गिरीश मालवीय
स्टार्टअप का नाम सुनते ही लोग भावुक हो जाते हैं. शार्क टैंक जैसे प्रोग्राम देख कर देश के अधिकांश युवा आज इंटरप्रेन्योर बनने के ख्वाब देखने लगे हैं. ऐसे माहौल का फायदा उठाकर कुछ मॉडर्न ठगों ने डिजीटल मार्केटिंग का सहारा लेकर एंजल इन्वेस्टर, फंडिंग, नेटवर्किंग के नाम पर लोगों को करोड़ों का चूना लगाया गया है.
हम बात कर रहे हैं वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन के प्रोग्राम की जो 24 मार्च से 26 मार्च को नोएडा के एक्सपो मार्ट में आयोजित किया गया. वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन’ को डिजीटल वर्ल्ड में दुनिया का सबसे बड़ा फंडिंग फेस्टिवल (world’s biggest investment festival) कहकर प्रचारित किया गया.
शुरूआत में तो ऐसा दावा किया गया कि इस इवेंट में सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोसी सोन, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई, टेस्ला के एलन मस्क, गौतम अडानी, सिकोइया और टाइगर ग्लोबल जैसे बिजनेस लीडर्स इसमें शामिल होंगे. फिर बाद में नितिन गडकरी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामि के आने की बात की गई पर सारे दावे खोखले निकले. और जब कन्वेंशन वाले दिन 8000 रुपये के टिकट खरीदकर लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे, तो उन्होंने पाया कि ये फंडिंग फेस्टिवल एक बहुत बड़ा घोटाला है.
इस इवेंट के तथाकथित आयोजक ल्यूक तलवार और अर्जुन चौधरी थे. इनकी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी से प्रभावित होकर इस इवेंट में भाग लेने के लिए देश भर से 1000 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों के प्रतिनिधि पहुंचे. विश्व स्टार्टअप सम्मेलन में निवेश हासिल करने की उम्मीद में बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, गुरुग्राम, भोपाल, इंदौर, लखनऊ, कानपुर, कोलकाता, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा समेत देशभर के कई शहरों से हजारों यूवा आए और सब ठगा गए क्योंकि जैसा बताया गया था वैसा कुछ भी नहीं था.
आयोजकों ने दावा किया था कि इस इवेंट में नए स्टार्ट अप में पैसा लगाने को इंटरेस्टेड 1,500 से ज्यादा संस्थागत निवेशक और 9,000 से ज्यादा एंजल इन्वेस्टर शामिल हों रहे हैं और यह सभी निवेशक दुनियाभर के 50 देशों से यहां आ रहे हैं.
इन्वेस्टमेंट का लालच दिखाकर नए बच्चों से इवेंट में शामिल होने के नाम पर मोटी फीस वसूली की गई है. स्टार्टअप डेलीगेट पास 6,990 रुपये का बेचा गया. इन्वेस्टर डेलीगेट पास 25,000 का दिया गया. यहां तक कि सिर्फ देखने आने वाले का विजिटर पास 1,990 रुपये का दिया गया.
कार्यक्रम स्थल पर नए स्टार्टअप को एक छोटा सा बूथ या स्टॉल लगाने के लिए 19,990 प्रति वर्ग फुट की दर से जगह का किराया चुकाना पड़ा और न्यूनतम 9 वर्ग फुट की जगह लेनी अनिवार्य थी. यानी कुल मिलाकर करोड़ों की लूट. लोगों ने देश भर से आने जानें में जो खर्च किया वो तो अलग ही है.
इस इवेंट के स्पॉन्सर्स को भी जमकर चूना लगाया गया. बेंगलुरु स्थित D2C स्टार्टअप बैम्ब्रू ने वर्ल्ड स्टार्टअप कन्वेंशन का प्रायोजक बनने के लिए 50 लाख से अधिक खर्च किए.
अब आप पूछेंगे कि इतनी बडी भ्रामक कहानी पर लोगों ने यकीन कैसे कर लिया ? …जवाब है डिजीटल मार्केटिंग. अखबारों में न्यूज़ की स्टाइल में इस प्रोग्राम के विज्ञापन छपवाए गए और ये जो नए नए सोशल मीडिया के इंफ्लूएंसर बने हैं, उनसे भी प्रयोजकों ने इस इवेंट का खूब प्रमोशन करवाया.
आयोजकों ने लेखक चेतन भगत, अंकुर वारिकू, राज शामनी, और एमबीए चाय वाला प्रफुल्ल बिल्लोर जैसे तथाकथित सेलेब्रिटी से अपने इवेंट की मार्केटिंग कराई, लोग इनके झांसे में आ गए और जमकर बेवकूफ बने. इसलिए ही बार-बार कहते हैं कि इन तथा कथित सेलिब्रेटी लोगों को फ़ॉलो करने के चक्कर में न पड़े, अपनी अक्ल का इस्तेमाल करें.
Read Also –
मोदी के विकास का मॉडल यही है – बिना आदमी का विकास
जुमले हैं जुमलों का क्या : 2022 तक लिए गये मोदी के जुमले
किराए के लाल किले की प्राचीर से ढ़पोरशंख का ढ़पोर
[ प्रतिभा एक डायरी स्वतंत्र ब्लाॅग है. इसे नियमित पढ़ने के लिए सब्सक्राईब करें. प्रकाशित ब्लाॅग पर आपकी प्रतिक्रिया अपेक्षित है. प्रतिभा एक डायरी से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक और गूगल प्लस पर ज्वॉइन करें, ट्विटर हैण्डल पर फॉलो करे… एवं ‘मोबाईल एप ‘डाऊनलोड करें ]