1 चे कमान्डेन्ट – निकोलस गीयेन (1902-1989), क्यूबा के राष्ट्रकवि यद्यपि बुझा दिया है तुमने अपना आलोक तब भी म्लान नहीं हुआ वह थोड़ा-सा भी. एक अग्नि अश्व ने सम्भाल रखा है तुम्हारी गुरिल्ला प्रस्तर-प्रतिमा को सिएरा की हवाओं और मेघों के बीच में. हालांकि अब भी मौन नहीं हो तुम भले ही वे जलाते हैं तुमको दफ़्न कर देते …
चे-ग्वेरा के जन्म दिन पर ‘चे’ को याद करते हुए
