'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

नरेन्द्र और विश्वकर्मा

श कहते हैं बाल नरेंदर में बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा थी. एक बार वे खेलते कूदते तालाब के तरफ चले गए. जैसे ही पानी मे पैर रखा, उन्हें कुछ महसूस हुआ. हाथ लगाकर उसे पकड़ा और एक झटके में बाहर निकाल लिए. उसे वे खींचते हुए अपने घर ले आए. आंगन में बैठी मां जब यह देखी तो घबरा …

क्रूर शासक अहमद शाह अब्दाली के जुल्मोसितम की दर्द भरी दास्तान

सन 1754 में दिल्ली की गद्दी पर आलमगीर (द्वतीय) बैठा, जो बेहद डरपोक व मुर्ख था. उस वक्त अफगानिस्तान का शासक अहमद शाह अब्दाली था. अब्दाली नादिर शाह के बाद गद्दी पर बैठा था. वह कई बार भारत आया और जबरदस्त लूटमार की. अब्दाली ने दिल्ली के शासक आलमगीर से एक संधि की और उसके सामने दिल्ली लूटने का प्रस्ताव …

एक आस्तिक से बातचीत

आस्तिक – आप अच्छे इन्सान हैं लेकिन एक ही बुराई है, आप नास्तिक हैं, भगवान को नहीं मानते. मैं – मैं भगवान को उतना ही मानता हूं, जितना तुम अल्लाह को मानते हो. आस्तिक – मैं अल्लाह को नहीं मानता, मैं भगवान को मानता हूं. मैं – मैं भगवान को उतना ही मानता हूँं, जितना मुस्लिम भगवान को मानते हैं. …

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

नरेन भोज खाने में माहिर था. भण्डारा हो या श्राद्ध, शादी हो या मुंडन, रिसेप्शन, अन्नप्रासन – कुछ भी हो…, हर भोज में शामिल होता और दबाकर खाता. लेकिन नरेन की एक आदत बहुत बुरी थी. जहां भी भोज खाने जाता, कोई न कोई नुक्स निकाल ही देता. मसलन, पूड़ियां नरम नही थीं, मिर्च तीखी थी, चीनी के दाने थोड़े …

आप जासूस कमाल के हैं, राजा कैसे बन गए ?

अमर-चित्र कथा की पुरानी प्रतियां मंगाई जा चुकी थी. आइडिया ढूंढने के लिए कि पुराने ज़माने में राजा जनता का हाल पता करने के लिए क्या करते थे. राजा ने सुनते ही डांट दिया. कौन रात भर सर्दी गर्मी बरसात में बैठा रहेगा. युवाओं की टीम ने कई सारे आइडिया दिए मगर सब खारिज हो गए. राजा को रात में …

सम्राट और जुता

एक सम्राट एक दिन सुबह अपने बगीचे में निकला. निकलते ही उसके पैर में कांटा गड़ गया. उसे बहुत पीड़ा हुई. उसने तुरंत सारे साम्राज्य में जितने भी विचारशील लोग थे, उन्हें राजधानी आमंत्रित किया, और उन लोगों से कहा – ऐसी कोई आयोजना करो कि मेरे पैर में कांटा न गड़ पाए.’ वे विचारशील लोग हजारों की संख्या में …

कंपाउंडर और 12 नंबर की दवा

एक शहर में एक जाने-माने होम्योपैथी के डॉक्टर थे, जिन्होंने प्राण पण से लोगों की सेवा की थी. वे मरीज़ों के घर पर भी जाते और कई बार रेलवे अस्पताल भी जाते. उस समय के लोगों में एक कॉमन सेंस था कि ज़रूरत मरीज़ों को बचाने की है, न कि विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों की मीन मेख करने की. ख़ैर, एक …

ईश्वर को जिन्दा या मुर्दा अदालत में हाजिर करो

भारत की एक अदालत में फादर स्टेन स्वामी के जमानत याचिका पर बहस चल रही थी. उसी समय वकील साहब के मोबाइल पर एसएसएस आया कि फादर स्टेन स्वामी की मृत्यु हो गई. तब वकील साहब ने जज को बताया – वकील – माई लॉर्ड, फादर स्टेन स्वामी को ईश्वर ने रिहा कर दिया. जज – जज मैं हूं. मैं …

अंजानी परिवार का नौकर और सुपरवाइजर

रतन लाल एक बिल्डर के यहां ठेकेदार था. उसका काम मजदूरों से काम कराना, उनकी हाजिरी लगाना और उनकी तनख्वाह बनाना था. रतन लाल अपने बिल्डर मालिक अंजानी परिवार का बहुत खास आदमी था. इतना खास कि जब भी कभी मालिक के यहां कोई पार्टी वगैरह होता तो सारा इंतजाम रतन लाल के जिम्मे ही रहता था और मालिक भी …

कोर्ट में न्याय

जिला अदालत के कठघरे में हाथ जोड़े खड़ा बौदु जज की ओर टकटकी बाधे देख रहा था. उसके हाथों में हथकड़ी लगी थी और वह भागने न पाये इसलिए दो पुलिसिया पीछे खड़ा था. कागजातों का निरीक्षण करने के बाद जज ने अपना भारी सा टकला सर उठाया और बौदु की ओर देखते हुए गहरी सांस लेते हुए कहा – …

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