'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

मूर्ति पूजा

एक राजा था, वह मूर्तिपूजा का घोर विरोधी था. एक दिन एक व्यक्ति उसके राज दरबार में आया और राजा को ललकारा – हे राजन ! तुम मूर्ति पूजा का विरोध क्यों करते हो ? राजा बोला – आप मूर्ति पूजा को सही साबित करके दिखाओ मैं अवश्य स्वीकार कर लूंगा. व्यक्ति बोला – राजन यदि आप मूर्ति पूजा में …

वाल्मीकि

मैं भी ख़ुश था ‘वाल्मीकि’ शब्द अपनाकर लेकिन उसने मेरा सारा भरम तोड़ दिया. बात उन दिनों की है जब मेरा एडमिशन इंटर कॉलेज की कक्षा 6 में हुआ था. नए स्कूल में तमाम नए और अजनबी छात्र मिले. हर कोई मुझसे मेरी जाति जानना चाहता था. उनमें से अधिकांश को इससे कोई मतलब नहीं था कि मैं भी साफ़ …

पिता-पुत्र संवाद : भगवान बनाम मानव

एक लड़का अपने पिताजी से सवाल करता है – लडका – पापा मुझे स्कूल में पढाया गया कि इंसान पहले आदिमानव था, यह सच है क्या ? पापा – हां बेटा, इंसान पहले आदिमानव था. लडका – फिर तो वो शरीर पर कपड़े नहीं पहनते रहे होंगे ? पापा – नहीं बेटा, इंसान के जीवन मे धीरे-धीरे प्रगति हुई. इंसान …

कॉल पर ऑनलाइन लोन

  बड़ा तगड़ा प्रेशर था ऑनलाइन लोन बेचने का. डेढ़ सौ कस्टमर्स की लिस्ट पकड़ा दी गई. सबको कॉल करो और लोन लेने के लिए कन्विंस करो (गिड़गिड़ाओ). अब सात तो ब्रांच का रायता समेटते-समेटते ही बज गए थे. मन घर जाने का कर रहा था कि अचानक साहब का फ़ोन आ गया – ‘कितने लोगों को कॉल किया ऑनलाइन …

अथ वीर सावरकर कथा

वीर सावरकर सिर्फ नाम से ही वीर नहीं थे. जिगर और कलेजे से भी वीर थे. फिरंगी उनके नाम से ही थर-थर कांपते थे और हमेशा पैंट के अंदर डायपर पहनते थे. हिंदुस्तान में व्यापार करने के लिए अंग्रेज वीर सावरकर को ₹60 महीना रंगदारी देते थे. देखा जाए तो वीर सावरकर हिंदुस्तान के पहले हफ्ता वसूली करने वाले भाई …

आई क्यू बूस्टर मशीन

एक वैज्ञानिक ने आई क्यू बूस्टर का ईजाद किया. शुरूआती ट्रायल के नतीजे काफी उत्साहवर्धक थे. कई वालंटियर्स का आई क्यू इतना बढ़ गया कि वो सुपर कम्प्यूटर को भी मात देने लगे. कुछ तो आंइस्टाइन – न्यूटन के सिद्धांतों में खामियां निकालने लगे. पर दो तीन लोगों का ब्रेन हीमरेज हो गया तो तय किया कि मशीन को मोडीफाई …

नरेन्द्र और विश्वकर्मा

श कहते हैं बाल नरेंदर में बचपन से ही विलक्षण प्रतिभा थी. एक बार वे खेलते कूदते तालाब के तरफ चले गए. जैसे ही पानी मे पैर रखा, उन्हें कुछ महसूस हुआ. हाथ लगाकर उसे पकड़ा और एक झटके में बाहर निकाल लिए. उसे वे खींचते हुए अपने घर ले आए. आंगन में बैठी मां जब यह देखी तो घबरा …

क्रूर शासक अहमद शाह अब्दाली के जुल्मोसितम की दर्द भरी दास्तान

सन 1754 में दिल्ली की गद्दी पर आलमगीर (द्वतीय) बैठा, जो बेहद डरपोक व मुर्ख था. उस वक्त अफगानिस्तान का शासक अहमद शाह अब्दाली था. अब्दाली नादिर शाह के बाद गद्दी पर बैठा था. वह कई बार भारत आया और जबरदस्त लूटमार की. अब्दाली ने दिल्ली के शासक आलमगीर से एक संधि की और उसके सामने दिल्ली लूटने का प्रस्ताव …

एक आस्तिक से बातचीत

आस्तिक – आप अच्छे इन्सान हैं लेकिन एक ही बुराई है, आप नास्तिक हैं, भगवान को नहीं मानते. मैं – मैं भगवान को उतना ही मानता हूं, जितना तुम अल्लाह को मानते हो. आस्तिक – मैं अल्लाह को नहीं मानता, मैं भगवान को मानता हूं. मैं – मैं भगवान को उतना ही मानता हूँं, जितना मुस्लिम भगवान को मानते हैं. …

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस

नरेन भोज खाने में माहिर था. भण्डारा हो या श्राद्ध, शादी हो या मुंडन, रिसेप्शन, अन्नप्रासन – कुछ भी हो…, हर भोज में शामिल होता और दबाकर खाता. लेकिन नरेन की एक आदत बहुत बुरी थी. जहां भी भोज खाने जाता, कोई न कोई नुक्स निकाल ही देता. मसलन, पूड़ियां नरम नही थीं, मिर्च तीखी थी, चीनी के दाने थोड़े …

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