'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
Home लघुकथा (page 6)

लघुकथा

बलात्कारी वीर की कहानी

दुकानें और मकान ताश के पत्तों की तरह गिर और जल रहे थे. आकाश काला और जमीन लाल हो गई थी. दंगाई तरह-तरह के हथियार लिए, नारे लगाते घरों के दरवाजे तोड़ रहे थे. इतनी आवाजें थी कि कोई आवाज सुनाई न देती थी. लूटमार करने से ज़्यादा दंगाई हत्या करने का पूरा मज़ा ले रहे थे. जब उन्हें कोई …

अच्छे बुरे का बोध

किसी रियासत का राजा जानना चाहता था कि उसकी प्रजा कितनी जागरूक है. उसने एक ऐसी जगह पुल बना डाला जहां पुल की कोई ज़रुरत ही नहीं थी और पुल के एक तरफ एक पेटी रख दी ताकि लोग अपने विचार लिखकर इसमें डालें. लोगों ने पुल के ऊपर से आना जाना शुरू कर दिया. कुछ दिनों बाद राजा ने …

बीजेपी का मुद्दा क्या है ? ऐजेंडा क्या है ?

कॉलेज के विद्यार्थियों का एक ग्रुप मोदी से मिला और पूछा कि – सर, बीजेपी का मुद्दा क्या है ? ऐजेंडा क्या है ? मोदी – मैं तुम्हें यह बात एक उदाहरण से समझाता हूं. मान लो कि दो व्यक्ति मेरे पास आते हैं. उनमें से एक साफ सुथरा है और एक गंदा. मैं उन दोनों को नहाने की सलाह …

एकता का नया सबक

एक बाप था, उसके पांच बेटे थे. वे सुबह-शाम लड़ते रहते थे लेकिन रात होते ही सब साथ मिलकर टीवी देखते थे. बाप भी खुश था, बेटे भी खुश. बाप का अंतिम समय आया तो उसे चिंता होने लगी. वह चाहता था कि ये सुबह-शाम लड़ा न करे और एक दूसरे के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाना और वापस लेना बंद …

खूनी कार

मेरे पास एक कार थी. उसकी खूबी यह थी कि वह पेट्रोल की बजाए आदमी के ताजे खून से चलती थी. वह हवाई जहाज की गति से चलती थी और मैं जहां चाहूं, वहां पहुंचाती थी इसलिए मैं उसे पसंद भी खूब करता था. उसे छोड़ने का इरादा मेरा नहीं था. सवाल यह था कि उसके लिए रोज-रोज आदमी का …

कलियुग के धर्मराज की सदेह कुम्भीपाक यात्रा

कलियुग के धर्मराज, 36 बरस तक राज कर-कर के ऊब गए थे. चहुं ओर विकास हो चुका था. पांडूराष्ट्र भी बन चुका था लेकिन जनता आज भी पेट्रोल-डीजल के दाम रोती थी, फिर भर भर के गालियां देती थी, और भर भर के वोट भी. कब तक झेलते, सो वानप्रस्थ का फैसला कर लिया. नियत तिथि और दिन के साथ …

भगत सिंह और भक्त

भक्त – भगत सिंह मेरे आदर्श है … भगत सिंह जिंदाबाद … जय हिन्द … जय श्री राम ! मैं – भगत सिंह को पढ़े हो ? भक्त – नही ‘फिर आदर्श कैसे मानते हो ?’ ‘क्योकि वो देश की आजादी के लिए फांसी पे झूल गए. मैंने अजय देवगन और बाबी देओल की भगत सिंह पे आधारित फ़िल्म सैकड़ों …

कस्टमर-बैंक मैनेजर संवाद

कस्टमर : जन धन में खाता खुलवाना है… ! बैंक मैनेजर : खुलवा लो…! कस्टमर : क्या ये जीरो बैलेंस में खुलता है…..? बैंक मैनेजर : (मन ही मन में … साला पता है फिर भी पूछ रहा है) हाँ जी, फ्री में खुलवा लो…! कस्टमर : इसमें सरकार कितना पैसा डालेगी ? बैंक मैनेजर : जी अभी तो कुछ …

पुण्य आत्मा को साधु का ज्ञान

प्रचीन भारत भी धार्मिक अंधविश्वासों के खिलाफ वैज्ञानिक विचारधारा के बीच के संघर्ष को बखूबी निभाया है. इसमें लोगों को जागरूक करने के लिए कहानियों का भरपूर सहयोग लिया है. ऐसी ही एक कहानी है, जिसमें धार्मिक कठ्ठमुल्ला के खिलाफ संघर्ष को स्थापित किया गया है. एक बार एक बहुत ही पुण्य आत्मा अपने परिवार सहित तीर्थ के लिए निकला. कई …

‘कामरेडों, चलो क्रांति की तैयारी करते हैं.’

दुनिया के महान नेता लेनिन के बारे में भारत में एक कहानी प्रचलित है. मृत्युउपरांत लेनिन जब यमराज के यहां लाये गये तब यमराज यह देखकर संशय में पड़ गये कि इतने महान नेता लेनिन को कहां रखा जाये, स्वर्ग या नरक. जब यमराज यह तय नहीं कर पाये तब वह दौड़े-दौड़े इन्द्र के पास पहुंचे. इन्द्र सभी देवताओं को …

1...567...12Page 6 of 12

Advertisement