दिल्ली सरकार के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की छापेमारी आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए किया गया भाजपा का एक और घिनौना स्टंट माना जा रहा है, जो वह अपनी नाकामी और देश की जनता के साथ लगातार की जा रही अपनी गद्दारी को छिपाने के लिए आयोजित कर रही है.
आम आदमी पार्टी के द्वारा जनता के हितों में स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुफ्त दवा एवं जांच, उच्चस्तरीय शिक्षण व्यवस्था, मुफ्त पानी, आधे दामों पर बिजली, किसानों को 50 हजार प्रति हैक्टेयर की मुआवजा, ड्यूटी पर शहीद कर्मचारियों को 1 करोड़ की मुआवजा आदि जैसे क्षेत्रों में लगातार केन्द्र सरकार के विभिन्न संस्थाओं के द्वारा लगातार रोड़े अटकाये जाने के बाद भी किये जा रहे सराहनीय कामों से दुःखी भाजपा और केन्द्र की उसकी मोदी सरकार अब अपनी नाकामी और जनता के साथ किये जा रहे गद्दारी को छिपा नहीं पा रही है. उसके द्वारा बार-बार बोले जा रहे जुमलों और औद्यौगिक घरानों के के चरणों में बिछी मोदी सरकार की पोल बुरी तरह खुल रही है. उसके ‘‘70 साल’’ और अब ‘‘60 साल’’ वाले बहाने काम नहीं कर रहे हैं. देश की जनता मोदी के 3 साल बनाम केजरीवाल के 2 साल के कामों की तुलना करने लगे हैं.
यही कारण है कि आम आदमी पार्टी के किये गये कामों से बौखलायी केन्द्र की मोदी सरकार आम आदमी पार्टी को कलंकित करने और उसे खत्म कर डालने के लिए दलाल मीडिया को खरीदकर आम आदमी के खिलाफ तमाम सरकारी संस्थानों का दुरूपयोग कर रही है. इसी कड़ी में आम आदमी पार्टी के दिल्ली सरकार के उपमुख्यमंत्री सह शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की छापामारी की गई है.
इस संदर्भ में आम आदमी पार्टी ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए एक पत्र सोशल मीडिया के माध्यम से आम जनता के बीच में रखा है. वही सीबीआई का कहना है कि वह टॉक टू एके के कार्यक्रम में व्याप्त भ्रष्टाचार के संदर्भ में पूछताछ हेतु गए थे.
जबकि अगर हम इस टाइमिंग की बात करें तो अगले दिन मनीष सिसोदिया आंगनबाड़ी में अनियमितताओं की जानकारी मिलने पर छापामारी हेतु जाने वाले थे. वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने 1 दिन पहले ही मनीष सिसोदिया पर सीबीआई की छापेमारी करवा कर यह साबित कर दिया कि वह आंगनवाड़ी में व्याप्त अनियमितताओं का समर्थन करती है और ईमानदारी से काम करने वाली आम आदमी पार्टी का विरोध करती है. हम यहां सीबीआई छापेमारी पर आम आदमी पार्टी की ओर से जारी पत्र के मजमून को हू-ब-हू रख रहे हैं.
स्वार्थ के लिये तलवे तक चाटने वाले चमच्चों और मिलजुल कर देश को खोखला करने वाले भ्रष्टाचारी दलों के बीच सीधी-सपट बात करने वाला अरविन्द केजरीवाल आम आदमी की आवाज बनकर आ गया तो देश के सारे बेईमानों में हड़कंप मच गया.
cours de theatre
September 30, 2017 at 5:37 pm
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