एक सरपंच अपने गांंव में राहत कोष के पैसे से लाइसेंसी बन्दूक लेकर आया. पूरे गांंव में मुनादी हुई कि सरपंच साहब ऑटोमेटिक बन्दूक लेकर आए हैं. कुछ मुनादी करने वालों ने बन्दूक की तारीफ़ करने में इतनी छूट ले ली कि चार दिन बाद चौपालों की चर्चाओं में बन्दूक, तोप बन चुकी थी. इस बीच लोग भूल गए कि …