Home गेस्ट ब्लॉग ‘हम भारत के लोग’ का ‘दिल्ली संकल्प’ : हम लोग 4 जून को होने वाली मतगणना प्रक्रिया पर कड़ी नज़र रख रहे हैं

‘हम भारत के लोग’ का ‘दिल्ली संकल्प’ : हम लोग 4 जून को होने वाली मतगणना प्रक्रिया पर कड़ी नज़र रख रहे हैं

6 second read
0
1
258
'हम भारत के लोग' का 'दिल्ली संकल्प' : हम लोग 4 जून को होने वाली मतगणना प्रक्रिया पर कड़ी नज़र रख रहे हैं
‘हम भारत के लोग’ का ‘दिल्ली संकल्प’ : हम लोग 4 जून को होने वाली मतगणना प्रक्रिया पर कड़ी नज़र रख रहे हैं

हम भारत के लोग – जन आंदोलन, नागरिक समाज के लोग और तमाम बुद्धिजीवी 27 मई, 2024 को नई दिल्ली में एकत्रित हुए. हम सभी जारी चुनावी प्रक्रिया, मतदाता जागरूकता, बूथ-स्तरीय सतर्कता और सभी वैधानिक निकायों विशेष रूप से भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) की जवाबदेही और पारदर्शिता के बारे भली प्रकार से जान रहे हैं.

हम चिंता के साथ कहना चाहते हैं कि भारतीय गणराज्य के इतिहास में कभी भी लोकतंत्रिक संस्थाओं में नागरिकों का विश्वास इतना कम नहीं रहा है. इसी के साथ, शासन की कार्यशील संस्थाओं की स्वायत्तता और स्वतंत्रता के चल रहे विघटन को देखते हुए, हम आने वाले दिनों और हफ्तों में देश भर के साथी नागरिकों को सामूहिक रूप से सचेत करना चाहते हैं.

वर्तमान शासन की सभी नीतियों के खिलाफ प्रतिरोध की व्यापक आवाजें कृषि संकट, व्यापक आर्थिक असमानता और दरिद्रता, बेरोजगारी और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के वास्तविक मुद्दों में परिलक्षित हुई हैं, जिन्हें चुनावी मुद्दों के रूप में उठाया गया है, जो वर्तमान शासन के विभाजनकारी प्रयासों को खारिज करते हैं. 18 वीं लोकसभा चुनाव में भारत के नागरिक समाज की असाधारण और व्यापक लामबंदी ने जनता के असली मुद्दों को स्थापित करने के अलावा यह सुनिश्चित किया है कि इन उन मुद्दों पर ही वोट डाले जाएं और वर्तमान कार्यवाहक शासन का मूल्यांकन किया जाए.

हम सामूहिक रूप से मतगणना प्रक्रिया और उसके बाद आने वाले संक्रमण काल ​​में हेरफेर की हर संभावनाओं पर अपनी गहरी चिंता व्यक्त करते हैं. भारत के मतदाताओं की ओर से, हम यह भी पुष्टि करना चाहते हैं कि यदि मतों की गिनती स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से की जाती है तो जनादेश स्पष्ट रूप से इस शासन की नीतियों के विरुद्ध होगा. इसके अलावा, यदि इस जनादेश को निष्पक्ष रूप से लागू किया जाता है, तो भारत के लोगों के लिए बदलाव सुनिश्चित है.

हालांकि, हम इसके बाद की प्रक्रिया के बारे में बेहद चिंतित हैं और इस बारे में अपनी चिंता व्यक्त करते हैं कि क्या यह प्रक्रिया सुचारू रूप से, लोकतांत्रिक और संवैधानिक रूप से आगे बढ़ेगी ?

इस 18 वीं लोकसभा चुनाव की पूरी अवधि, विशेष रूप से चुनावों की घोषणा और आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) के संचालन के बाद, भारतीय संविधान, कानून और एमसीसी के अभूतपूर्व उल्लंघन और चुनाव प्रचार में कदाचार के स्पष्ट उदाहरणों से चिह्नित रही है. इस बात की वास्तविक आशंका और डर है कि लोगों के जनादेश का सम्मान करने में विफल होकर, मतगणना प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद भी इस तरह की सुनियोजित हेराफेरी जारी रहेगी.

