तुम मुझे याद भी करोगी तो हमेशा ग़लत कारणों से क्योंकि मुझे सही वक़्त पर सही बात करने की आदत नहीं रही कभी जैसे उस दिन की बात है जब तुम नख शिख श्रृंगार कर बन गई एक सुंदर, अनवद्य छवि मेरे लिए नहीं किसी के लिए नहीं मेरी प्रतिक्रिया में ईर्ष्या का कारण ढूंढना निरर्थक होगा क्योंकि मैं जानता …
तुम मुझे याद भी करोगी…
