भारत के इतिहास में देशद्रोहियों और गद्दारों का यह संगठित स्वरूप कभी नहीं रहा जिसे आर एस एस ने तैयार किया है. आर एस एस का यह संगठित स्वरूप धीरे-धीरे इतना मजबूत जड़ जमा गया कि इन लोगों ने देश की सत्ता पर कब्जा कर लिया और देश के संविधान तक को उलट डालने के अपने प्रयास को साकार करने लगे.
अपने इन्हीं प्रयासों के तहत एक झूठा काल्पनिक इतिहास देश के सामने ला रहे हैं, जिसे वह अपने जरुरत के हिसाब से गढ़े हैं. अंग्रेजी शासन काल की अपनी तारीफ और आजादी के सिपाहियों की जासूसी करने और उनके खिलाफ कोर्ट में गवाही देकर जेल में बंद करने को सही ठहराने के लिए नये तरह का कुप्रचार चला रहे हैं, वह है कांग्रेस पार्टी को बदनाम करने के नाम पर.
भ्रष्टाचार और अव्यवस्था का प्रतीक बन चुके कांग्रेस के सफाये की बात करनेवाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब देश की सारी दुर्दशा का जिम्मेदार कांग्रेस को ठहराते हैं तब वह खुद (आर एस एस और उसके हजारों अनुषांगिक संगठनों) के प्रतिक्रियावादी और गद्दारी के इतिहास को सही ठहराने की कोशिश करते हैं. वह देश में मनुस्मृति जैसी मानवद्रोही नीतियों की वकालत करने और भेदभावपूर्ण व्यवस्था को एक बार फिर लागू करने को न्यायोचित ठहराने की कोशिश करते हैं. इसके लिए सबसे मुफीद रास्ता पूरी कांग्रेस को ही बदनाम कर देने का है. बेशक देश की जनता का कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अनेक सवाल है, क्रांतिकारियों के उनसे बुनियादी मतभेद रहे हैं, परन्तु देश में कांग्रेस के योगदान को खारिज नहीं किया जा सकता, खासतौर पर उन लोगों के कहने पर तो कतई नहीं जिनका खुद का इतिहास अनैतिकता और गद्दारी से भरा हुआ हो.
राहुल गांधी के कांग्रेस के नये अध्यक्ष बनाए जाने पर भाजपा की उपहासास्पद प्रतिक्रिया के रूप में भाजपा के इसी कुचक्र का चेहरा दिखता है. अतएव हम कांग्रेस के अब तक के पूर्ववर्ती अध्यक्षों को एक नजर में देखना जरूरी हो जाता है.
अबतक के 60 कांग्रेस अध्यक्षों की सूची एक नजर में –
श्री उमेश चंद्र बेनर्जी
श्री दादाभाई नौरोजी
श्री बदरूद्दीन तैय्यबजी
श्री जार्ज यूल
सर विलियम वेडरबर्न
सर फिरोजशाह मेहता
श्री पी. आनन्द चार्लू
श्री अल्फ्रेड बॉब
श्री सुरेन्द्र नाथ बनर्जी
श्री रहीमतुल्ला सयानी
श्री सी०शंकरन नायर
श्री आनन्द मोहन बोस
श्री रमेश चन्द्र दत्त
श्री एन. जी. चन्द्रावरकर
श्री दिनशा इदुलजी याचा
श्री लाल मोहन घोष
सर हैनरी काटन
श्री गोपाल कृष्ण गोखले
डॉ. रास बिहारी घोष
पंडित मदन मोहन मालवीय
पंडित बिशन नारायण धर
श्री आर.एन. माधोलकर
नवाब सैयद मोहम्मद बहादुर
श्री भूपेन्द्रनाथ बसु
सर सत्येन्द्र प्रसन्न सिन्हा
श्री अम्बिका चरण मजुमदार
श्रीमती एनी बेसेन्ट
श्री हसन इमाम
पण्डित मोतीलाल नेहरू
श्री लाला लाजपत राय
श्री सी. विजयाराघवाचारियर
हकीम अजमल खां
श्री देशबन्धु चितरंजन दास
मौलाना मौहम्मद अली
मौलाना अबुल कलाम आजाद
महात्मा गांधी
श्रीमती सरोजिनी नायडू
श्री एस. श्रीनिवास आयंगार
डॉ. एम.ए. अन्सारी
पण्डित जवाहरलाल नेहरू
सरदार बल्लभभाई पटेल
श्रीमती नेल्ली सेन गुप्ता
बाबू राजेन्द्र प्रसाद
सुभाष चन्द्र बोस
आचार्य जे.बी. कृपलानी
श्री बी. पट्टाभि सीतारमय्या
श्री पुरुषोत्तम दास टंडन
श्री यू.एन. ढेबर
श्री एन. संजीव रेड्डी
श्री के. कामराज
श्री एस निजिलिंगप्पा
श्री जगजीवन राम
डा शंकर दयाल शर्मा
श्री देव कान्त बरूआ
श्रीमती इंदिरा गांधी
कार्यकारी अध्यक्ष पं कमलापति त्रिपाठी
श्री राजीव गांधी
श्री पी वी नरसिंह राव
श्री सीताराम केसरी
श्रीमती सोनिया गांधी
‘कांग्रेस एक परिवार की पार्टी है’, जैसे भाजपा के आरोप एकदम खारिज हो जाते हैं, जब हम उनके अध्यक्षों की सूची पर नजर डालते हैं. कांग्रेस अगर विभिन्न कमजोरियों का स्त्रोत है तो कांग्रेस देश में आई विभिन्न शक्तियों के विकासों का भी स्त्रोत है. हम कांग्रेस के कमजरियों के आड़ में देश की जनता को हासिल न्यूनतम अधिकार को खत्म करने की भाजपा के साजिश का हिस्सा नहीं बन सकते और न ही इस देश की जनता ऐसा करने देगी क्योंकि देश ने इस न्यूनतम अधिकार को हासिल करने के लिए लाखों शहीदों के खून से कीमत चुकाया है.
Shyam lal Sahu
December 7, 2017 at 4:20 pm
आपकी बातें सही हैं, पर कांग्रेस के चरित्र में जो उत्तरोत्तर गिरावट आई है। यही नहीं, कांग्रेस ने बहुत सी गलतियाँ भी की हैं और इन्हीं सब बातों को भाजपा ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है।भाजपा का कलंकित इतिहास रहा है इसीलिए वह उसमें मनमाफिक बदलाव कर अपनी काली करतूतों को ढँकने का प्रयास कर रही है।
B Singh
December 7, 2017 at 6:09 pm
their next agenda is to reduce money power of people so that you can not raise question and become again Gulam. Watch them.