'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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लघुकथा

सोचेगा सिर्फ राजा…या फिर बागी, सोचना बगावत हुई

मुखबिर की खबर पर, पुलिस बल थाने से निकला. सशस्त्र जवानों ने जंगल में उजाड़ खंडहर घेर लिया. एसपी साहब लाउडस्पीकर पर चीखे- हिलने की कोशिश की, तो भूनकर रख दूंगा. हाथ उठाये आधे दर्जन जघन्य विचारी बाहर आये. मुंह पर गमछा बांधे अपराधियों को अगले दिन पत्रकारों के सामने पेश किया गया. सबने जुर्म का इकबाल किया. अखबारों में …

आखिर बना क्या है फिर ?

एक अप्रवासी भारतीय काफी समय बाद भारत वापस लौटता है. एयरपोर्ट पर उतरते ही उसको लेने आये अपने भाई से बोलता है – अप्रवासी – ‘यहां बुलेट ट्रेन चलने लगी क्या ?’ भाई – ‘नहीं.’ अप्रवासी – ‘सौ स्मार्ट सिटी बन गई क्या ?’ भाई – ‘नहीं.’ अप्रवासी – ‘15 लाख मिल गये क्या ?’ भाई – ‘नहीं.’ अप्रवासी – …

पुलिस

मैंने आदिवासी से पूछा – ‘तुम्हारे घर में दरवाज़ा नहीं है ? क्या इधर चोर नहीं आते ?’ उसने कहा – ‘साहब गरीब की गरीबी चुराने कौन आएगा ?’ मैंने पूछा – ‘तो क्या इधर पुलिस नहीं आती ?’ आदिवासी बोला ~ ‘आती है न साहब, जब अमीरों के यहां कोई घड़ी या पैसा चोरी हो जाती है, तो पुलिस …

मनमोहन सिंह को दो गज जमीन न देने वाला मोदी किस नस्ल का है !

एक बादशाह के दरबार में एक अजनबी नौकरी की तलब के लिए हाज़िर हुआ. क़ाबलियत पूछी गई तो कहा, ‘सियासी हूं.’ (अरबी में सियासी अक्ल ओ तदब्बुर से मसला हल करने वाले मामला फ़हम को कहते हैं). बादशाह के पास सियासतदानों की भरमार थी, उसे खास घोड़ों के अस्तबल का इंचार्ज बना लिया. चंद दिनों बाद बादशाह ने उस से …

‘साहब ये बैल है, वकील नहीं !’

एक वकील साहब को यह देखकर हैरत हुई कि बैल बैलगाड़ी खींच रहा है और किसान बैलगाड़ी में सोया पड़ा है. वकील साहब ने किसान से कहा – ‘अगर बैल रुक जाये तो तुम्हें पता ही नहीं चलेगा.: किसान – ‘पता चल जायेगा वकील साहब, उसके गले में बंधी घंटी भी रुक जाएगी.’ वकील साहब बोले – ‘अच्छा, अगर बैल …

मुर्गे की बांग

एक आदमी एक मुर्गा खरीद कर लाया. एक दिन वह मुर्गे को मारना चाहता था, इसलिए उसने मुर्गे को मारने का बहाना सोचा और मुर्गे से कहा, ‘तुम कल से बांग नहीं दोगे, नहीं तो मै तुम्हें मार डालूंगा.’ मुर्गे ने कहा, ‘ठीक है, सर, जो भी आप चाहते हैं, वैसा ही होगा !’ सुबह, जैसे ही मुर्गे के बांग …

लोटा और कलश

उनको देखा तो हैरत में पड़ गया. ऐसा तो पहले कभी न हुआ था. ‘आपके हाथ में यह लोटा कैसा !’ मैं तपाक से बोल उठा. ‘यह लोटा नहीं कलश है…’ उन्होंने मुझे झिड़कते हुए कहा. ‘मुझे तो लोटा लगा…’ ‘कलेश न करो, कलश ही है…’ ‘दोनों में अंतर क्या है !’ ‘वही जो हड्डी और अस्थि में…’ उन्होंने अंतर …

खुदाई

जुलूस निकलने के बाद गली में सन्नाटा था. पत्थरों से पूरी गली पट गयी थी. पत्थर खून से सने थे. कोई देखता तो यही कहता कि वे खून के आंसू रो रहे हैं ! सदियों बाद एक नई सभ्यता का विकास हुआ. ठीक उसी जगह खुदाई हुई. खनन में रोटी के कोई अवशेष न मिले. न कोई किताब मिली, और …

कमलेश

राम लाल पेशे से कुम्हार था. दिन भर मेहनत करके बमुश्किल अपने बीवी बच्चों को खाना नसीब करवा पाता था. दिये, गुल्लक, छोटी मोटी मूर्तियां, मिट्टी के खिलोने तो जैसे उसके हाथ लगते ही जीवित हो उठते थे. राम लाल की कला का दीवाना लगभग आसपास का सारा इलाका था. लेकिन चीन की झालर और मूर्तियों ने उसके व्यापार का …

अपना-अपना भालू

एक बार एक वैज्ञानिक जंगल में किसी काम से जा रहा था. तभी उसने ‘सोनू आर्या’ नामक एक शख्स को एक गुफा के बाहर धूप-अगरबत्ती करते हुए देखा. कौतूहल में आकर वैज्ञानिक ने इसका कारण पूछा तो सोनू आर्या ने जवाब दिया – ‘इस गुफा में एक पवित्र भालू रहता है, जिसकी हम पूजा करते हैं.’ वैज्ञानिक – ‘आपने कभी …

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