जिसके प्रति हम भारत के लोग तैयार हैं और साथ खड़े हैं. भारत के लोग, हमारे किसान, युवा, अल्पसंख्यक और जनपक्षधर बुद्धिजीवी पिछले 10 वर्षों से राज्य बल के क्रूर प्रयोग – लाठी, आंसूगैस, ड्रोन और कैद के बावजूद इस शासन की दमनकारी नीतियों का मुकाबला कर रहे हैं. हमने जन संगठनों, किसानों और श्रमिकों के आंदोलनों, नागरिक समाज और राजनीतिक दलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर यह चुनाव अभियान लड़ा है. हम इस देश के लोगों के सभी वर्गों के बीच एकता की सशक्त भावना के साक्षी रहे हैं.

यही भारत की जनता हैं जो सरकार चुनती है. कोई भी जनता से ऊपर नहीं है. जैसा कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में कहा गया है, हम भारत के लोग संप्रभु हैं. हम देश के भविष्य और लिंग और समुदायों के सभी लोगों के एकजुट संघर्ष में अपनी आवाज और हिस्सेदारी का दावा करते हैं.

हमारा मानना ​​है कि इस सामूहिक इच्छाशक्ति और जनविरोधी नीतियों के प्रतिरोध पर आधारित जनादेश देश भर में कई जन आंदोलनों, नागरिक समाज संगठनों और समूहों की सामूहिक भागीदारी से बना है. यहां, 28 मई, 2024 को नई दिल्ली में और पिछले सप्ताह 21 मई, 2024 को बेंगलुरु में, हम अपने जनादेश की रक्षा करने का संकल्प लेते हैं –

  1. हम लोग 4 जून, 2024 को होने वाली मतगणना प्रक्रिया पर कड़ी नज़र रख रहे हैं.
  2. हम सभी राजनीतिक दलों को मतगणना प्रक्रिया में अपनी भागीदारी और भूमिका निभाने के लिए दृढ़ता से याद दिलाते हैं.
  3. हम खरीद-फरोख्त पर आधारित किसी भी जनादेश को अस्वीकार करेंगे.
  4. हम भारत के सर्वोच्च न्यायालय को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्यों की याद दिलाते हैं.
  5. हम भारत के राष्ट्रपति पर स्वतंत्र और निष्पक्ष परिणाम के आधार पर सरकार के सुचारू गठन को सुनिश्चित करने का ज़ोरदार दबाव डालते हैं.
  6. हम आग्रह करते हैं कि जो भी सत्ता में आए वह संविधान का पालन करे, उसकी रक्षा करे और उसे बनाए रखे.

यह सुनिश्चित करने के लिए कि जनादेश सुरक्षित रहे, हम निम्नलिखित का गठन करने का संकल्प लेते हैं –

‘विजिलेंस वोटर्स टास्क फोर्स : यह बल 21 मई को बैंगलोर बैठक के निष्कर्षों के आधार पर मतगणना कक्ष में और उसके बाहर मौजूद लोगों से मिलकर बनेगा. तीन प्रमुख हस्तक्षेप और उनके तंत्र सामने रखे गए हैं –

1. जनता द्वारा निर्धारित आख्यान (नैरेटिव) को बनाए रखना और उसका निर्माण करना

  • एक वास्तविकता आधारित प्रति आख्यान का निर्माण करना, जो इस शासन के लिए प्रतिबद्ध एक गोदी मीडिया की पूर्व-निर्धारित नैरेटिव का मुकाबला करता है.
  • स्वतंत्र मीडिया और सामाजिक क्षेत्र के समूहों को अपने स्वयं के जमीनी स्तर के सर्वेक्षण करने और सोशल मीडिया के माध्यम से इसे व्यापक रूप से साझा करने के लिए प्रोत्साहित करना.
  • यह सुनिश्चित करने के लिए कि वर्तमान सरकार द्वारा मीडिया का दुरुपयोग और मनोवैज्ञानिक हेरफेर की रणनीति का मुकाबला करने के लिए एक्जिट पोल का एक वैकल्पिक सेट बनाया जाए.

