Home कविताएं कोरोना है तो है

कोरोना है तो है

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कोरोना है तो है
आप पहले
चुनाव प्रचार कर लिजिए
कोरोना है तो है

कुर्सी किसी हाल
हासिल होनी है
जान जाये या बचे
या जिंदगी
जिंदगी की भीख मांगे
या लाशों का
श्मशानों में अंबार लगे

मौत का क्या
जो जन्मा है
मरेंगा
आज या कल

मौत का आंकड़ा
कम हो या नहीं
सीटों का आंकड़ा
कम नहीं होना है

कोरोना का क्या है
आज है कल नहीं
हमें तो रहना है
इसी कुर्सी पर
इसी कुर्सी के साथ

( 2 )

ऑक्सीजन
कितने काबिल हैं
सामने है
कितने कुशल हैं
सामने है
एक अवतारी
नेतृत्व का
नेतृत्व
सामने है

आंकड़ा
रजिस्टर का
श्मशान
कब्रिस्तान का
सामने है

मंदिरों
मस्जिदों की
कृपा
सामने है

बहुमत का शासन है
ऑक्सीजन
बहुमत को नहीं है
जो है
सामने है

  • राम प्रसाद यादव

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ROHIT SHARMA

BLOGGER INDIA ‘प्रतिभा एक डायरी’ का उद्देश्य मेहनतकश लोगों की मौजूदा राजनीतिक ताकतों को आत्मसात करना और उनके हितों के लिए प्रतिबद्ध एक नई ताकत पैदा करना है. यह आपकी अपनी आवाज है, इसलिए इसमें प्रकाशित किसी भी आलेख का उपयोग जनहित हेतु किसी भी भाषा, किसी भी रुप में आंशिक या सम्पूर्ण किया जा सकता है. किसी प्रकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है.

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