'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

धर्मान्ध यानी चलता फिरता आत्मघाती बम

मैट्रो में सीट हथियाने में कामयाब एक सज्जन भरी भीड़ में अपने मोबाइल पर जोर-शोर से माता की भेंटे सुन रहे थे. जैसे कि ज्यादातर होता है उनका यह भजन किसी फिल्मी गीत की पैरोडी था, जिसे वे परम मुदित भाव से सुने जा रहे थे. उन्हें आस पास की जरा भी चिंता नही थी. विवश लोग इधर उधर देख …

राजा का आदेश और देशद्रोही बूढ़ा

सर्वप्रिय राजा ने प्रजा से कहा- ‘पुनर्निर्माण के लिए सारे गांव के पुराने भवनों को आग लगाना पड़ेगा.’ गांववाले : ‘महाराज की जय हो ! महाराज की जय हो !’ एक बूढ़े ने पूछा – ‘मगर तब तक गांववाले आखिर रहेंगें कहां ?’ गांव वालों ने बूढ़े को जिज्ञासा और राजा ने क्रोधित दृष्टि से देखा. तभी राजा ने मुस्कुराते …

कैमराजीवी

किसी युग में एक कैमराजीवी हुआ करता था. इतिहास की पुस्तकों में उसका नाम ठीक-ठीक नहीं मिलता मगर इतना अवश्य ज्ञात होता है कि उसके नाम के अंत में इन्द्र जैसा कोई शब्द था – सुरेन्द्र, धनेन्द्र, सत्येन्द्र, धर्मेन्द्र, वीरेन्द्र या नरेन्द्र टाइप कुछ. वैसे उसका सबसे प्रचलित नाम कैमराजीवी था. उस समय दुनिया में किसी से पूछने पर कि …

कवि और भगवान

एक जरूरतमंद रोगी मंदिर में मन्नत मांगते हुए – ‘हे ईश्वर मेरी कब सुनोगे ! 4 महीने हो गए आपके दर पर आते-आते. अब तो मेरी किडनी जवाब देने ही लगी है. मेरे लिए किडनी का इंतजाम करवा दो ना ! एक बार सुन लो मेरी !’ दूसरा जरूरतमंद रोगी नमाज पढ़ते हुए – ‘या अल्लाह, तू बड़ा रहमदिल है. …

जब लक्ष्मण का जवाब सुन रावण के प्राण पखेरू उड़ गए

रावण (नाभि में) उड़ता तीर लेकर धराशायी हो चुका था. श्रीराम ने लक्ष्मण से कहा- जाओ भ्राता, रावण से शासन प्रशासन की शिक्षा लेकर आओ. लक्ष्मण गए और सिर के पास खड़े हो गए. रावण ने ज्ञान न दिया तो राम के समझाने पर वे पैरों के पास खड़े हुए, तब रावण ने ज्ञान देना शुरु किया. यह कथा आप …

आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के जन्मदिन के अवसर पर उपन्यास पुनर्नवा का एक अंश

देवरात साधु पुरुष थे. कोई नहीं जानता था कि वे कहाँ से आकर हलद्वीप में बस गये थे. लोगों में उनके विषय में अनेक किंवदन्तियाँ थी. कोई कहता था, वे कुलूत देश के राजकुमार थे और विमाता से अनेक प्रकार के दुर्व्यावहार प्राप्त करने के बाद संसार से विरक्त होकर इधर चले आये थे. कुछ लोग बताते थे कि बाल्यावस्था …

सोमवार को स्नान के बाद इस कथा को पढ़ें !

बाप अकेला रहता था. बेटे उससे दूर एक शहर में रहते थे, अचानक एक दिन बाप के घर के दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी. देखा तो सामने एक बेटा खड़ा था. पांवों में छाले पड़े हुए थे. हाल बेहाल था. बुरी तरह से थका हुआ था. कंधे पर एक पोटली टंगी हुई थी. बाप हैरान परेशान. बेटे से पूछा …

जन्नत की कुछ खास कहानियां मौलाना जी के साथ

‘मौलाना साहब, जन्नत में कौन से लोग जाएंगे, हिन्दू या क्रिस्चियन ? मौलाना गुस्से में बोले – केवल मुसलमान मैंने मौलाना से पूछा – जी, कौन से मुसलमान, शिया या सुन्नी ? मौलाना तुरन्त बोल पड़े – बेशक सुन्नी, जनाब मैंने मौलाना से पूछा – जी सुन्नी में तो 2 वर्ग है, उनमें से कौन ? मुकल्लिद या गैर-मुकल्लिद ? …

रोड हिप्नोसिस / सड़क सम्मोहन

मैं पतिदेव से – ‘पता चला, मेरी मित्र रूचि का मित्र अपने कुछ मित्रों के साथ एक शादी से लौट रहा था. रास्ते में सुबह चार बजे के करीब भयानक दुर्घटना में कोई मित्र नहीं बचा. बहुत बुरा हुआ. ऐसा कैसे हो जाता है ? कहीं वो सोने तो नहीं लगा था ? ज्यादातर सड़क दुर्घटनायें इसीसमय होती हैं !’ …

बुढिया की जिद और उसका बेटा

पडोस के घर में जोर शोर से आवाज़ आयी. दौड़ कर देखने गया. पडोसी की बुढ़ी मां हाथ में डंडा लेकर उनको पिट रही थी. बोल रही थी, ‘तुने कभी ऐसा किया ? बेटा हो तो उनके जैसा होना चाहिए.’ बेटा बोला – ‘मां कहो मुझे क्या करना है ? आप जो कहे वो मैं करने को तैयार हूं.’ मां …

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