वक़्त की ऐनक पर आदमी एक धब्बे सा उभरता है और, धुल जाता है वक़्त की बारिश में इस मुल्क में लोग नाव की पेंदे के छेद में गोंद चिपकाते हुए पार कर जाते हैं वैतरणी भूखे नंगे मुग्ध हैं राम मंदिर की भव्यता से लेकर राफ़ेल की उड़ान पर अट्टालिकाओं के प्रांगण में मोर नाच नौटंकी के लौंडा नाच …