क्रिकेट की ख़बरों के बीच अचानक
एक अंग्रेज़ी हिंदी शब्दकोश मिल गया
उसमें क्रिकेट का अर्थ झींगुर दिखा
और तभी से
जंगल की उन रातों को याद कर रहा हूं
जो पसर गए इस शहर तक
अपने तीसरे पहर में
झींगुरों की आवाज़ के साथ.
पहले पहले धोखा होता था
कान के पास भिन्नाते मच्छरों
और घास के मैदानों में भिन्नाते
झींगुरों की आवाज़ में कौन किनका है !
रात की गहराई को नापने का पैमाना
नींद की गहराई को नापने के पैमाने से अलग है
जैसे लीटर के ज़माने में
दूध को पौंड में नापना
यह जो ज़रा सा अंतर रह जाता है
दोनों नाप के बीच
यहीं पर धोखा है
दर्ज़ी है
रफ़ूगर है
वक़्ता है
श्रोता है
फ़लसफ़ा है
किताबें हैं
ज्ञान अज्ञान है
और दो स्वयंभू अक्षरों
लेकिन अर्थहीन अंतर के बीच में
पिसा हुआ आदमी है
गेंहूं के साथ घुन की तरह ।
मुझे याद है
जब बचपन में मैं
उस झींगुरों से भरे
क्रमशः काले पड़ते
घास भूमि में बैठे
डूबती रोशनी में पढ़ने की कोशिश करता था
किताब पर ओझल होती कहानियों को
मां कहती थी,
बेटा आंखों में कमजोरी आ जाएगी
घर आ जा !
उसे क्या मालूम था कि
किष्किन्धा की पहाड़ियों से निकल कर
दोआबा तक फैले हुए
मेरे छोटे से संसार में
सिर्फ़ घास ही घास हैं
और झींगुरों की आवाज़ें
जिनके बग़ैर
न तो बिस्तर है और न ही नींद !
जंगल की कच्ची लकड़ियों को
आड़े टेढ़े काट कर
जिन खिड़कियों के दोनों मसूड़ों के बीच
कभी रोपा था मैंने
अब उखड़ रहे हैं वे दांत
और मेरे पास नहीं बची है कोई स्पष्ट भाषा या उच्चारण
ऐसे में रात के जागने का प्रमाण
सिर्फ़ वही झींगुरों की आवाज़ है दोस्त !
- सुब्रतो चटर्जी
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