'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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माओ त्से-तुंग की चुनिंदा कृतियां : चीनी समाज में वर्गों का विश्लेषण

(यह लेख कॉमरेड माओ त्से-तुंग द्वारा पार्टी में पाए जाने वाले दो विचलनों का मुकाबला करने के लिए लिखा गया था. चेन तु-शीउ द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए पहले विचलन के प्रतिपादक केवल कुओमिन्तांग के साथ सहयोग करने में रुचि रखते थे और किसानों के बारे में भूल गए थे; यह दक्षिणपंथी अवसरवाद था. चांग कुओ-ताओ द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए दूसरे …

अतीत से प्रेम और ज़ंजीरों में अप्रवासी

बात 1845 की है. आर्कटिक सर्कल होकर अमेरिका पहुंचने के नए रास्तों की खोज चल रही थी. तीन शिप में श्रीमान जॉन फ्रेंकलिन खोज पर निकले. ध्रुवीय रास्तों में खोजते खोजते एक जगह फंस गए, खो गए, कुछ पता न चला. कोई 150 लोग और जॉन फ्रेंकलिन मारे गए. बरसों बाद मिली लाशों के एग्जामिनेशन ने बताया कि ये लोग …

माओ त्से-तुंग की चुनिंदा कृतियां : हुनान में किसान आंदोलन की जांच पर रिपोर्ट

मौजूदा समय में जिस तरह भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट और प्रतिक्रियावादी मोदी सरकार सत्ता में है और माओवादियों के ख़िलाफ़ युद्ध का घोषणा कर दिया है, ऐसे में भारतीयों को यह जानना ज़रूरी है कि आख़िर माओवादी ऐसा क्या कर रहे हैं, जिससे भारत की सर्वाधिक भ्रष्ट और प्रतिक्रियावादी मोदी सरकार भड़की हुई है और माओवादियों के ख़िलाफ़ युद्ध का …

माओ त्से-तुंग की चुनिंदा कृतियां : चिंगकांग पर्वतों में संघर्ष

भारत के माओवादियों को भी चीन के लाल सेना की ही तरह घेर कर ख़त्म कर देने के लिए भारत की खूंखार सरकार ने लाखों की तादाद में भाड़े के सिपाहियों को दण्डकारण्य के पहाड़ों में तैनात कर दिया है. ऐसे में भारत के माओवादियों को भी चीन से सीखना चाहिए कि वह किस तरह इन घेरों को तोड़ कर …

परलोक सुधारने गए, परलोक सिधार गए

कुंभ में मृतकों की संख्या छुपाई जा रही है. कौन सा क्रिमिनल अपने अपराधों की सूची को सार्वजनिक करता है ? क्या सुप्रीम कोठा कुंभ के सीसीटीवी कैमरों की रिकॉर्डिंग मंगवाकर सुनिश्चित करेगा कि वास्तव में कितनी मौतें हुईं हैं ? कभी नहीं. क्योंकि ऐसा करने पर क्रिमिनल लोगों और न्यायपालिका के नेक्सस पर चोट पहुंचेगी. मैं यह देख कर …

कुलीन कुंभ के अंदर – कोई भीड़ नहीं, कोई अराजकता नहीं, केवल वीआईपी संगम, 5-सितारा आध्यात्मिकता

उत्तर प्रदेश प्रशासन ने कुंभ को ग्रामीण, निचले दर्जे की घटना से एक विशिष्ट अनुभव में बदल दिया है. यहां तक ​​कि 29 जनवरी की घातक भगदड़ भी इसकी चमक को फीका नहीं कर पाई है. अपने आलीशान टेंट में आराम से सात्विक नाश्ता करने के बाद पंकज बख्शी और उनका परिवार प्रयागराज में महाकुंभ में ‘वीआईपी संगम’ के लिए …

सदन में फिर बजटोत्सव है … हिहिहि

चार साल से एक ही पोस्ट लगा रहा हूं क्योंकि न बजट बदलता है, न बजट मंत्री औऱ न जनता के हालात, तो पोस्ट समीचीन बनी रहती है. ऐसे में छुट्टी पर बैठा मैं, बेनिफिट लेकर फिर वही पोस्ट चेप देता हूं. बहरहाल, जनता फिर फाग गा रही है, थालियां, गालियां, बेल आइकन, मंजीरे बज रहे हैं. सुर, यक्ष, देवता …

जंगल राज: भारतीय सेना पर, शिवालिक जंगलों में फ़ायरिंग रेंज के गैर कानूनी इस्तेमाल के दौरान वन गुज्जरों की हत्या का आरोप

in :  गेस्ट ब्लॉग
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उत्तराखंड और उत्तरप्रदेश में अधिकांश वन गुज्जरों की तरह 70 वर्षीय नूर मुहम्मद ने अपनी पूरी ज़िन्दगी जंगलों में गुज़ार दी. वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ एक डेरा (मिट्टी और पेड़ की शाखाओं से बनी झोपड़ियों का एक समूह) में रहते थे. आमतौर से एक झोपड़ी में एक वन गुज्जर परिवार रहता है. यह डेरा उत्तर प्रदेश के …

माओवादियों के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर रहे कॉरपोरेट घरानों के भाड़े के कारिंदों का खूंखार चेहरा

मोदी-शाह की हिन्दुत्ववादी फासीवादी सरकार ने कुछ माह पहले ही गाजे-बाजे के साथ तुरही बजाया था कि 31 मार्च, 2026 तक माओवादियों को देश से समाप्त कर दिया जायेगा. इस नरभेड़ियाओं ने माओवादियों के नाम पर सैकड़ों आदिवासियों को हज़ारों खूंखार पुलिस द्वारा घेरकर नृशंस तरीक़े से हत्या करने के बाद अब उसे समझ में आ गया कि माओवादियों को …

साम्प्रदायिक नफ़रतों के लिए पलक पांवड़े बिछाना मिडिल क्लास को बहुत भारी पड़ा है

वह 1990 के दशक का शुरुआती दौर था. चंद्रशेखर प्रधानमंत्री थे. गांवों में तब तक सस्ते टेप रिकॉर्डर और सस्ते कैसेट घर घर तक पहुंच चुके थे. राम मंदिर आंदोलन अपने उरूज़ पर था. ठीक से याद नहीं, लेकिन तब शायद ‘एक एक आदमी एक एक ईंट लेकर अयोध्या पहुंचे’ जैसा कोई कार्यक्रम चल रहा था. इस कार्यक्रम को कोई …

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