्वाति ने बिहार सरकार में एकीकृत बाल विकास योजना में भी सह संयोजक भूमिका अदा की है. स्वाति ने 14 वर्ष से कम सभी बाल बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा दिए जाने के कानून की मांग वाले एक प्रस्ताव की अध्यक्षता भी की.
कुछ समय पहले स्वाति जब अपने सहयोगियों के साथ दिल्ली में महिलाओं के आने जाने के स्थिति जानने के लिए रात 11 बजे सड़कों पर निकली तो एक ड्राइवर ने स्वाति को जबरन अपनी गाड़ी में खींचने का दुस्साहस किया, जिसमें स्वाति का हाथ गाड़ी के दरवाजे में फंस गया था. स्वाति ने इस पर सार्वजनिक बयान देते हुए कहा कि ‘यह सब बहुत डरावना था. आम महिलाओं के साथ क्या होता होगा इसी से अनुमान लगाया जा सकता है.’
युवतियां – महिलाएं निडर होकर अपने साथ हो रहे यौन हिंसाओं की शिकायत दर्ज करायें, सोशल मीडिया का सहारा लें, जनसंगठनों तक अपनी बात पहुंचायें. इस पर चुप्पियां क्रूरतम मर्दवादी व्यवस्था को खुल्लमखुल्ला घरेलू हिंसात्मक यौनाचार की छूट देना है.
- ए. के. ब्राइट
सहयोगी – प्रभाकर देशमुख, जीवन्ती कुलश्रेष्ठ, दानिश पाशा, अभ्युदय पाठक
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