'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

2025 का एक दृश्य : ग्राहक-सेल्समैन संवाद

पप्पू ने पिज्जा हट में फ़ोन किया. सेल मैन – पिज्जा हट, नमस्कार ! ग्राहक पप्पू – हैलो, आप मेरे घर पिज्जा भेज दीजिए. सेल मैन – सर, पहले आप अपना आधार कार्ड नंबर बाता दीजिए। पप्पू – ठीक है… मेरा नम्बर ********* – *********** – ******* है. सेल मैन – ओके… आप हैं … श्रीमान राजू और आप हाऊस …

बुढ़िया की चक्की और ‘कुशल’ कारीगर

किसी गांव में एक अम्मा ने अपनी बंद पड़ी ‘आटा-चक्की’ को खुंटवाने के लिए कारीगर को बुलाया. ‘देख भाई जानता तो है ना..? ये रही चक्की, इसे ठीक कर दे. बस आज के खाने लायक दलिया बचा था, वो चूल्हे पर चढ़ा दिया है. तू इसे ठीक कर. तब तक मैं कुएं से मटकी भर कर लाती हूं.’ कारीगर बोला, …

‘मेरी मां क्या सोचेगी इस जीत पर’

एक दौड़ में केन्या का प्रतिनिधित्व कर रहा एथलीट ‘हाबिल मुताई’ चिन्हों को ठीक से नहीं समझने के कारण, ‘दौड़ पूरी हो गयी’ ये सोच कर फिनिश लाइन से सिर्फ कुछ ही फुट दूरी पे रुक गया. उसके पीछे आ रहे स्पेनिश एथलीट ‘इवान फर्नांडीज’ ने चिल्लाकर रेस जारी रखने के लिए कहा लेकिन मुताई को स्पेनिश में कहा गया …

अपराध

देश के एक व्यक्ति पर केस दर्ज हुआ. उसे अदालत में पेश किया गया. न्यायाधीश ने कहा – ‘तुम पर आरोप है कि तुमने राजा के सम्बोधन में गुस्ताखी की हैं. राजा को तुमने ‘तू-तू’ कहकर संबोधित किया है.’ मुजरिम बोला- ‘मैं यह आरोप स्वीकार करता हूं जज साहब. दरअसल मैं तो राजा के मुंह पर थूकना चाहता था लेकिन …

जनता और गधा

बंद दुकान के थड़े पर बैठे दो बूढ़े आपस में बातें करते हुए हंस-हंस कर लोट-पोट हो रहे थे कि एक जिज्ञासु राहगीर ने उनसे इतना खुश होने की वजह पूछी. एक बूढ़े ने बामुश्किल अपनी हंसी पर काबू पाते हुए कहा, ‘हमारे पास इस मुल्क की समस्याओं को हल करने की एक शानदार योजना है, और वह योजना यह …

मगरमच्छ के आंसू और बाल नरेंद्र

प्राचीन काल में में वडनगर नामक राज्य में गरीब मां का बेटा ‘बाल नरेंद्र’ और उनके मित्र क्रिकेट खेल रहे थे. तभी बॉल पास के तालाब में चली गयी. चूंकि नाली में बॉल जायेगी तो ‘बाल नरेंद्र’ ही निकालेंगे इसी शर्त पर अन्य बच्चे गरीब ‘बाल नरेंद्र’ को अपने साथ खिलाते थे. तो फिर उन्होंने आव देखा ना ताव ‘बाल …

ढपोरशंख

एक मछुआरा समुद्र के किनारे अपने परिवार को लेकर रहता था और जीवन यापन के लिए समुद्र में मछलियां पकड़ता था. उसी से उसका और उसके परिवार का भरण पोषण होता था. उस मछुआरे ने सुन रखा था कि समुद्र एक देवता है और उनके पास अपार निधि है. एक दिन उसने सोचा क्यों न समुद्र देवता की अराधना करें …

हंस, उल्लू और पंच

एक बार एक हंस और हंसिनी सुरम्य वातावरण से भटकते हुए, उजड़े वीरान और रेगिस्तान के इलाके में आ गये. हंसिनी ने हंस को कहा कि ‘ये किस उजड़े इलाके में आ गये हैं ? यहां न तो जल है, न जंगल और न ही ठंडी हवाएं हैं. यहां तो हमारा जीना मुश्किल हो जायेगा.’ भटकते-भटकते शाम हो गयी तो …

मौत से रोमांस

वह रोज़ आती है. आती क्या, साथ रहती है. उसे अपनी आंखों से देखा है – निराकार निर्गुण ईश्वर के अहसास की तरह. तड़के अंधियारा वक्त. अम्मा को चाय की आखिरी तलब लगी है. चाय उनकी ज़रूरत और आदत बनते-बनते सुबह का अलार्म बन गई थी – ‘बेटा, चाय पिला दो. तबीयत बहुत घबड़ा रही है.’ मैं और दीदी भागते …

जैक लण्‍डन की एक कहानी

अगर आपने जैक लण्‍डन को नहीं पढ़ा तो आप विश्‍व साहित्‍य की एक महान विरासत से वंचित हैं. भगत सिंह भी उन्हें पढ़ते थे. प्रस्तुत है उनकी लिखी हुई एक कहानी – ‘ वे दर्द से लंगड़ाते हुए कगार से उतरे, और आगे चल रहा आदमी रुखड़े पत्थरों के बीच एक बार लड़खड़ा गया. वे थके ओर कमजोर थे, और …

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