हरेक रोज़ हज़ारों मरेंगे हज़ारों चितायें जलेंगी हज़ारों बेघरों को आश्रय देगी श्मशान भूमि जलती हुई चिताओं के पास लेट कर कफ़न ओढ़ कर खुले आसमान से बरसते ठंढ के क़हर से बचने के लिए स्वर्णिम मौक़ा मिलेगा ज़िंदगी हर हाल में मौत से ज़्यादा क़ीमती है ये अलग बात है कि जीवन और मृत्यु का रेल की दो पटरियों …
जीवन – मृत्यु
