'यदि आप गरीबी, भुखमरी के विरुद्ध आवाज उठाएंगे तो आप अर्बन नक्सल कहे जायेंगे. यदि आप अल्पसंख्यकों के दमन के विरुद्ध बोलेंगे तो आतंकवादी कहे जायेंगे. यदि आप दलित उत्पीड़न, जाति, छुआछूत पर बोलेंगे तो भीमटे कहे जायेंगे. यदि जल, जंगल, जमीन की बात करेंगे तो माओवादी कहे जायेंगे. और यदि आप इनमें से कुछ नहीं कहे जाते हैं तो यकीं मानिये आप एक मुर्दा इंसान हैं.' - आभा शुक्ला
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फासिस्ट मोदी सत्ता का एजेंडा – मंदिर और सीएए

देश की जनता की परेशानियाें में लगातार इजाफा हो रहा है. अभूतपूर्व मंहगाई, बेरोजगारीे, भूखमरी, इलाज और दवाई की बढ़ती कीमतें, शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती फीसें, कॉपी-किताबों के बढ़ते मूल्य आदि ने एक तरफ जनता को आर्थिक बदहाली में धकेल दिया है, वहीं महिलाओं की असुरक्षा, सांप्रदायिकता और अपराध का माहौल ने जनता में असुरक्षा और नफरत को बढ़ा …

अंबानी प्रीवेडिंग में 74 करोड़ की रिहाना

74 करोड़…, अपने अंबानी सर ने बेटे के ‘प्री वेडिंग’ समारोह में परफॉर्म करने के लिए रिहाना को इतनी ही रकम दी. ऊपर से आने-जाने का खर्चा. अब कोई अमेरिका से आए, वह भी रिहाना जैसी अंतरराष्ट्रीय स्टार कलाकार, तो चार्टर प्लेन तो मिनिमम सुविधा है. साथ में झाल मंजीरा बजाने वाले संगतियों की फौज भी. सबका नाश्ता, खाना, रहना, …

धारा 295-ए रद्द हो क्योंकि…

भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 295 (A), किसी भी भाषण, लेखन, या संकेत को दंडित करती है जो ‘पूर्व नियोजित और दुर्भावनापूर्ण इरादे से’ नागरिकों के धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करते हैं, इसके दो या फिर अधिकतम तीन साल की सजा व आर्थिक दंड का प्रावधान है. धारा 295-ए भारत के क़ानूनों की एक ग़ैर-जनवादी धारा है, जिसे ख़त्म …

विशाखदत्त, यूट्यूब, और चाणक्य का अविष्कार…

चन्द्रगुप्त मौर्य का राज्यारोहण और उसके जीवनकाल का आंखों देखा विवरण, प्रसिद्ध नाटक मुद्राराक्षस से मिलता है. यहीं चाणक्य का प्रथम विवरण मिलता है, उसका लेजेंड खड़ा होता है. यह लेजेंड अगर उनका ट्विटर बायो होता, तो यह कहता – ‘एक ब्राह्मण, जिसने नंद वंश का नाश करने की कसम ली. और सड़क से उठाकर चन्द्रगुप्त को सम्राट बना दिया.’ …

मायावती- द स्टेपिंग स्टोन !!!

पुरानी कथा है, एक बार दो मित्र, ज्योतिषी के पास गए. ज्योतिषी ने कुंडली देखी, हाथ और ललाट का अध्ययन किया और फिर बांचना शुरू किया – पहले को बताया – तुम्हारा शानदार वक्त आ रहा है. तगड़ा राजयोग है, छह माह में राजा बन जाओगे… जातक की आंखों में चमक आई, दक्षिणा दी, और चलता बना. दूसरे को बताया- …

सरकार की वादाखिलाफी से परेशान किसान मजदूर सड़कों पर आने को मजबूर

पूरा देश बड़े पैमाने पर देखता और सुनता चला रहा है कि जिसमें किसानों और मजदूरों को आंदोलन करने के लिए दोषी बताया जा रहा है. सरकार का पूरा अमला, कॉरपोरेट की पूरी प्रेस और पूरा जेबी मीडिया इस अभियान में लगा हुआ है जिसमें किसानों और मजदूरों को सड़क जाम करने का दोषी बताया जा रहा है. हकीकत यह …

नालन्दा विश्वविद्यालय

नालन्दा पटना से दक्षिण की ओर 50 मील की दूरी पर है, जिसका इतिहास 450 ई. से शुरू होता है क्योंकि 410 के लगभग आये चीनी यात्री फ़ाहियान ने यहां किसी विश्वविद्यालय का उल्लेख नहीं किया, जबकि वह नालन्दा की यात्रा पर गया था. नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त सम्राट कुमारगुप्त शक्रादित्य ने किया था (414-445 ई.). नरसिंह गुप्त और …

भाजपा को औकात बताने के लिए राहुल को डीके की जरूरत है !

जिस कॉलेज से आप पढ़ें हो, उस कॉलेज से आपको लेक्चर देने बुलवाया जाये, इससे बड़ा सम्मान कुछ नहीं होता. इस बात को वही समझ सकता है, जिसने यह क्षण जिया हो. कॉन्वेंट और विदेश की पढ़ाई का बुरा असर यह होता है कि दिमाग अंग्रेजी में सोचता है, और जुबान उसे हिंदी में कहती है. और दो भाषाओं में …

जॉबलेस ग्रोथ : आर्थिक सवाल हमारी जिंदगी की धुरी हैं लेकिन वे हमारी राजनीति के हाशिए पर हैं

एक आर्थिक विशेषज्ञ बता रहे थे कि पिछले दस साल में कॉरर्पोरेट घरानों द्वारा लिए गए तेरह लाख करोड़ रुपयों के बैंक लोन ‘बैड लोन’ घोषित हो गए और उन्हें माफ कर दिया गया. तेरह लाख करोड़ रुपये ! जनता का पैसा. हमारे कलेजे को खुरच खुरच कर विभिन्न तरह के टैक्स के रूप में वसूला गया पैसा, महज दस …

कैलेण्डर में महाघोटाला : ब्राह्मणिज्म, बुद्धिस्ट कैलेण्डर के आधार पर पर्व त्योहार क्यों मना रहा ?

किसी भी धर्म में पर्व त्योहार उसकी रीढ़ की हड्डी होते हैं. पर्व त्योहार कब बनाए जाएं इसके लिए कैलेण्डर का होना ज़रूरी होता है. कैलेण्डर एक तरह से उस धर्म मज़हब रिलीजन के कितने पुराने होने का सबूत भी होते है. सवाल है ब्राह्मणिज्म का कैलेंडर कहां है ? और कब का है ? रोमन अपने समय में रोमन …

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