'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

कवि और भगवान

एक जरूरतमंद रोगी मंदिर में मन्नत मांगते हुए – ‘हे ईश्वर मेरी कब सुनोगे ! 4 महीने हो गए आपके दर पर आते-आते. अब तो मेरी किडनी जवाब देने ही लगी है. मेरे लिए किडनी का इंतजाम करवा दो ना ! एक बार सुन लो मेरी !’ दूसरा जरूरतमंद रोगी नमाज पढ़ते हुए – ‘या अल्लाह, तू बड़ा रहमदिल है. …

जब लक्ष्मण का जवाब सुन रावण के प्राण पखेरू उड़ गए

रावण (नाभि में) उड़ता तीर लेकर धराशायी हो चुका था. श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा- जाओ भ्राता, रावण से शासन प्रशासन की शिक्षा लेकर आओ. लक्ष्मण गए और सिर के पास खड़े हो गए. रावण ने ज्ञान न दिया तो राम के समझाने पर वे पैरों के पास खड़े हुए, तब रावण ने ज्ञान देना शुरु किया. यह कथा आप …

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के जन्मदिन के अवसर पर उपन्यास पुनर्नवा का एक अंश

देवरात साधु पुरुष थे. कोई नहीं जानता था कि वे कहाँ से आकर हलद्वीप में बस गये थे. लोगों में उनके विषय में अनेक किंवदन्तियाँ थी. कोई कहता था, वे कुलूत देश के राजकुमार थे और विमाता से अनेक प्रकार के दुर्व्यावहार प्राप्त करने के बाद संसार से विरक्त होकर इधर चले आये थे. कुछ लोग बताते थे कि बाल्यावस्था …

सोमवार को स्नान के बाद इस कथा को पढ़ें !

बाप अकेला रहता था. बेटे उससे दूर एक शहर में रहते थे, अचानक एक दिन बाप के घर के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी. देखा तो सामने एक बेटा खड़ा था. पांवों में छाले पड़े हुए थे. हाल बेहाल था. बुरी तरह से थका हुआ था. कंधे पर एक पोटली टंगी हुई थी. बाप हैरान परेशान. बेटे से पूछा …

जन्नत की कुछ खास कहानियां मौलाना जी के साथ

‘मौलाना साहब, जन्नत में कौन से लोग जाएंगे, हिन्दू या क्रिस्चियन ? मौलाना गुस्से में बोले – केवल मुसलमान मैंने मौलाना से पूछा – जी, कौन से मुसलमान, शिया या सुन्नी ? मौलाना तुरन्त बोल पड़े – बेशक सुन्नी, जनाब मैंने मौलाना से पूछा – जी सुन्नी में तो 2 वर्ग है, उनमें से कौन ? मुकल्लिद या गैर-मुकल्लिद ? …

रोड हिप्नोसिस / सड़क सम्मोहन

मैं पतिदेव से – ‘पता चला, मेरी मित्र रूचि का मित्र अपने कुछ मित्रों के साथ एक शादी से लौट रहा था. रास्ते में सुबह चार बजे के करीब भयानक दुर्घटना में कोई मित्र नहीं बचा. बहुत बुरा हुआ. ऐसा कैसे हो जाता है ? कहीं वो सोने तो नहीं लगा था ? ज्यादातर सड़क दुर्घटनायें इसीसमय होती हैं !’ …

बुढिया की जिद और उसका बेटा

पडोस के घर में जोर शोर से आवाज़ आयी. दौड़ कर देखने गया. पडोसी की बुढ़ी मां हाथ में डंडा लेकर उनको पिट रही थी. बोल रही थी, ‘तुने कभी ऐसा किया ? बेटा हो तो उनके जैसा होना चाहिए.’ बेटा बोला – ‘मां कहो मुझे क्या करना है ? आप जो कहे वो मैं करने को तैयार हूं.’ मां …

पापा, ये मुसलमान है या हिन्दू ?

1 वैष्णो देवी की चढ़ाई चढ़ते हुए पास से गुजरती पालकी उठाये 4 निरीह युवकों पर बच्चे की नजर पड़ी. वे एक ही तरह के सस्ते सैंडिल पहने एक ही पद लय में पसीना बहाते, गर्दन झुकाए, एक श्रद्धालु को चढ़ाई चढ़ाते हुए ढो रहे थे. बच्चे ने अपने पिता से पूछा- ‘पापा ये मुसलमान हैं या हिन्दू ?’ पिता …

सांपों की सभा : ‘हमें लोकतंत्र को लोकतांत्रिक ढंग से खत्म करना है’

‘तुम में जहर नहीं है, इसलिए तुम कमजोर हो !’ सांप ने चूहे से कहा. ‘जिसके अंदर जहर होता है दुनिया उसकी इज्जत करती है…उनका सिक्का चलता है.’ ‘आज तुम्हारा जहर ही तुम्हारे लिए अमृत है !’ चूहा ध्यान से सब सुनता रहा. ‘जब तुम्हारे पास जहर होगा, तभी लोग तुमसे डरेंगे !’ सांप शांत स्वर में बोला. चूहे को …

बेबसी लाचारी का सच्चा स्वरुप : एक आम आदमी की कलम से

एक बार एक गांव में बड़ी महामारी फैली. पूरे गांव को लंबे समय तक के लिए बंद कर दिया गया. केवट की नाव घाट पर बंध गई. कुम्‍हार का चाक चलते चलते रुक गया. क्‍या पंडित का पत्रा, क्‍या बनिया की दुकान, क्‍या बढ़ई का वसूला और क्‍या लुहार की धोंकनी, सब बंद हो गए. सब लोग बड़े घबराए. गांव …

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