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छत्तीसगढ़ : रासायनिक हथियारों के बाद अब हवाई जहाज से बम गिराये जा रहे हैं आदिवासियों के ऊपर

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भारतीय टैक्स पेयर्स के पैसों से फ्रांस से हजारों करोड़ रुपये की खरीदी गई रफाल लड़ाकू विमान से खुश होने की जरूरत नहीं है क्योंकि देर-सबेर यह लड़ाकू विमान भारत की जनता पर ही बम बरसने आयेगी. इसकी आगाज भारत का शासक वर्ग ने छत्तीसगढ़ की आदिवासी जनता के कपाड़ पर बरसा कर साबित कर दिया है. देश की आधी मेहनतकश जनता का प्रतिनिधित्व करने वाली भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) ने पर्चे जारी कर पुलिसिया गिरोह पर हवाई बमबारी करने का आरोप लगाया है.

विदित हो कि पहले तो आदिवासियों को पहाड़ों में धकेल दिया गया, अब जब यह पता चला है कि उन पहाड़ों के नीचे बेशकीमती पत्थरों, वन और खनिज संपदा छिपा हुआ है तब से आदिवासियों को पहाड़ों से भी खदेड़कर उनसे उन संपदा को छीना जा रहा है. जब आदिवासी इसका विरोध कर रहे हैं तब उनके विरोध को बलपूर्वक कुचलने के लिए रास्तों और फौजी कैम्पों को तैनात किया जा रहा है.

दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में पिछले 4 सालों में करीब 54 पुलिस कैंप खोले गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा सुकमा में 13 तो वहीं बीजापुर में 11 कैंप स्थापित किए गए हैं. बस्तर के IG सुंदरराज पी. समेत DIG, SSB, ITBP के अफसरों ने सालभर का आंकड़ा जारी किया है. IG सुंदरराज पी. ने कहा कि पिछले 4 सालों में नक्सलगढ़ (असल में आदिवासियों के) इलाकों में सुरक्षाबलों के कुल 54 नये कैंप स्थापित किए गए हैं. इनमें सिर्फ साल 2022 में ही 18 कैंप खोले गए हैं.

सुकमा जिले के कमारगुड़ा, मीनपा, सिलगेर, पिडमेड, डब्बाकोंटा समेत अन्य अति संवेदनशील इलाकों में कैंप स्थापित किया गया है. इसके अलावा बीजापुर जिले के तर्रेम, बेचापाल, पुसनार ये ऐसे इलाके हैं जो नक्सलियों के कब्जे में थे, लेकिन, यहां कैंप स्थापित करने की कोशिश में लगी हुई है. इसके साथ ही बड़े पैमाने पर सड़कें भी बनाई जा रही है ताकि आदिवासियों के किसी भी विरोध को तुरंत कुचला जा सके. IG सुंदरराज पी ने बताया है कि बस्तर के अंदरूनी इलाकों में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है.

खबर के अनुसार, छत्तीसगढ़ के सुकमा, बीजापुर सीमांत इलाक़े में पुलिसिया गिरोह द्वारा आदिवासियों के उपर हवाई बमबारी किए जाने के आरोप लगे हैं. दावा किया जा रहा है कि आदिवासियों के सबसे बड़े रहनुमा भाकपा माओवादी के लोकप्रिय कमांडर हिड़मा की इस हमले में मौत हो गई है लेकिन भाकपा माओवादी ने इसका खंडन किया है. छत्तीसगढ़ में भारत की कम्युनिस्ट पार्टी-माओवादी के दक्षिण सब जोनल ब्यूरो की प्रवक्ता गंगा ने एक प्रेस नोट जारी कर हवाई बमबारी के बाद बम के पुर्जों की तस्वीरें मीडिया को जारी की हैं.

बम के पुर्जों की तस्वीरें

दक्षिण बस्तर डिवीजन कमेटी के सचिव गंगा ने प्रेस नोट के माध्यम से कहा कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर पुलिस फोर्स ने नक्सलियों की PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) पार्टी पर हेलीकॉप्टर और ड्रोन से हवाई हमला किया है. यह एयर स्ट्राइक बीते 11 जनवरी को अंजाम दिया गया था. 11 जनवरी की सुबह 11 बजे से शाम 4 बजे तक लगातार हवाई हमला किया गया है. पामेड़, किस्टाराम के सरहदी इलाकों में मेट्टागुड़ा, साकिलेर, रासापल्ली, कन्नेमर, बोतलंका समेत एर्रापाड़ गांवों में सैकड़ों बम गिराए गए हैं.

