'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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कविताएं

देश का अपमान

क्या तब देश का अपमान नहीं होता जब आंगन में खेलती हुई बच्ची को पटक दिया जाता है मंदिर में अपनी वहशियत मिटाने के लिए मिलकर के नोंच खाने के लिए फिर भीड़ द्वारा उदघोष किया जाता है जय श्री राम जय श्री राम। क्या तब देश का अपमान नहीं होता जब जाति की ईर्ष्या में जलकर, कई घर जला …

स्वच्छ भारत का अंतिम सिरा

स्वच्छ भारत का अंतिम सिरे पर कुछ कूड़े कर्कट से परित्यक्त, प्रताड़ित गृह निष्कासित बूढ़े और ग़रीब लोग भी हैं जिन्हें हम भिखारी भी कहते हैं और उनको लाद कर शहर के बाहर कूड़ेदान में डंप करने के लिए नगरपालिका की कूड़े ढोने वाली गाड़ियाँ भी हैं हमारे माननीय सर्वकालीन सर्वश्रेष्ठ प्रधानमंत्री ने गाँधी जी के चश्मे से जिस दिन …

सैनिक

लाल तंबू के नीचे जब होश आया तो मैंने अपने आजू बाज़ू दोनों बिस्तर में पड़ी दो लाशों को देखा दोनों मेरे सहोदर भाई थे हम तीनों सहोदर भाई अपने अपने राजा के लिए लड़ते थे राजा ने हमें समझाया था कि उनके हरम को गर्म रखने के लिए बीच बीच में सैनिकों के गर्म खून की ज़रूरत पड़ती है …

देश, देशभक्ति और तिरंगा

देशप्रेम आपके लिए देशप्रेम है सत्ता के लिए देशप्रेम एक मुखौटा है. देशभक्ति आपके लिए देशभक्ति है सत्ता के लिए देशभक्ति बांट रखने का धारदार हथियार है राष्ट्रवाद आप के लिए राष्ट्र की बात है सत्ता के लिए वही राष्ट्र वाद सत्ता पर सत्ता जमाये रखने का कारगर औजार है तिरंगा आपके लिए आन, बान, शान और जान है सत्ता …

हम चुप रहेंगे

पहले वे कश्मीर में टेलीफोन और इंटरनेट सेवा बंद करेंगे हम चुप रहेंगे फिर वे कश्मीर में बिजली पानी काटेंगे हम चुप रहेंगे फिर वे कश्मीरी बच्चों को उनके घरों से उठा कर किसी अज्ञात स्थान पर ले जाएंंगे जहांं से वे कभी नहीं लौटेंगे हम उन बच्चों के उदास घरों के सामने से गुज़र जाएंंगे उन बच्चों की मांंओं …

‘मैं ईश्वर से सब कह दूंगा’

याद है ? सीरिया का वो तीन साल का बालक बम से बूरी तरह घायल मरने से पहले कहा था – ‘मैं ईश्वर से सब कह दूंगा’ शायद उसने सब कह दिया हो शायद कह दिया हो हमारी हैवानियत लालच, ज़ाहीलियत और हमारा सितम कत्ल किया हज़ारों हजार एक दूसरे को ध्वंस करने ढेरों बनाये हथियार इंसा इंसा में फर्क …

उन्होंने चलना सीख लिया है..!

वे चल पड़े हैं दिल्ली को, उन्होंने चलना सीख लिया है..! जो घर में अब तक बैठे थे, उन्होंने लड़ना सीख लिया है..! वे चल पड़े हैं दिल्ली को, उन्होंने चलना सीख लिया है..! उन्हें अपनी ताकत का अहसास नहीं था, करने को कुछ खास नहीं था..! गुरुओं ने जो पाठ सिखाए, अब उन्होंने पढ़ना सीख लिया है..! वे चल …

ये बचाएंगे

निजाम ने खरीद लिए कुछ सियार कि ये बचाएंगे ऊंंची आवाज में जब हुआंं हुआंं करेंगे तो भय से दुबक जाएगा आवाम निजाम ने खरीद लिए कुछ खबरनवीस कि ये बचाएंगे जब हरा हरा दिखाएंगे सब ओर तो जन सावन का अंंधा बना ही रहेगा निजाम ने खरीद लिए कुछ मठाधीश कि ये बचाएंगे जब कहेंगे अपने अनुयायियों से कि …

तानाशाह का नया फ़रमान

तानाशाह ने तय किया है कि वह अब अपनी जनता ख़ुद चुनेगा ! तानाशाह चाहता है कि मुल्क में सिर्फ़ झुकी नज़रों और झुकी पीठ वाले लोग ही बचे रहें उसका जैकारा बोलते हुए ! तानाशाह अपने कारकूनों को समूची जनता का रजिस्टर तैयार करने के लिए कहता है ताकि रोज़ उनकी हाजिरी ली जा सके ! तानाशाह आदेश देता …

बोबडे का एक असभ्य सवाल

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बोबडे के सवाल का जवाब : महिलाएं क्यों शामिल हैं, किसान आंदोलन में ? वे जानना चाहते हैं कि क्या कर रही हैं औरतें किसान आंदोलन में ? इन्हें बहुत पुरानी आदत है औरतों को घर में देखने की लक्ष्मण रेखा के भीतर औरतों को बिस्तर पर देखने की दिल बहलाव के खिलौनों की तरह …

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