2. मतगणना दिवस पर नागरिक सतर्कता (4 जून, 2024)

  • राजनीतिक विपक्ष का समर्थन करने के लिए मतगणना प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी 4 जून, 2024 को देश भर में कम से कम 225-250 निर्वाचन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर जारी रहेगी.
  • हम विपक्षी राजनीतिक दलों के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि मतगणना एजेंटों को एक व्यवस्थित, चरण-दर-चरण मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए प्रेरित किया जा सके जो कि शासन द्वारा किसी भी डराने-धमकाने और धमकाने की रणनीति आसानी से न हो.
  • हम भारतीय चुनाव आयोग और उसके सभी राज्य स्तरीय अधिकारियों को हर बूथ तक याद दिलाते हैं कि वे भारतीय जनता और भारतीय संविधान के प्रति अपनी निष्ठा रखते हैं, न कि सत्ता में बैठी सरकार के प्रति.
  • जिला कलेक्टरों (रिटर्निंग ऑफिसर) को उनके संवैधानिक दायित्वों और कर्तव्यों की याद दिलाते हुए पत्र लिखें.
  • देश भर में संवेदनशील बूथों पर नागरिकों को संगठित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मतगणना प्रक्रिया कानून और नियम पुस्तिका के अनुसार, स्वतंत्र और निष्पक्ष हो. नागरिकों की यह भागीदारी, मतों की चौकीदारी, मतगणना केंद्रों के बाहर राज्यवार दिखाई देगी. हम इस समन्वित प्रयास को सुविधाजनक बनाने के लिए एक ‘काउंटिंग विजिलेंस मैनुअल’ बनाएंगे.

3. ट्रांजिशन वॉच कमीशन (परिणाम घोषित होने पर)

  • देश भर में हर राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतगणना के बारे में कई प्रेस मीट आयोजित करें और मीटिंग में पारित प्रस्तावों को साझा करें.
  • चल रही प्रक्रियाओं और नागरिकों की भागीदारी के बारे में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मीडिया और सभी स्वतंत्र संस्थानों को संवेदनशील बनाएं.
  • भारत की राष्ट्रपति, श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, भारत की मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) और राजनीतिक दलों को सामूहिक पत्र लिखना.
  • राजनीतिक दलों को राज्यों और केंद्र में अपनी समन्वय समितियां बनाने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. जन संगठनों और नागरिक समाज के साथ समन्वय स्थापित करें और सतर्क रहें तथा यदि कोई प्रक्रिया भारतीय संविधान और कानून का उल्लंघन करती है तो विरोध करने के अपने शांतिपूर्ण अधिकार का प्रयोग करें.
  • विपक्षी राजनीतिक दलों को जनादेश के किसी भी उल्लंघन के प्रतिरोध में मार्च करने के लिए तैयार रहना चाहिए. जब ​​भी आवश्यकता हो भारत के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएं और संविधान के आधार पर जवाब की अपेक्षा करें. सभी सांसदों को याद दिलाया जाता है कि भारत के लोग उन्हें खरीद-फरोख्त में शामिल होने को स्वीकार नहीं करेंगे.

हम भारत के प्रत्येक मतदाता और नागरिक को यह सुनिश्चित करने के लिए आमंत्रित करते हैं कि भारत के जनता के जनादेश का सम्मान किया जाए और उसे प्रतिबिंबित किया जाए.

Read Also –

डेमोक्रेटिक बैकस्लाइडिंग के स्पष्ट संकेत : निर्वाचन प्राधिकारियों यानी चुनावी तंत्र पर नियंत्रण
हू आर यू राजीव कुमार ??
फासीवाद को परास्त करने की दिशा में लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन की हार का भारी महत्व
2024 का चुनाव (?) भारत के इतिहास में सबसे ज़्यादा हिंसक और धांधली से होने की प्रचंड संभावनाओं से लैस है

प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]

scan bar code to donate
scan bar code to donate
G-Pay
G-Pay
Load More Related Articles
Load More By ROHIT SHARMA
Load More In गेस्ट ब्लॉग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Check Also

नारेबाज भाजपा के नारे, केवल समस्याओं से लोगों का ध्यान बंटाने के लिए है !

भाजपा के 2 सबसे बड़े नारे हैं – एक, बटेंगे तो कटेंगे. दूसरा, खुद प्रधानमंत्री का दिय…