पुलिस के इस हमले में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी (PLGA) की एक महिला सदस्य पोट्टम हुंगी के मारे जाने की बात कही गई है. गंगा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से लगातार आसमान से गोला बारूद दागे जा रहे हैं. इससे पहले 15 अप्रैल 2022 में भी ड्रोन हमला किया गया था.

प्रवक्ता गंगा ने जारी इस विज्ञप्ति में इस हमले की निंदा करते हुए कहा गया है कि केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के आदेश पर वायुसेना और एनएसजी के कमांडरों ने हेलिकॉप्टरों से बीजापुर जिले के सरहदी इलाकों के गावों और खेत-खलिहानों पर अंधाधुंध बम और गोलियां बरसाईं. सबूत के तौर पर माओवादियों ने कुछ अवशेष की तस्वीरें भी जारी की है. प्रेस नोट में कहा गया है कि इस हमले के जवाबी कार्रवाई में पुलिस के 6 कमांडो ज़ख़्मी हुए हैं.

इस प्रेस नोट में कहा गया है कि इस तरह हवाई हमले को लेकर आदिवासी ग्रामीणों में भय का वातावरण बना हुआ है और ग्रामीण खेतों में काम करने में डर रहे हैं. गंगा ने विज्ञप्ति में लिखा है कि मीडिया में ऐसा प्रचार किया जा रहा है कि नक्सली कमांडर हिड़मा की मौत हो गई है, जबकि वो जिंदा है और सुरक्षित हैं.

गंगा ने विज्ञप्ति के माध्यम से आरोप लगाया है कि अप्रैल 2021 से जनवरी 2023 तक बस्तर के अलग-अलग इलाकों में कुल 3 बार हवाई हमले किए गए. विदित हो कि बस्तर की प्राकृतिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और कॉर्पोरेट कंपनियों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से पूरे संभाग में सैकड़ों पुलिस कैंप स्थापित किए जा रहे हैं, हजारों जवानों की तैनाती की जा रही है. गंगा का कहना है कि सरकारें स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के नाम पर पुलिस में भर्ती कर रही है.

भाकपा माओवादी के नेता गंगा ने कहा कि हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आए थे. उन्होंने घोषणा की थी कि साल 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले माओवादी पार्टी को जड़ से मिटा देंगे. इसी योजना के अंतर्गत ‘घेरा डालो उन्मूलन करो’ अभियान संचालित करते हुए पुलिस PLGA, क्रांतिकारी कमेटी एवं जनता का सफाया करने की योजना बना रही है और केंद्र के निर्देश के अनुसार अफसर काम कर रहे हैं.

भाकपा माओवादी के हवाई हमले के इन आरोपों के बाद बस्तर के IG सुंदरराज पी. ने इसे फोर्स को बदनाम करने की नक्सलियों की साजिश बताया है. IG ने कहा कि बस्तर में माओवादियों की ताकत अब धीरे-धीरे कम होती जा रही है. उनके पैरों से जमीन खिसक रही है इसलिए वे बौखलाए हुए हैं. जबकि सच्चाई इससे बिल्कुल उलट है. इस देश की जनता जानती है कि भाकपा माओवादी कभी झूठ नहीं बोलता और उसी तरह पुलिसिया गिरोह कभी सच नहीं बोलता.

गृहमंत्री बने हत्यारा अमित शाह भाकपा माओवादी को खत्म कर सके या नहीं कर सके लेकिन एक चीज जरूर है भाकपा माओवादी को राजनीतिक तौर पर ज्यादा आक्रामक होना होगा, ठीक उसी तरह भाकपा माओवादी के सैन्य कमांड PLGA को तकनीकी तौर पर ज्यादा बेहतर, ज्यादा आक्रामक होना होगा, तभी और केवल तभी भाकपा माओवादी न केवल आदिवासियों को ही बल्कि देश की तमाम मेहनतकश जनता की हिफाजत कर सकता है क्योंकि पूंजीपति घरानों के सेवा में भारत की मोदी सरकार ने देश की जनता के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर चुका है.

  • प्रशांत झा

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